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सामूहिक भोजन और भजन से परिवार में रहेगा प्यार: उत्तम स्वामी
सामाजिक समरसता को समर्पित रहा राम नाम लेखन महायज्ञ
इन्दौर. पुरूषार्थ वासुदेव कुटुम्बकम सेवा संस्थान द्वारा मंगलवार को रेसकोर्स रोड़ स्थित अभय प्रशाल में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य को लेकर राम-नाम लेखन का आयोजन किया गया. इस राम नाम लेखन में सभी धर्मों के लोगों ने सामूहिक रूप से शामिल होकर 108 बार राम नाम लिख सामाजिक समरसता का भी परिचय दिया.
पुरूषार्थ वासुदेव कुटुम्बकम सेवा संस्थान अध्यक्ष नानूराम कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि मां अहिल्या की नगरी में यह राम नाम लेखन का कार्यक्रम प्रदेश का अब तक सबसे बड़ा सामूहिक महायज्ञ का आयोजन था. जो किसी धर्म, संप्रदाय और राजनीति से प्रेरित न होकर सामाजिक समरसता की मिसाल बना.
अभय प्रशाल में शाम 7 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम की शुरूआत उत्तम स्वामी महाराज ने भगवान राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की. उन्होंने कहा कि राम नाम जपने मात्र से ही अगर मनुष्य के सभी दु:ख दर्द दूर हो जाते है। तो कोई कितना भी बुरा व्यक्ति क्योँ ना हो, केवल एक बार राम नाम लेने मात्र से ही उस मनुष्य के भी पापो को हर लेते है. राम..राम कहने से राम मिले या ना मिले लेकिन राम नाम लेने मात्र से ही आप मर्यादा पुरषोतम राम जेसे आदर्शवादी जरूर बन जाओगे.
हमारे घर में हम सामूहिक भोजन और सामूहिक भजन करें तो परिवार में प्यार हमेशा ही बना रहेगा. कार्यक्रम में सभी वर्गों के लोगों को लेखन सामाग्री भी संस्था की ओर से नि:शुल्क वितरित की गई थी. जिसमें सभी वर्गों ने 108 बार राम नाम लिखकर राम की महिमा जानी एवं सामाजिक समरसता का भी परिचय दिया. 10 हजार लोगों ने सामूहिक राम नाम लेखन कर 10 लाख 80 हजार बार राम नाम लिखकर इन्दौर में इतिहास रच दिया.
501 मंदिरों के पुजारियों का सम्मान
राम नाम लेखन महायज्ञ के इस कार्यक्रम में जहां सामाजिक समरसता देखने को मिली वहीं इस कार्यक्रम में संस्था द्वारा शहर के 501 मंदिरों के पुजारियों का भी शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। वहीं इन मंदिरों में खजराना गणेश, रणजीत हनुमान, बिजासन, अन्नपूर्णा, वैष्णव धाम, महालक्ष्मी मंदिर सहित अनेक मंदिरों के पुजारियों को सम्मानित किया गया।
नि:स्वार्थ समाजसेवी भी सम्मानित
संस्था द्वारा कार्यक्रम में अलग-अलग समाजों से आए वरिष्ठजनं और समाजसेवियों का भी सम्मान किया गया। अपने जीवन में नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा, चिकित्सा, मानव सेवा, गौ सेवा जैसे कार्यों में अपनी नि:स्वार्थ देने एवं समाज स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में अपना योगदान देने वाले समस्त समाजसेवियों को पं. पू. उत्तम स्वामी महाराज के सान्निध्य में सम्मानित किया गया.