लाल किला महोत्सव भारत भाग्य विधाता में मातृभूमि- प्रोजेक्शन मैपिंग शो को मिला दर्शकों का जबरदस्त रिस्पांस

हजारों-हजार आगंतुकों में देशप्रेम का गौरव भर देने वाला चमकती लाइट, साउंड और संगीत का अपनी तरह का अनूठा शो अब लाल किला का स्थाई कार्यक्रम बनेगा

नई दिल्ली: विश्व की प्राचीनतम सभ्यता के एक दस्तावेज के तौर पर अप्रैल 3 तक सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक चलने वाले लाल किला महोत्सव-भारत भाग्य विधाता में दिखाए जा रहे प्रोजेक्शन मैपिंग शो को दर्शकों का जबरदस्त प्यार व उत्साहवर्धन मिल रहा है जिसके चलते अब इसे स्थाई कार्यक्रम बना दिया गया है जो पूरे साल चलता रहेगा।

भारत में पहली बार संगीत, लाइट और साउंड के प्रयोग से मातृभूमि के जरिए उच्च स्तरीय तकनीक से भव्य मनोरम दृश्य पैदा किया गया है। प्रोजेक्शन मैपिंग शो में लंबे, अनूठे व विचित्र इतिहास को दर्शाया जा रहा है जो हमारे महान देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का संचार करते हुए उन्हें गौरव से भर देता है।

भारत की आजादी के 75 वें साल के आयोजन के तहत भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव के एक अंग के तौर पर भारत भाग्य विधाता ने इस महोत्सव के जरिए देश ही नहीं बल्कि विश्व में महानतम सांसकृतिक सम्मेलन का दर्जा हासिल कर लिया है। मातृभूमि शो के माध्यम से संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने मौन्यूमेंट मित्र, डालमिया भारत लिमिटेड के साथ मिलकर भारत के समृद्ध इतिहास व धरोहर को नयी पीढ़ी के सामने परस्पर संवादों के साथ लाल किले पर प्रदर्शित किया है।

देश भर की प्रतिष्ठित हस्तियां इस महोत्सव की साक्षी बन चुकी हैं। उद्घाटन समारोह में भारत सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी और मौन्यूमेंट मित्र, डालमिया भारत लिमिटेड के प्रबंध निदेश श्री पुनीत डालमिया की गरिमामयी उपस्थिति रही। लाल किले पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन करने वाले पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना व संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री गोविंद मोहन भी उद्घाटन रात्रि में मौजूद रहे।

सुंदर अवधारणा, स्क्रिप्ट के साथ पेश किया गया 30 मिनट का शो अपने आप में शानदार सांस्कृतिक व दर्शनीय अनुभव है। लाल किला महोत्सव-भारत भाग्य विधाता में अप्रैल 3 तक जारी इस प्रोजेक्शन में सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है। इसके लिए निर्धारित समय निम्नवत है।

मार्च 29 से मार्च 31— शाम 7.30 बजे से 8.00 बजे तक

अप्रैल 1 व अप्रैल 2— रात 8.30 बजे से 9.00 बजे तक

अप्रैल 3—शाम 7.30 बजे से 8.00 बजे तक

अगर आप इस प्रोजेक्शन शो को देखने के लिए महोत्सव में नहीं पहुंच सके हों तो चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि महोत्सव में इस शानदार प्रोजेक्शन को मिले दर्शकों के प्यार व उत्साह के चलते इसे लाल किले का स्थाई कार्यक्रम बना दिया गया है। इस लिए 10 दिनों के महोत्सव के समाप्त होने के बाद भी शो पूरे साल चलता रहेगा।

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