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पंथ और गुटों की दीवारें ढहाए बिना सुंदर समाज नहीं बन सकता
जैन सोशल ग्रुप्स इंटरनेशनल की मेजबानी में पहली बार एक मंच पर आए सभी जैन संत और समाजों के प्रतिनिधि
इंदौर। आज समाज में हाथ छोड़ कर चलने और टांग खींचने का रिवाज बड़ गया है। बबूल के बीज बो कर आम के फल नहीं मिल सकते। समाज में कुछ लोग खरगोश की तरह छलांग लगा रहे हैं तो कुछ कछुए की तरह रेंग रहे हैं। आज जिस तरह यहां एक मंच पर शहर का समूचा जैन समाज और सभी साधु-संत जमा हुए हैं, कुछ ऐसा ही चातुर्मास में भी होना चाहिए।
समाज में बन गई पंथ और गुटों की दीवारें अब ढहा देना चाहिए। दो प्रतिशत के चक्कर में 98 प्रतिशत एकता को हम अनदेखा कर रहे हैं। इन दीवारों को ढहाए बिना सुंदर समाज का निर्माण नहीं हो सकता। दीवारें हटा कर एक सुंदर हॉल न भी बने तो कम से कम इन दीवारों में दरवाजे तो जरूर बनाओ, ताकि आने-जाने का रास्ता तो बना ही रहे। देश में जातिवाद का विषाक्त वातावरण है, अभी भी नहीं संभले तो फिर कभी नहीं संभल पाएंगे।
ये प्रेरक और खरे-खरे विचार हैं गच्छाधिपति जिनमणिप्रभ सागर म.सा के, जो उन्होने जैन सोशल ग्रुप्स इंटरनेशनल फेडरेशन के इंदौर रीजन ‘अहिल्या’ के सेवा सप्ताह में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महावीरबाग में आयोजित विराट संत समागम में व्यक्त किये। इस अवसर पर जैन समाज के सभी घटकों के प्रतिनिधियों और शहर में विराजित संतो की निश्रा में झंडा वंदन और राष्ट्र गीत के माध्यम से राष्ट्र की आराधना के बाद देश के वर्तमान हालातों और जैन समाज की वर्तमान तस्वीर पर प्रवचन का प्रभावी आयोजन भी संपन्न हुआ जिसमें पहली बार दिगम्बर, श्वेताम्बर, स्थानकवासी, तेरापंथी एवं खतरगच्छ सहित सभी संतो एवं साध्वी मंडल ने एक स्वर से जैन समाज में एकता और कुरीतियों के उन्मूलन का आव्हान किया। धर्मसभा में मुनिश्री सम्यकचंद्र सागर म.सा. साध्वी अमित दृष्टाश्रीजी म.सा. आदिठाणा सहित 50 से अधिक साधु-साध्वी भगवंत मौजूद थे।
धर्मसभा का शुभारंभ खतरगच्छाचार्य प.पू. आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीजी म.सा. की निश्रा में ध्वज वंदन के साथ हुआ। लगभग 7 हजार समाज बंधुओं की महती उपस्थिति में फेडरेशन के रीजन चेयरमेन ललित सी. जैन, अजीत ललवानी आदि ने राष्ट्र धर्म के साथ फेडरेशन के सेवा प्रकल्पों की जानकारी देते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. ने देश की 54 करोड़ युवा शक्ति से देश और समाज की समृद्धि में योगदान का आग्रह किया। उन्होने भ्रष्टाचार पर भी बेबाक विचार रखे।
युवा मुनि मनकचंद्र सागर म.सा. ने भी इंदौर की स्वच्छता का उल्लेख करते हुए अंदर की सफाई पर जोर दिया। स्थानकवासी संत गौतम मुनि प्रथम ने भी अनेक खरी खरी बातें कहीं। उन्होने कहा – पहले हमारे श्रावक गायें पालते थे, अब कुत्ते पाल रहे हैं। महिलाएं फैशन में डूब कर अपने बच्चों को भी बिगाड़ रही है। जैन बंधुओं के यहां रात्रि भोज और विवाह आदि में वैभव के प्रदर्शन की होड़ मची हुई है। अखबारों में आए दिन बहू – बेटियांे के अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं आती रहती है। हमारी बहू-बेटियां जिनालयों और स्थानकों में खुले सिर से प्रवेश करती है। धर्म को आज खतरा किसी और से नहीं, समाज के ठेकेदारों से ही है। समाज प्रदर्शन और दूरदर्शन की जगह आत्म दर्शन शुरू करे तो कुछ उम्मीद हो सकती है।
दिगम्बर जैन समाज के आचार्य अनेकांत सागर म.सा. ने कहा कि जैन धर्म चर्चा का नहीं ,चर्या अर्थात आचरण का विषय है। धर्म आत्मा का स्वभाव है। जीवन में श्रद्धा और भक्ति का जागरण हुए बिना जीवों को शांति नहीं मिल सकती। आत्मा और परमात्मा, दोनों दुर्लभ तत्व है। अनेकता में एकता ही भारत की खुबी है। मंदिर और तीर्थो में जाकर भी आज का मानव पाप के भय से मुक्त नहीं हो पा रहा है। आज कल प्रभावना बहुत हो रही पर भावना का मार्केट गिर रहा है। वक्त आ गया है कि सभी जैन समाज एक हो कर अपने धर्म और राष्ट्र को मजबूत बनाए अन्यथा आने वाली तस्वीर अच्छी नहीं होगी। संतो के चरण छूने के बजाय उनके आचरण को छूने का प्रयास करें।
गच्छाधिपति जिनमणिप्रभ सागर म.सा. ने कहा कि आजकल अच्छे दिनों की उम्मीद की जा रही है, इसका मतलब अभी अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। वोट की राजनीति के दौर में जैन समाज को अपने वोट का मूल्य तभी समझ में आएगा, जब वह एकता को ही समाज की चिंता समझेगा। समाज को अपने स्वार्थ एवं विचारों पर चलाने वालों को समझना चाहिए कि एक और एक ग्यारह का सूत्र अधिक प्रभावी होगा।
शहर के जैन समाज के इतिहास में यह एक अनूठा कदम माना जा रहा है, जब संतो के साथ शहर के लगभग सभी प्रमुख जैन संगठनों के प्रतिनिधियों के रूप में चंदनमल चौरड़िया, शांतिप्रिय डोसी, हंसराज जैन, डॉ. प्रकाश बांगानी, सुरेन्द्र संघवी, शेखर गिलड़ा, यशवंत जैन, दिलसुख राज कटारिया, विजय मेहता, नरेन्द्र वेद , प्रकाश भटेवरा, संजय लुणावत, मनोज लोढ़ा, अतुल झामड़,सुरेंद्र बाकलीवाल, कैलाश वेद, योगेन्द्र कीमती, मनीष सुराना, मनोहर दलाल, प्रीतेश ओस्तवाल, दिलीप सी जैन, जैनेश झांजरी, सुरेन्द्र झाजेड़,वीरेन्द्र बड़जात्या, विधायक सुदर्शन गुप्ता, पार्षद दीपक जैन, मनोज मिश्रा सहित अनेक गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।
उपस्थिति के लिहाज से सभी संतों ने भी कहा कि महावीर बाग में इतना जन सैलाब पहले कभी नहीं देखा। संचालन विजय सामोता ने किया और आभार माना राजेश मेहता ने । फेडरेशन के मेन, सिटी एवं नवकार ग्रुप की ओर से प्रदीप चौधरी, सुनील शाह, नीलेश चिप्पड़, अरविंद कोठारी, सुशील मेहता, हेमेन्द्र श्रीश्रीमाल नीलेश वडेरा, संजय बोहरा, अजीत तांतेड़, नीरज कटारिया, शैलेष जैन, विकास जैन सहित ग्रुप के सदस्यों का इस आयोजन में विशेष योगदान रहा। सेवा सप्ताह में आज से यूनिक हॉस्पिटल में दो दिवसीय हेल्थ कंेप भी प्रारंभ हुआ जिसमें 108 दिव्यांगों के ऑपरेशन एवं 200 के डायलिसिस होंगे। अभय प्रशाल में 18-19 अगस्त को इन्डोर गेम्स होंगे।
संलग्न चित्र – जैन सोशल ग्रुप्स इंटरनेशनल फेडरेशन के सेवा सप्ताह के अंतर्गत महावीर बाग में राष्ट्र वंदना के कार्यक्रम में संत जिनमणिप्रभ सागर म.सा की निश्रा मंे ध्वजारोहण का दृश्य। दूसरे चित्र में दिगम्बर जैन समाज के संत अनेकांत सागर म.सा. एवं श्वेताम्बर संत आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीजी म.सा. उपस्थित जन सैलाब को संबोधित करते हुए।