आडिटर ऑडिट रिपोर्ट चेक करके ही साइन करे

कंपनीज़ ऑडिट पर सेमिनार का आयोजन सीए भवन इंदौर में किया गया

इंदौर सीए शाखा द्वारा नए कंपनीज एक्ट 2013 के अमेन्डेड प्रावधानों के मद्देनजर किए जाने वाले कंपनी ऑडिट पर सेमिनार का आयोजन सीए भवन में किया गया I
इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए अभय शर्मा ने बताया कि हाल ही में कंपनीज एक्ट 2013 में काफी अमेंडमेंड किए गए हैं जिस के मद्देनजर चार्टर्ड अकाउंटेंट को कंपनी ऑडिट के दौरान कई सावधानियां बरतनी होगी तथा कई नए सेक्शंस का कंप्लायंस इंश्योर करना होगा।

सीए अभय शर्मा ने बताया कि कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास फ़ाइल करने होते हैं तथा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास फ़ाइल होते से ही सारे डॉक्युमेंट्स पब्लिक डॉक्युमेंट्स बन जाते हैं। इनकम टैक्स, जी एस टी या अन्य विभाग अपने एक्ट के एसेसमेंट के समय रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के समक्ष फ़ाइल किए गए पेपर का भी यूज करते हैं इसलिए आडिटर के लिए यह आवश्यक है कि जो भी ऑडिट रिपोर्ट साइन कर रहा है उसे 360* चेक करके ही साइन करे।

सीए असीम त्रिवेदी ने कहा कि आडिटर को कंपनी के ऑडिट एविडेंस के रूप में वर्किंग पेपर जरूर संभाल कर रखना चाहिए क्योंकि भविष्य में इसे आडिटर रिपोर्ट के पक्ष में मांगा जा सकता है I यदि कंपनी के कांस्टीट्यूशन में कुछ चेंज हुआ है तो उसको भी रिपोर्ट करना होगा I कंपनी ने किसी दूसरी सब्सिडियरी, एसोसिएट या ज्वाइंट वेंचर में निवेश किया है तो उस एसोसिएट या ज्वाइंट वेंचर के फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी इस कंपनी के साथ कंसोलिडेट होंगे।

सीए त्रिवेदी ने कहा कि यदि कंपनी ने रिलेटेड पार्टी के साथ ट्रांसेक्शन किया है तो आडिटर को यह देखना होगा कि ऐसा ट्रांसेक्शन फेयर मार्केट वैल्यू पर ही हुआ है या नहीं । उन्होंने कहा कि यदि कंपनी के पिछले फाइनेंशियल स्टेटमेंट तथा इस साल के फाइनेंशियल स्टेटमेंट जिसका ऑडिट किया जा रहा है, दोनों में बहुत ज्यादा वेरिएशन आ रहा है तो उस वेरिएशन के कारण को भी ऑडिट रिपोर्ट में दर्शाना होगा । आडिटर को कैश तथा फिक्स्ड एसेट का फिजीकल वेरिफिकेशन भी करना होगा। सीए त्रिवेदी ने कहा कि कंपनी में ऐसे एम्पलॉइज जिसके पास महत्वपूर्ण तथा सेंसेटिव रिस्पांसिबिलिटी का प्रभार है, का कार्य परिवर्तन तथा रोटेशन किया जा रहा है कि नहीं । ऐसे एम्पलॉइ को साल में कुछ दिन की कंपलसरी लीव दी जा रही है कि नहीं इसकी रिपोर्टिंग भी आडिटर को करना होगी।
सीए त्रिवेदी ने कहा कि आडिटर को कंपनी के गोईंग कंसर्न याने फाइनेंशियल ईयर क्लोज़ होने के पश्चात कंपनी के साथ ऐसी कोई घटना तो नहीं हो गई है जैसे आग, बाढ़ इत्यादि के कारण कंपनी का अस्तित्व संकट में आ गया हो, को आवश्यक रूप से रिपोर्ट करना होगा कि बैलेंस शीट डेट याने 31/03/2018 को कंपनी के गोईंग कंसर्न में कोई प्राब्लम नहीं थी लेकिन 31/03/2018 के बाद लेकिन ऑडिट रिपोर्ट डेट के पहले आग/बाढ़ इत्यादि के कारण कंपनी के अस्तित्व पर संकट है या खतरा है। उन्होंने कहा कि बैलेंस शीट डेट से तीन महीने तक की मेच्योरीटी डेट के बैंक फिक्स्ड डिपोजिट को कैश एंड कैश इक्वाइवलेंट में शो करना होगा I
सेमिनार का सञ्चालन सचिव सीए हर्ष फिरोदा ने किया तथा इस अवसर पर सीए अभिषेक माहेश्वरी, सीए सुनील माहेश्वरी, सीए सिद्धार्थ महाजन इत्यादि मौजूद थे I

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