मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडवर्ब बॉट-वर्स, दुनिया की सबसे बड़ी आधुनिक मोबाइल रोबोट निर्माण सयंत्र का ग्रेटर नोएडा में किया उद्घाटन

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200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, बॉट-वर्स का निर्माण और संचालन अभूतपूर्व तरीके से सिर्फ एक वर्ष से भी कम समय में किया गया।

बॉट-वर्स १५ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और यह प्रतिवर्ष १,००,००० रोबोट निर्माण करने की क्षमता रखता है, साथ ही साथ युवा जनता के लिए ३००० से अधिक कुशल रोज़गार प्रदान करेगा।

बॉट वर्स एक पर्यावरणीय निरंतरता को सराहने वाला मानदण्ड है जिसमें २०,००० वर्ग मीटर का हरित क्षेत्र है, और ९०० वर्ग मीटर का माइक्रोफ़ॉरेस्ट है जहां लगभग १०० स्थानीय वृक्ष प्रजातियाँ शामिल हैं।

भारत, 26 जून, २०२३: एडवर्ब एक वैश्विक रोबोटिक और ऑटोमेशन कंपनी है, जिसका मुख्यालय नोएडा में स्थित है। एडवर्ब ने ग्रेटर नोएडा में १५ एकड़ भूमि पर अपने दूसरे ग्रीनफील्ड रोबोट निर्माण संयंत्र की स्थापना और उद्घाटन किया है। यह सयंत्र उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा उद्घाटित किया गया है और यह एडवर्ब का उत्तर प्रदेश में स्थापित केवल तीन साल का दूसरा निर्माण संयंत्र है।

एडवर्ब ने हाल ही में नोएडा में एक सॉफ्टवेयर विकास केंद्र खोला है, जो वैश्विक ग्राहकों के लिए वेयरहाउस रोबोटिक्स और सामग्री हैंडलिंग समाधानों के लिए मूल्ययुक्त सॉफ्टवेयर प्रदान कर रहा है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दृष्टिकोण और उत्तर प्रदेश प्रशासन की परिणामशील और उद्योग-केंद्रित पहल ने एडवर्ब के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, और उन्होंने दूसरे रोबोट निर्माण सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निवेश और अमूल्य सहयोग करने का निर्णय लिया है। एडवर्ब ने यूपी प्रशासन के प्रखर केंद्रित, निरंतर और दृढ़ सहायता के साथ “बॉट वर्स” का संचालन भूमि आवंटन की तिथि से केवल एक साल से भी कम समय में किया है। एडवर्ब ने अपनी स्थापना के साथ ही उत्तर प्रदेश के विकास में गहरी प्रतिबद्धता दिखाई है और कोविड महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद, मार्च २०२१ में “बोट-वैली “ नामक अपनी पहली रोबोट निर्माण सुविधा का संचालन किया है, जो कि भूमि की आवंटन के केवल १८ महीने के अंदर हो गया था ।

बॉट-वर्स, जिसका क्षेत्रफल ६,००,००० वर्ग फुट है, विभिन्न विशेषताओं और श्रेणियों के १,००,००० रोबोटों की वार्षिक निर्माण क्षमता रखता है। इसमें स्वयंसंचालित मोबाइल रोबोट (डायनामो), रोबोटिक सॉर्टर (ज़िपी), मल्टी-कार्टन पिकिंग रोबोट (वेलोस), कार्टन शटल (क्वाड्रॉन), पैलेट शटल (क्रूज़र), वर्टीकल सॉर्टेशन रोबोट (सॉर्टआईई), मल्टी-लेवल शटल (मीडियस), सहयोगी रोबोट(कोबोट्स) और मदर-चाइल्ड ए.एस.आर.एस (मल्टी-प्रो) सिस्टम शामिल हैं। बॉट वर्स एक पर्यावरणीय निरंतरता को सराहने वाला मानदण्ड है जिसमें २०,००० वर्ग मीटर का हरित क्षेत्र है, और ९००वर्ग मीटर का माइक्रोफ़ॉरेस्ट है जहां लगभग १०० स्थानीय वृक्ष प्रजातियाँ शामिल हैं। साथ ही ८०० किलोलीटर वर्षा जल संचयन की क्षमता वाला बायो- रिटेंशन पॉंड भी होगा, जो कई स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए घर बनेगा। यह आत्याधुनिक इकाई, राष्ट्र के युवाओं को ३,००० से अधिक उच्च कुशल नौकरियाँ प्रदान करेगी, तथा यह सयंत्र जाना जाएगा एक विशेष खूबी के लिए जहां रोबोट ही रोबोट बनाएंगे। एडवर्ब की स्थापना (२०१६) से लेकर अब तक एडवर्ब ने १,२०० करोड़ रुपये से अधिक की आय उत्पन्न की है और २०२७ तक एक बिलियन-डॉलर राजस्व कंपनी बनने का लक्ष्य है, जो उत्तर प्रदेश को १ ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने हेतु योगदान देने में सहायता करेगा।

एडवर्ब शीघ्र ही दूसरे चरण को सक्रिय करेगा और अपने लक्ष्य के प्रति योगदान देगा।
इस शुभ अवसर पर प्रस्तुत, एडवर्ब के अध्यक्ष, माननीय जलज दाणी जी ने कहा, “भारत में इस संयंत्र की स्थापना देश के रोबोटिक्स पारिस्थितिकी को मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और भारत को वैश्विक रोबोटिक्स उद्योग में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थान प्रदान करेगा, जिससे प्रौद्योगिकी उन्नति और आर्थिक विकास दोनों बढ़ेंगे। इसके साथ ही, यह उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक उद्देश्य से मेल खाता है।“

“यह नवीनतम एकाई एडवर्ब को विश्व पटल पर रोबोट के विशाल विनिर्माण मैं अलग पहचान दिलाएगी, और भारत में रोबोटिक्स पारिस्थितिकी के विकास में मदद करेगी। यह कटिंग-एज सॉफ्टवेयर और मजबूत हार्डवेयर सिस्टम द्वारा अभिनव, फिक्स्ड और फ्लेक्सिबल ऑटोमेशन समाधानों के माध्यम से भारत में रोबोटिक्स इकोसिस्टम का विकास करेगा,” एडवर्ब के सी.ई.ओ. माननीय संगीत कुमार जी ने कहा। उन्होंने जोड़ा, “बॉट-वर्स भारत की एकमात्र मोबाइल रोबोट निर्माण सुविधा है, जो हमें ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के राह पर चलते हुए रोबोटों की वैश्विक मांगों की आपूर्ति करके हमारी मौजूदगी को ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दुबई, अमेरिका और यूरोप में बढ़ाने में मदद करेगा “

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