अल्ट्राटेक हर साल करीब 680 एमटी कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करेगी

मुंबई, जनवरी, 2024: भारत की सबसे बड़ी सीमेंट एवं रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने ‘ग्रीन मोबिलिटी’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश में स्थित अपनी इंटीग्रेटेड सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट धार सीमेंट वर्क्स से महाराष्ट्र में स्थित अपनी ग्राइंडिंग यूनिट धुले सीमेंट वर्क्स तक क्लिंकर की ढुलाई के लिए 5 इलेक्ट्रिक ट्रक पेश किये है.

अल्ट्राटेक ने भरोसे के साथ ढुलाई सुनिश्चित करने के लिए तीन चार्जिंग स्टेशन भी लगाये है, जिनमें से एक-एक दोनों यूनिट में हैं, और एक बीच रास्ते में. डीजल पर चलने वाले ट्रकों के बजाय इन 5 इलेक्ट्रिक ट्रकों से क्लिंकर की ढुलाई करने पर हर साल करीब 680 एमटी कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी.

अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर के सी झांवर ने कहा, “अल्ट्राटेक में हम अपने ऑपरेशन की वैल्यू चेन में सस्टेनेबिलिटी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह खुशी की बात है कि हम सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट पर अपनी प्रगति को तेज करने में सक्षम हैं. सीएनजी और एलएनजी ट्रक पहले से हमारे परिवालन में है. उनके अलावा अब इलेक्ट्रिक ट्रकों का सफल परीक्षण ‘ग्रीन मोबिलिटी’ को अमल में लाने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

अल्ट्राटेक सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट को अमल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कंपनी ने भारत सरकार की ‘ईफास्ट’ पहल के तहत जून 2025 तक 500 इलेक्ट्रिक ट्रकों को डिप्लॉय करने और अपने परिचालन में 1000 सीएनजी/एलएनजी वाहनों को शामिल करने का वादा किया है. अल्ट्राटेक पारंपरिक डीजल वाहनों को बदलकर उनकी जगह सीएनजी और एलएनजी ट्रकों को डिप्लॉय करने का उद्देश्य पाने के लिए अपने लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स के साथ काम कर रही है. अल्ट्राटेक भारत की पहली सीमेंट कंपनियों में से एक है, जिसने 2021 में सीएनजी वाहनों और 2022 में एलएनजी वाहनों के रूप में ‘ग्रीन लॉजिस्टिक्स’ को पेश किया है. लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स के साथ मिलकर किए जा रहे निरंतर प्रयासों के दम पर अभी कंपनी के पास 390 से ज्यादा सीएनजी ट्रक और 50 एलएनजी ट्रक परिचालन में हैं, जो 17 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम कर रहे हैं.

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