बाँसुरी-यात्रा में दर्शाया राधाकृष्ण का नि:स्वार्थ प्रेम 

इंदौर. कृष्ण और राधा का प्रेम बाँसुरी के बिना अधूरा माना जाता है।जब भी कृष्ण इसे बजाते थे, राधा उनकी ओर खिंची चली आती थीं. उनके नि:स्वार्थ, अनुकरणीय प्रेम का संदेश फैलाने के लिए स्टार भारत ने एक अनूठी बाँसुरी-यात्रा शुरू की है.
इसके माध्यम से हर किसी को राधाकृष्ण के पवित्र प्रेम का समीप से अनुभव करने और उसे समझने का अवसर मिलेगा. सोने से बनी 10 फ़ुट ऊँची बाँसुरी ने वृंदावन, मथुरा की पवित्र भूमि से अपनी यात्रा शुरू की, जहाँ इसे 151 पुजारियों ने आशीर्वाद दिया.
अपनी तरह की ये पहली बाँसुरी-यात्रा कल्पित वास्तविकता के  माध्यम से लोगों को राधाकृष्ण के युग में ले जाएगी और शानदार  अनुभव प्रदान करेगी. यह बाँसुरी यात्रा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 100 से ज़्यादा शहरों से होकर गुजऱेगी.
रविवार को यह शहर में थी. 56 दुकान पर आयोजित कार्यक्रम में जहां सिंगर अरफीन राना मीर ने कृष्ण भजन सुनाए. वहीं उपस्थित दर्शकों को राधा-कृष्ण की कहानी से भी रूबरू करवाया गया.

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