महामारी के दौरान बढ़ते डिजिटल डिवाइड के बीच Aakash EduTV के ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई

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अप्रैल, 2021 के बाद से Aakash EduTV के सक्रिय ग्राहकों की संख्या में 66% की वृद्धि हुई है, और नए ग्राहकों की संख्या में 44% की वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 29 जून, 2021: महामारी के दौरान शिक्षा भले ही ऑनलाइन हो गई हो, लेकिन भारत में बढ़ते डिजिटल डिवाइड के कारण हर छात्र के पास इसकी उपलब्धता नहीं है, दो-तिहाई से अधिक घरों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि अब छात्रों की सहायता के लिए टेलीविजन है जो कि Aakash EduTV के बढ़ते ग्राहकों के आधार से पता चलता है, यह Airtel DTH पर उपलब्ध एक शिक्षा टीवी है तथा स्कूली परीक्षा और मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग छात्रों को समर्पित है।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल), परीक्षण तैयारी सेवाओं में देश भर में अग्रणी, द्वारा अक्टूबर 2020 में लॉन्च किया गया Aakash EduTV ने अप्रैल 2021 से सक्रिय ग्राहकों और नए ग्राहकों की संख्या में क्रमशः 66% और 44% की वृद्धि हुई है।

Aakash EduTV लाइव लेक्चर, रिवीजन के लिए रिकॉर्ड किए गए लाइव लेक्चर, डाउट क्लियरेंस, मोटिवेशनल लेक्चर, NEET और JEE टिप्स एंड ट्रिक्स, पिछले पेपर का डिस्कशन, आदि ऑफर करता है। यह कक्षा 9 के स्कूली छात्रों तथा मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए मददगार होता है। Aakash EduTV करियर परामर्श कार्यक्रम भी प्रदान करता है जिसका मूल्य मात्र 8.23 रुपये प्रति दिन है।

Aakash EduTV के ग्राहकों की संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि कुल 25 करोड़ घरों में से 18 करोड़ से अधिक घरों के पास पहले से ही टीवी है और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, डीटीएच प्रसारण की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार जो की भारत में कुल टेलीविजन ग्राहकों की संख्या का 37% हिस्सा है तथा यह तेजी से बढ़ रहा है। इसके विपरीत, मौजूदा डिजिटल डिवाइड का मतलब है कि केवल 25% भारतीय परिवारों के पास इंटरनेट की सेवा उपलब्ध है।

जिस प्रकार महामारी कई लोगों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, आने वाले दिनों में डिजिटल डिवाइड बढ़ सकता है, जिससे अधिकांश छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा मुश्किल हो जाएगी। इस परिप्रेक्ष्य को यूनिसेफ की 2021 की रिपोर्ट द्वारा साझा किया गया है, जिसका शीर्षक COVID-19 एंड स्कूल क्लोजर: वन ईयर ऑफ एजुकेशन डिसरप्शन है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि पिछले वर्ष भारत में केवल 8.5% स्कूली छात्रों की इंटरनेट तक पहुंच है।

Aakash EduTV के विकास के बारे में टिप्पणी करते हुए, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री आकाश चौधरी ने कहा, “महामारी के कारण, 15 लाख से अधिक स्कूल बंद हुए हैं, और लगभग 28 करोड़ प्राथमिक से माध्यमिक कक्षा स्तर के छात्र शिक्षा से वंचित हैं। हालांकि ऑनलाइन शिक्षा एक बहुत अच्छा समाधान है, लेकिन यह न्यायसंगत नहीं हो सकता। हम जानते हैं कि आर्थिक रूप से वंचित परिवारों के छात्र ऑनलाइन सीखने में बहुत संघर्ष करते हैं। इसलिए, हमने एक साल पहले Aakash EduTV लॉन्च किया था, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, और जिनकी पढ़ाई पीछे छूटने का खतरा है। Aakash EduTV के साथ, छात्र सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन के बिना कक्षाओं में भाग ले सकते हैं। हमें खुशी है कि EduTV लाखों छात्रों को उनकी स्कूल परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री तक पहुंचने में मदद कर रहा है और उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद कर रहा है।

उन्होंने कहा कि देश भर में डिजिटल रूप से और नहीं जुड़े हुए लोगों; ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तथा अमीर और गरीब, लड़के और लड़कियां के बीच एक बड़ी खाई है।

नेशनल सैंपल सर्वे ऑन सोशल कंसम्पशन ऑफ़ एजुकेशन (2017-2018) के अनुसार, सबसे गरीब आय वर्ग में केवल 2% के पास कंप्यूटर और इंटरनेट है, केवल 3% के पास कंप्यूटर है, और 10% इंटरनेट के साथ कोई डिजिटल उपकरण है। लिंग कारक भी हैं – केवल 33% इंटरनेट उपयोगकर्ता महिलाएं हैं। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि घर में कंप्यूटर या पर्याप्त संख्या में मोबाइल उपकरणों की कमी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई में लड़कों को लड़कियों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है। इंटरनेट का उपयोग करने वालों में से केवल आधे के पास 512 केबीपीएस या उससे अधिक की मूल ब्रॉडबैंड गति है, और समान प्रतिशत उपयोगकर्ताओं को खराब कनेक्शन और सिग्नल की शक्ति से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

आकाश इंस्टीट्यूट अपने डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम (DLP) के माध्यम से छात्र को घर बैठे बहुत ही मामूली कीमत पर गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। कार्यक्रम उन छात्रों के लिए आदर्श है जो दूरस्थ स्थानों के कारण नियमित कक्षा सत्र में भाग नहीं ले सकते हैं। हजारों छात्रों ने DLP अध्ययन सामग्री की मदद से NEET, JEE (मेन & एडवांस्ड) और अन्य राज्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं जैसी कठिन परीक्षाओं को पास किया है।

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