अपने वाहन में सदैव रखें महावीर रक्षा यंत्र

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतियाचार्य

अक्सर आपने देखा होगा कि लोग वाहनों में नींबू मिर्ची टांग देते हैं नजर उतारने के लिए काले धागे बांध देते हैं, पर उसके बाद भी वाहन दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, हजार प्रकार की सावधानियों के बावजूद भी दुर्घटनाएं हो जाती हैं जिसके कारण आपके प्राण भी संकट में पड़ सकते हैं फिर खराब हुए वाहनों को बनवाने में आपके घर का बजट भी बिगड़ जाता है।

महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ को भगवान श्री कृष्ण स्वयं चला रहे थे अर्जुन ने कहा कि मैं इस युद्ध में अवश्य ही विजित होउूंगा क्योंकि आप मेरे साथ हैं।
ध्यान देने योग्य बात है भगवान श्रीकृष्ण ने क्या कहा कि- “हे अर्जुन तुम जिस रथ पर बैठकर संग्राम कर रहे हो, उस रथ पर हनुमान ध्वजा स्थापित करना आवश्यक है और तुम पवन पुत्र सूर्य अंश हनुमान का स्मरण कर आवाहन कर उन्हें अपने इस वाहन पर स्थापित होने का निमंत्रण दो, उसके पश्चात तुम्हारा यह रथ कहीं भी नहीं रुकेगा, और तुम्हें सर्वत्र विजय प्राप्त होगी ।”

इसी संबंध में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है –
“भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावै।।”
“नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।”
“संकट ते हनुमान छुड़ावे मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।”

अपने वाहन में “महावीर रक्षा यंत्र” मौली बांधकर अवश्य रखें। यदि आप के वाहन पर उचित स्थान है तो वाहन की डेश बोर्ड पर डिक्की में अथवा किसी भी स्थान पर “हनुमान यंत्र” को रख सकते हैं “मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित महावीर रक्षा यंत्र” पवन पुत्र हनुमान की तंत्र तरंगों से युक्त होता है इस कारण वाहन और वाहन चालक दोनों की रक्षा होती है।

कहा जाता है कि सड़कों पर काल के रूप में यमराज अपना ग्रास बनाने के लिए घूमते रहते हैं इसीलिए विश्व में सबसे अधिक मृत्यु और अंग भंग की घटनाएं वाहन दुर्घटनाओं से ही होती है प्रतिवर्ष लाखों व्यक्ति वाहन दुर्घटनाओं के कारण असमय काल का ग्रास बन जाते हैं उनके शरीर के अंग भंग हो जाते हैं ऐसी स्थिति में प्रत्येक साधक को इस बात को ध्यान में रखकर अपनी वाहन में “महावीर रक्षा यंत्र” अवश्य रखना चाहिए हनुमान की मूर्ति वाहन में ऐसे वैसे स्थान पर नहीं रखनी चाहिए, हनुमान की मूर्ति का नित्य पूजन आवश्यक है जबकि महावीर रक्षा यंत्र जहां रहता है वहां अदृश्य रूप से हनुमान जी अपना आशीर्वाद एवं कृपा प्रदान करते रहते हैं ।

साधना तो करें इसके अलावा सुरक्षा हेतु नियम

1-वाहन चलाएं तो पूरे होशो हवास में चलाएं।
2- वाहन चलाने से पहले आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है ।
3-बच्चों को वाहन बिल्कुल चलाने के लिए ना दें।
4- चालक और सहयात्री दोनों हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें।
5 कोई भी नशा करके वाहन न चलाऐं।

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