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शहर में बेअसर रहा बंद, मंडी तक सिमटा
वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेसियों का मंडी में प्रदर्शन
इंदौर. नए कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को भारत बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेसी और अन्य संगठन सड़क पर उतरे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने छावनी अनाज मंडी पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि बंद शहर में बेअसर रहा और केवल मंडी ही बंद रही. कांग्रेसी भी ज्यादा भीड़ नहीं जुटा सके. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा.
भारत बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेसियों ने सुबह छावनी मंडी में पहुंचकर विरोध दर्ज करवाने को कहा था, लेकिन बहुत कम कार्यकर्ता यहां पहुंचे. पहले शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पहुंचे और फिर कुछ कार्यकर्ताओं के साथ अग्रसेन चौराहे से बाइक रैली के रूप में छावनी मंडी पहुंचे. इसके बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विशाल पटेल, सज्जन सिंह वर्मा सहित कई नेता मंडी पहुंचे. 11 बजे के लगभग दिग्विजय सिंह यहां पहुंचे.
सिंह मंडी गेट से करीब 100 मीटर दूर गाड़ी से उतरे और पैदल चलकर कांग्रेसियों के पास पहुंचे. सिंह के आने के बाद कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ बिल वापस लेने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ देर बाद कांग्रेसियों ने पुलिस-प्रशासन से चर्चा की और मंडी के भीतर पहुंचे. यहां मंडी का एक चक्कर लगाने के बाद हम्माल और तुलाई वालों से बात की. इसके बाद तुलाई वाली जगह पर खड़े होकर सिंह ने अपना उद्धबोधन दिया.
इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. उधर, बंद का शहरभर में कुछ ज्यादा असर नजर नहीं आया. कारण इंदौर में आलू, फ्रूट और सब्जी में कामकाज आमदिनों की तरह ही शुरू रहीं. यहां पर किसानों के फल-सब्जी का लेनदेन अलसुबह से ही चलता रहा। दुकानें भी समय के साथ धीरे-धीरे खुल गईं.
बिना चर्चा के लाए कानूनः दिग्विजय
करीब दो घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान सवा घंटे सिंह मंडी में मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सूट बूट वाली सरकार बिना किसी चर्चा के इस काले कानून को लेकर आई है. नोट बंदी में इसी सरकार ने गरीबों को लाइन में लगाया। उन्हें 500 का नोट साढ़े 3 से 400 रुपए में तो 1000 का नोट 700 से 800 रुपए में बेचना पड़ा.
भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने कुछ नहीं किया. जब 1947 में देश आजाद हुआ तो हमें करीब 100 करोड़ का गेहूं विदेशों से आयात करना पड़ा था. कांग्रेस के हरित क्रांति और सही नीतियों की वजह से हम 1980 में आयात की जगह गेहूं निर्यात करने लगे. मंडी कानून किसानों के लिए बना, ताकि उसे अच्छा भाव मिले, शोषण ना हो. ये मंडी कानून को खत्म करना चाहते हैं.
कांग्रेस सिर्फ किसानों के साथः पटवारी
पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि देश और किसानों को बताया जा रहा है कि मोदी जी ने जो निर्णय लिया, वह देश हित में लिया गया है और मोदी जी पर भरोसा करो. मोदी जी पर नोटबंदी के दौरान और दो करोड़ रोजगार देने वाली बात पर भी भरोसा किया. देश ने कोविड के पहले और बाद में भी भरोसा किया, लेकिन मोदी जी पास कहां पर हुए, जो देश उन पर अब भी भरोसा करे.
पटवारी ने कहा कि किसानों की हालत दिनोदिन बदतर होती जा रही है. किसान जब समर्थन मूल्य की बात करता है, तो कानून का एक अक्षर, एक लाइन कहीं नजर नहीं आती. बिना समर्थन मूल्य के किसान के उपज की गारंटी क्या? जब किसी व्यक्ति या कंपनी का एकाधिकार होगा तो उपभोक्ता पर असर नहीं आएगा, इसकी क्या गारंटी है मोदी जी के पास. कांग्रेस पार्टी सिर्फ और सिर्फ किसानों के साथ है.