अल्फाज़ों की रोशनी से गुलज़ार हुआ नेहरू पार्क

इंदौर. नेहरू पार्क में अखंड संडे द्वारा आयोजित 1132वें मुशायरे में शहर के जाने माने कवि एवं शायरों ने दीपोत्सव के पावन पर्व के उल्लास और उमंग को अपने गीत, गज़लों, छंद-मुक्त़ कविताओं  के माध्यम से व्यक्त कर समूचे नेहरू पार्क को अल्फाजों की रोशनी से गुलज़ार कर किया.
देवास टोंक खुर्द से आए लियाकत पटेल ने प्रेम भाईचारे का संदेश देती मालवी रचना – दीवारी की धाणी खाई… गुंजिया मिठाई खांवा… ज़ेहर भी मीठो लागे है प्रेम मनुहार को… दीवारी और ईद को संदेश अमन शांति… देश में प्रेम भाईचारा कायम रहे… विनती करा यां राम रहीम और रहमान से सुनाई.
दिनेशचंद्र तिवारी ने सभी के लिए मंगल कामना की –  जल उठे दीप प्यार का… जल उठे दीप मुस्कान का… रोशनी का सैलाब हो… यादों का मधुमास हो… जल उठे दीप विश्वास का. हंसा मेहता ने अबकी बार ऐसी हो दीपावली, चेहरे पर हो चमक… मन में हो उमंग, जब स्नेह का दीप जले… खुशियों के फूल खिले, महफूज़ रहे बेटियां घर आंगन में… शांति भाईचारा रहे  हिन्दुस्तान में सुनाककर दाद बटोरी.
शरीफ कैफ ने गज़ल –  आँधी नफरत की ज़माने में चली है यारों / दीप उल्फत के जलाऊँ तो जलाऊँ कैसे.  मुकेश इन्दौरी ने $गज़ल – तारीकियां वतन से मिटाने की बात कर / अपने लहू से दीप जलाने की बात कर सुनाया. अभिषेक स्वामी ने  सफयाना अंदाज़ में कुछ यूँ बयां किया – खुद अपने में रमा हुआ सा लगे हैं वो / भजन हरि के गले में कबीर सा लगे है वो.
ओम उपाध्याय, भीमसिंह पंवार,  जितेन्द्र राज, दिनेश ज़रीया , हरिकेश क्र ांति, नयन राठी, पूनम आदित्य आदि ने भी काव्य पाठ किया. संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया.

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