गुरू का अनुशासन स्वीकार करने से जीवन में आती है पूर्णता: मंदाकिनी दीदी

गुरू का अनुशासन स्वीकार करने से जीवन में आती है पूर्णता: मंदाकिनी दीदी

अयोध्या के रामापुरम ट्रस्ट द्वारा 3 विभूतियों को किंकर सम्मान इंदौर. अयोध्या स्थित रामापुरम ट्रस्ट द्वारा इस वर्ष के राम किंकर सम्मान समारोह के लिए देशभर से जिन तीन विभूतियों को समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए चयनित किया गया है, उनमें शहर के प्रमुख समाजसेवी प्रेमचंद गोयल का नाम भी प्रमुख है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या में आयोजित इस सम्मान समारोह में प्रख्यात मानस एवं भागवत मर्मज्ञ सुश्री मंदाकिनी रामकिंकर…

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मूल्य नहीं मूल्यबोध महत्वपूर्ण होता है: जिनमणिप्रभ

मूल्य नहीं मूल्यबोध महत्वपूर्ण होता है: जिनमणिप्रभ

इन्दौर. मनुष्य जीवन बहुत अमूल्य है या कहे हमारा जीवन कोहिनूर की तरह होता है. व्यक्ति आज अपने समय और जीवन के यथार्थ मूल्य नही समझकर छणिक पदार्थो के पीछे समय और श्रम व्यर्थ करता है इसीलिए ढाक के तीन पात वाली स्थिति ही बनी रहती है. इस मानव जीवन मे परमात्मा की देशना को जीवन मे उतारते हुए आत्मा व समय के मूल्य को समझकर मूल्य बोध का उदाहरण पेश करे। किसी भी वस्तु…

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भविष्य को सुधारने वर्तमान में अच्छे काम जरूरी: मनीषप्रभ 

भविष्य को सुधारने वर्तमान में अच्छे काम जरूरी: मनीषप्रभ 

इन्दौर. चातुर्मास एक व्यवस्था कैंप है. इस कैंप के लिए समय निकालें. चातुर्मास में कर्मों की बीमारी का इलाज मिलता है. चातुर्मास वह सीढ़ी है जिससे पता चलता है कि जीवन क्यों जीना है, कैसे जीना है, कैसे रहना है, क्या विचार व्यक्त करना है, चेतना को जगाना है. अंत में संकट में आने पर पश्चाताप करने से अच्छा है कि चातुर्मास में तप करें. उक्त विचार आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी के शिष्य मुनिराज मनीषप्रभ सागर…

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चातुर्मास में सद्गुरू की संगति पाकर जीवन का रूपांतरण करें: साध्वी डॉ. शिवाजी

चातुर्मास में सद्गुरू की संगति पाकर जीवन का रूपांतरण करें: साध्वी डॉ. शिवाजी

इन्दौर. महावीर नगर में स्थित जैन साधना भवन में आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि की आज्ञानुवर्ती श्रमणी गौरव डॉ. शिवाजी अपनी चार शिष्याओं सहित चातुर्मास के लिए जैन साधना भवन में विराजमान हो गई हैं. साध्वीजी ने शनिवार को जैन साधना भवन में सभी श्रावक-श्राविकाओं को जैन धर्म में चातुर्मास के महत्व विषय पर अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा की. उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा कि चातुर्मास का मंगल प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के मंगलकारी दिन…

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परिधानों के साथ व्यंजनों से सजा मेला

परिधानों के साथ व्यंजनों से सजा मेला

माहेश्वरी संखी संगठन संयोगितागंज का उमंग मेले इन्दौर. माहेश्वरी मालवा के व्यंजनों की खुशबू और त्यौहारों के मौसम में मेला सोने पर सुहागा है। त्योहारों पर लगाए जाने वाले मेले हमारी उत्सव प्रिय संस्कृति को बनाए रखते हैं। माहेश्वरी सखी संगठन संयोगितागंज ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रंगारंग उमंग मेले का दो दिवसीय आयोजन माहेश्वरी भवन ए.बी रोड़ नवलखा पर किया। मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री मांगीलाल झंवर (सुप्रसिद्ध उद्योगपित), श्री रविन्द्र राठी (…

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126 दिव्यांग बच्चों ने एक साथ मनाया जन्मदिन

126 दिव्यांग बच्चों ने एक साथ मनाया जन्मदिन

इंदौर. उन्हें न तो अपना जन्म स्थान पता है और न ही जन्म दिनांक. पिछले कई वर्षों से वे पंचकुईया स्थित युगपुरूषधाम बौद्धिक विकास केंद्र पर रहकर अपनी शिक्षा-दीक्षा इस तरह पूरी कर रहे हैं मानो यही उनका घर है. इन सब निराश्रित या दिव्यांग बच्चों को युगपुरूष स्वामी परमानंद गिरि ने पिता के रूप में अपना नाम दिया है. आज गुरू पूर्णिमा के पर्व पर ऐसे 126 दिव्यांग बच्चों ने जब पहली बार एक…

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साक्षात शिव के समान होते है सद्गुरु: आचार्य शर्मा

साक्षात शिव के समान होते है सद्गुरु: आचार्य शर्मा

इंदौर. भारतीय सनातन संस्कृति का विशिष्ट पर्व व्यास पूर्णिमा आस्था, श्रृद्धा एवं समर्पण का पर्व है. यह सद्गुरुओं से प्रेरणा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने का मुख्य दिन है. जो शिष्यों को नई दिशा एवं संकेत देने के साथ ही कृतज्ञता ज्ञापित करने का सुअवसर प्रदान करता है. सद्गुुरु के सम्बन्ध बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं. सद्गुरु साक्षात शिव के समान होते है. उक्त विचार गुरुपूर्णिमा पर्व पर म.प्र. ज्योतिष परिषद् एवं शृंगेरी शंकराचार्य भक्त…

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कुम्हार की तरह शिष्य को गढ़ता है गुरु: मुक्तिप्रभ 

कुम्हार की तरह शिष्य को गढ़ता है गुरु: मुक्तिप्रभ 

इन्दौर. गुरु बिना जीवन सार्थक नहीं है. यदि माता-पिता रूठ जाए तो चिंता नहीं करना, बहन-संबंधी-मित्र रूठ जाए तो परेशान न होना, लेकिन गुरु रूठ जाए तो जीवन का ठौर नहीं है. गुरु के रूठने से भाग्य रूठ जाता है. आज शिष्यों में समर्पण भाव कम है. इससे गुरु भी अच्छे शिष्यों की तलाश में रहते है. शिष्यों में समर्पण और श्रद्धा का भाव होना आवश्यक है, क्योंकि गुरु कुम्हार की तरह होते है. उक्त…

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गुरु-शिष्ट का संबंध हृदय का: जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी

गुरु-शिष्ट का संबंध हृदय का: जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी

इन्दौर. जैन धर्म मे गुरु का विशेष महत्व है. अरिहंत प्रभु हमारे तीर्थंकर होने के साथ साथ हमारे गुरु भी है जिन्होंने हमे  जैन धर्म का ज्ञान कराया. गुरु भगवंत वो प्रसाद होते है वे जिसके भाग्य में हो उसे कभी कुछ माँगने की आवश्यकता ही नहीं रहती है. पिता पुत्र का सम्बंध तो खून का होता है लेकिन गुरु शिष्य का संबंध हृदय का होता है, तरंग का होता है. जब हृदय बोलता है…

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गूंजे सांई राम-सांई श्याम के जयघोष, निकली सांई बाबा की पालकी

गूंजे सांई राम-सांई श्याम के जयघोष, निकली सांई बाबा की पालकी

इन्दौर. गुरूपूर्णिमा पर शुक्रवार को सिरपुर तालाब स्थित गोवर्धन पैलेस कालोनी से सांई बाबा की भव्य पालकी यात्रा निकाली गई. इस पालकी यात्रा में हजारों की संख्या में महिला, पुरूष एवं बच्चे शामिल हुए. वहीं यात्रा के मार्ग में सभी युवाओं ने रहवासियों को स्वच्छता अभियान से जोड़ते हुए स्वच्छ इन्दौर-स्वस्थ इन्दौर का संदेश भी दिया. गोवर्धन पैलेस सांई सेवा समिति एवं यात्रा संयोजक राकेश सोमावत, सुभाष परमार एवं बाबूलाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए…

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