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दलहन विकास निदेशालय के निदेशक ने किया जिले का भ्रमण
सोयाबीन के संबंध में ली विभिन्न जानकारियां
इंदौर. दलहन विकास निदेशालय भोपाल के निदेशक डॉ. ए.के. तिवारी ने कृषि विभाग के अमले के साथ इंदौर में स्थित सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र, सोयाबीन के प्रदर्शन प्लांट तथा महू के विभिन्न गाँवों में सोयाबीन की वर्तमान स्थिति के संबंध में जानकारी ली. इस अवसर पर उप संचालक कृषि एस.एस. राजपूत तथा भारतीय सोयाबीन अनुसंधान की निदेशक डॉ. नीता खाण्डेकर और अन्य वैज्ञानिक मौजूद थे.
डॉ. तिवारी ने बदलते हुए जलवायु के परिपेक्ष्य में सोयाबीन कृषकों की आवश्यकता पूर्ति हेतु भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यक्रम तथा विकसित की गयी जलवायु सहिष्णु तकनिकी की जानकारी ली, उन्होंने अनुसंधान प्रक्षेत्र पर लगाए गए परीक्षणों का अवलोकन भी किया. डॉ. तिवारी ने भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर की निदेशक डॉ. नीता खांडेकर एवं अन्य शीर्ष वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की. चर्चा के दौरान बताया गया कि विगत कुछ वर्षों से सोयाबीन की फसल पर विपरीत मौसम की स्थिति होने पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। सोयाबीन के उत्पादन में कमी आ रही है.
भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान की निदेशक डॉ. नीता खांडेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि बदलते हुए जलवायु परिपेक्ष्य की स्थितियों सोयाबीन की जलवायु सहिष्णु तथा लचीली किस्मों एवं उत्पादन तकनीकी पद्धतियों के विकास हेतु भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा पहले ही अनुसन्धान परिक्षण कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जा रहा हैं. इस सिलसिले में इसी वर्ष मार्च महीने के दौरान विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल कुल 15 नवीनतम सोयाबीन की किस्मों को विमोचित किया गया है, जिसमें से अधिकतर 8 किस्में मध्यप्रदेश के लिए अनुशंसित की जा चुकी हैं. डॉ. तिवारी ने इंदौर भ्रमण के दौरान ग्राम कांकरिया विकासखंड महू में किसानों से भारत सरकार की योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की.