- "Anant Bhai Ambani's Vantara: EmpoweringWildlife, One Rescue at a Time"
- Deepti Sadhwani radiates in Gold: Unveiling Her Third Stunning Red Carpet Look at the 77th Cannes Film Festival
- अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट ने हंसल मेहता निर्देशित आगामी सीरीज 'स्कैम 2010 - द सुब्रत रॉय' का किया ऐलान
- अंतर्राष्ट्रीय निर्देशक सैंड्रिन बोनेयर के निर्देशन में बन रही बायोपिक "स्लो जो" में जैकी श्रॉफ होंगे लीड
- अभिनय देव निर्देशित, दिव्या खोसला अभिनीत 'सावी' के ट्रेलर 21 मई को होगा रिलीज़
कैंसर से डरना नहीं लड़ना है: डॉ. श्रीवास्तव
तेरापंथ महिला मण्डल का कैंसर के प्रति जन-जागरुकता कार्यक्रम
इन्दौर। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में इंदौर तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में कैंसर के प्रति जन-जागरुकता सेमिनार शैल्बी हॉस्पिटल में आयोजित किया। कार्यक्रम का प्रारंभ तेरापंथ महिला मंडल की बहनों के मंगलाचरण से हुआ।
ते.म.म. इन्दौर की अध्यक्ष साधना कोठारी व मंत्री अर्चना मेहता ने बताया कि सेमिनार मं शैल्बी हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. एस.पी. श्रीवास्तव ने कैंसर से डरना नहीं, लड़ना है विषय पर जानकारी देते हुए कैंसर के विभिन्न प्रकार, लक्षणों, सतर्कता व सावधानी के बारे में पी.पी.टी. के माध्यम से प्रस्तुति दी एवं बताया कि रेडियोथैरेपी के द्वारा कैंसर का उपचार आसान सरल व कम तकलीफदेह होने लगा है। रेडियोथेरेपी में अधिक ऊर्जा की एक्स-रेज का उपयोग ट्यूमर को कम करने व कैंस की कोशिकाओं को पूर्णतः मारने में किया जाता है।
रेडियोथैरेपी एक आधुनिक मशीन के द्वारा शरीर के बाहर से (External Beam Radiotherapy) व रेडियोएक्टिव पदार्थ को शरीर के अंदर रखकर (आंतरिक रेडियोथैरेपी या ब्रेकीथेरेपी) किया जाता है। जिन लोगों को कैंसर होता है, उनमें से लगभग आधे से ज्यादा लोगों को बीमारी के किसी न किसी चरण में रेडियोथैरेपी का उपयोग करना पड़ता है।
सेमिनार के अगले चरण में आर्थोपेडिक डॉ आशीष सेठ ने घुटने के दर्द, जोड़ों के दर्द व हड्डियों से संबंधित समस्या पर संक्षिप्त प्रस्तुति पीपीटी के माध्यम से दी एवं बताया कि घुटने पर किस प्रकार विपरित प्रभाव हमारे दैनिक दिनचर्या के कार्यों से पड़ता है जिन पर हम (महिलाएं) प्रायः ध्यान नहीं देते हैं। हड्डियों के लिये विशेषतः प्राकृतिक कैल्शियम विटामिन B12 व विटामिन D की आवश्यकता होती है।
डॉ. सेठ ने हड्डियों से संबंधित समस्याओं को दैनिक- दिनचर्या में किये गये कार्यों से कम या नियंत्रण करने के उपाय जिनमें रोज कम से कम 30 मिनिट तक चलना, शारीरिक व्यायाम – जो आपकी क्षमता के अनुसार करना चाहिये, संतुलित भोजन करना चाहिये, वजन पर नियंत्रण- जिससे हड्डियों पर दबाव न बने व जंक फूड व मादक पदार्थों से बचाव इत्यादि की जानकारी दी।
सेमिनार के अंत में तेरापंथ महिला मंडल की ओर से श्रीमती पूर्णिमा जी कोठारी श्रीमती शांताजी कांसवा, श्रीमती सरोज जी सुराणा व श्रीमती उर्मिला जी घिया के द्वारा डॉ.सेठ व डॉ. श्रीवास्तव का साहित्य के द्वारा सम्मान किया गया । कार्यक्रम के अंत में आभार मण्डल की मंत्री अर्चना मेहता ने माना।