कम्युनिटी वेलफेयर के अंतर्गत निःशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर आयोजित

इंदौर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक एवं सीसीआरएच, आयुष मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बतौर मुख्य चिकित्सक अपनी सेवा प्रदान की

आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन एवं मासिक स्वास्थ्य पत्रिका सेहत एवं सूरत तथा एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी के सयुंक्त तत्वाधान में ग्राम राजोदा में निःशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें इंदौर के सुप्रशिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक एवं सीसीआरएच, आयुष मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बतौर मुख्य चिकित्सक अपनी सेवा प्रदान की।

शिविर में ग्रामीणों को उनकी बीमारी से बचाव के तरीके बताने के साथ-साथ निःशुल्क होम्योपैथी दवा भी वितरण की गई। कई मरीजों को जोड़ों में दर्द गठिया के लिए योग एवं आसन भी बातए गए उम्र दराज लोगों को नियमित जाँच कराते रहने की सलाह भी दी। डॉ द्विवेदी ने बताया की ग्रामीणों में भी चिंता अवसाद तथा अनिद्रा के काफी सारे केसेस देखने को मिलो जो भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

डॉ द्विवेदी ने उपस्थित लोगों को हेल्थ टिप्स देते हुए संबोधित भी किया आपने लोगों से बात चीत के दौरान कहा की अक्सर व्यस्त जीवनशैली के चलते हमें कहीं ना कहीं चिंता तनाव होता ही है और यदि आपने ध्यान नहीं दिया तो कई बीमारियों का कारण हो सकता है। मानसिक अवसाद धीरे-धीरे आपकी ब्रेन मेमोरी को खोखला करता है, ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से लोग डिमेंशिया और अल्जाइमर के शिकार हो जाते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में भूल ही जाते हैं, परंतु जरूरत से ज्यादा इंपॉर्टेंट चीज भी बार-बार भूलना एक बीमारी का संकेत हो सकता है, इसलिए कम उम्र में ही है भूलने की बीमारी तो हल्के में ना लें, हो जाएं सावधान और अपनाएं होम्योपैथी इलाज।

डॉ द्विवेदी के अनुसार अगर आप भी अनिद्रा (कम नींद लेना) के शिकार हैं तो संभल जाइए, क्योंकि इसका असर आपकी ब्रेन मेमोरी पर पड़ता है। नींद कम आने की वजह से न सिर्फ आपका स्वास्थ्य खराब होता है, बल्कि धीरे-धीरे आपके लिए चीजों को याद रखना मुश्किल हो जाता है। घर में चाबी या जेब में पैसे रखकर भूल जाना कोई आम बात नहीं है। जिस उम्र में लोगों की याददाश्त दुरुस्त होनी चाहिए उस उम्र में चीजों को भूल जाना गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। टीनएजर्स में होने वाली इस बीमारी को डिमेंशिया या अल्जाइमर कहा जाता है। आखिर इतनी कम उम्र में इस बीमारी की वजह क्या होती है.? बार-बार भूलने की दिक्कत से न सिर्फ आपको कई मौकों पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है बल्कि यह आपके लिए अल्जाइमर जैसे गंभीर रोग का इशारा हो सकता है। इससे बचाव के लिए होम्योपैथी चिकित्सा की सलाह भी लोगों को दी।

कार्यक्रम का संचालन श्री प्रकाश पांचाल द्वारा किया गया आभार दीपाली पांचाल ने माना। कैम्प आयोजित करने की मुख्य भूमिका दीपेश पांचाल ने निभाई।

उक्त अवसर पर डॉ विवेक शर्मा, डॉ जितेंद्र कुमार पुरी ने मरीजों की जांच कर दवा वितरित किया। ओम प्रकाश, राहुल, सन्नी, आदित्य, मोहित, वैष्णवी एवं हर्षिता ने मरीजों का पंजीयन एवं दवा वितरण किया।

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