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दालों पर जीएसटी हटने से बढ़ जाएगा 150 देशों में कारोबार
इंदौर । ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रदर्शनी ग्रेन एक्स इंडिया का शुभारंभ हुआ । इस आयोजन में भाग लेने के लिए देशभर से दाल इंडस्ट्रीज के बड़े दिग्गज आए हुए है। कार्यक्रम के दौरान जंहा उत्पादन की नवीन तकनीकों का प्रदर्शन देशभर से आई कंपनीज ने किया वंही उद्योगपतियों ने ग्रेन इंडस्ट्रीज को आ रही चुनौतियां एंव संभावनाओं पर बात की ।
बायपास स्थित लाभगंगा कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय एग्जिबिशन ग्रेन एक्स इंडिया के पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे, शुभारंभ दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल , उपाध्यक्ष अनिल सुरेका, सुभाष गुप्ता , सचिव दिनेश अग्रवाल की मौजूदगी में हुआ । इस मौके पर सहित देश, विदेश के एक्सपर्ट भी उपस्थित थे। एग्जिबिशन में 100 से भी अधिक स्टॉल्स पर देश विदेश की कंपनियों की मशीन डेमो के लिए रखी गई है। इस दौरान कच्चे माल की उपलब्धता, कमी ,जीएसटी के प्रभाव, पैकेजिंग की चुनौतियां, अन्य सरकारी नीतियों और उनके निराकरण पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुरेश अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार ने 6 मई 2018 को पांच लाख मैट्रिक टन दाल उत्पादन की अनुमति दी थी। इसके विरुद्ध मद्रास उच्च न्यायालय ने 100 से अधिक व्यापारियों को सरकार के विरुद्ध आयात के लिए एक महीने का स्टे दे दिया। हमारे अनुरोध पर भारत सरकार ने अहमदाबाद की अमूल एजेंसी को 28 जनवरी 2019 तक के स्टे को ख़ारिज करते हुए भारत के आयात प्रतिबंध को नही माना और आयात 31 मार्च तक बंद हो गया।
इससे देश के किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलने का रास्ता साफ हुआ। भारत सरकार के नियम के विरुद्ध मद्रास हाईकोर्ट ने एक बार फिर नए व्यापारी को 15 दिन का स्टे दे दिया। हम भारत सरकार को इस मामले के लिए चिट्ठी लिखेंगे ताकि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएं। 2016 में 60 लाख मैट्रिक टन और 2017 में 63 लाख टन आयात हुआ।
वहीं 2017 में 165 मेट्रिक टन उत्पादन हुआ जिसका नतीजा यह रहा कि 2018 में देश में उत्पादन बढ़ गया। उत्पादन बढ़ने से देश के बाहर आयात करने की जरूरत ही नहीं है। एग्जीबिशन में में देशभर से 2 हजार से ज्यादा दाल, दलहन और खाद्यान्न व्यापारी सहित अमेरिका ,जापान, कनाडा, जर्मनी ,टर्की, स्पेन ,चीन, कोरिया आदि देशों के एक्सपर्ट भी शामिल हुए।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन की तरफ से भारत सरकार से मांग की है कि श्रीलंका, वर्मा आदि देशों की दाल मिलों से प्रतिस्पर्धा करना है तो ब्रांडेड दालों के ऊपर से 5 प्रतिशत जीएसटी को हटा दिया जाए। 5 प्रतिशत जीएसटी हटने से भारत की दाल मिलें 150 देशों में दाल सप्लाई कर सकेगी।