- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
- Mere Husband Ki Biwi Opens Up To Great Word Of Mouth Upon Release, Receives Rave Reviews From Audiences and Critics
- Jannat Zubair to Kriti Sanon: Actresses who are also entrepreneurs
हार्ट के कैल्शियम को एक बटन से हटाया

इंदौर शहर में पहली बार अपोलो अस्पताल मैं शॉक वेव लिथोप्लास्टी की सहायता से दिल की नस मैं सटेंटिंग का सफल ऑपरेशन किया गया
इंदौर। एशिया की सबसे बड़ी और सबसे विश्वसनीय मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल चेन अपोलो हॉस्पिटल्स ने इंदौर सेंटर में पहली बार “लिथोप्लास्टी” का उपयोग करते हुए हृदय वाल्व में कैल्सीफाइड हार्ड ब्लॉक्स को हटाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की।
विभागाध्यक्ष कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ के रोशन राव और अपोलो हॉस्पिटल्स इंदौर की हृदय रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ सरिता राव ने इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक किया। इसमें डॉ शिरीष अग्रवाल और डॉ विकास गुप्ता द्वारा विशेष सहयोग दिया गया।
75 वर्षीय मरीज को तीव्र दिल का दौरा पड़ा। परिक्षण करने पर पता लगा कि उनकी बाईं ओर की आर्टरीज़ में बहुत कठोर कैल्शियम चंक्स थे, जिसे हटाने के लिए पारम्परिक बैलून्स तकनीक, उच्च दबाव पर उपयोग करने पर भी विफल हो रही थी। इस स्थिति को देखते हुए टीम ने रोगी पर लिथोप्लास्टी करने का फैसला किया। इस तकनीक में बलून के साथ ही इंट्रा वैस्कुलर लिथोप्लास्टी (IVL) का उपयोग किया जाता है। नई तकनीक शॉकवेव एकॉस्टिक सोनिक वेव्स और लिथोप्लास्टी के सिद्धांत का उपयोग करती है, जिसमें सबसे जटिल कैल्शियम चंक्स को हटाने के लिए बेहद कम दबाव का प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक में पल्सेटाइल सोनिक प्रेशर वेव्स को एक बलून के जरिए इंट्रावास्कुलर लिथोप्लास्टी थेरेपी के साथ कैल्शियम चंक्स पर फोकस किया जाता है। इससे रक्त वाहिका को बड़ी चोट के जोखिम के बिना कैल्शियम चंक्स टूट जाते हैं या नरम हो जाते हैं। लिथोप्लास्टी की यह सरल तकनीक, पारंपरिक तकनीकों के बजाए इस प्रक्रिया के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम कर इसे अधिक सुरक्षित बनाती है।
हेड कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट इंदौर डॉ के रोशन राव ने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि कोरोनरी धमनियों में कैल्शियम वर्षों या दशकों से जमा होता है तथा अत्यधिक उच्च दबाव पर भी पारंपरिक बलून दिलाने पर भी यह नहीं खुलता एवं आपातकालीन बायपास सर्जरी जैसी स्थिति में उत्पन्न हो जाती है तथा एंजियोप्लास्टी में भी असंतोषजनक परिणाम मिलते हैं।
डॉ सरिता राव ने बताया कि शॉकवेव तकनीक के साथ कठोर कैल्शियम वाले सबसे जटिल घावों को भी बहुत ही सरल तरीके से बिना किसी परेशानी के नियंत्रित किया जा सकता है। शॉकवेव को सिस्टम के कंसोल में लगे एक यूनिक पल्स जनरेटर के बटन को दबाकर केवल 30- 40 सेकंड में दिया जाता है। इस सुरक्षित उपकरण का उपयोग करके कठोर कैल्शियम को हटाने की चुनौती अब केवल एक बटन दबाकर हल की जा सकती है।
डॉ सरिता राव ने आगे बताया कि आईवीएल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कैल्शियम पर कठोर और नरम टिशू पर नरम होता है ताकि हार्ट को किसी तरह का नुकसान ना हो। डॉ अशोक बाजपेयी और डॉ देवेंद्र भार्गव ने बताया कि इंदौर में पहली बार इस नई तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग हमारे हॉस्पिटल में किया गया है। यही कारण है कि अपोलो राजश्री अस्पताल इंदौर, मध्य भारत में हार्ट सम्बंधित बीमारी के सफल इलाज के लिए के लिए अग्रणी है