- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
- Akshay Kumar Emerges as the 'Most Visible Celebrity' as Celebrity-Endorsed Ads Witness a 10% Rise in H1 2024
- Madhuri Dixit's versatile performance in 'Bhool Bhulaiyaa 3' proves she is the queen of Bollywood
- PC Jeweller Ltd.Sets December 16 as Record Date as 1:10 Stock Split
प्लेटलेट्स बढ़ाने में अत्यंत प्रभावकारी हैं होम्योपैथी दवाएं
होम्योपैथी इलाज के जरिए डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव पर वर्कशाप आयोजित
इंदौर। डेंगू या चिकनगुनिया होने पर तरल पदार्थों का लगातार अधिक से अधिक सेवन करें। इन घातक बीमारियों से बचाव के लिए अपने आसपास मच्छर बिलकुल न पनपने दें और संक्रमण वाले स्थानों पर जाने से बचें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बीमारियों के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। सबसे अहम बात यह है कि दोनों ही रोगों में रोगी के कम हुए प्लेटलेट्स, तेजी से बढ़ाना जरूरी है। इस कार्य में होम्योपैथी दवाएं अत्यंत प्रभावकारी साबित होती हैं।
यह बात देश के जाने-माने होम्योपैथिक चिकित्सक और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय सी सी आर एच के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव पर आधारित विशेष वर्कशाप में कही। छात्रों को जागरूक करते हुए उन्होंने बताया कि अक्टूबर का महीना गर्मियों से थोड़ी राहत देने वाला जरूर होता है पर इस मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरों के काटने से फैलकर वायरल होने वाली बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
बीमारी को खतरनाक स्तर पर न जाने दें
डेंगू होने पर शरीर में तेज बुखार के साथ माँसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, सिरदर्द तथा छाती, पीठ या पेट पर लाल चकत्ते होने की समस्या हो जाती है। गंभीर स्थिति में प्लेटलेट्स भी कम होने लगते हैं। समय पर इलाज न मिल पर डेंगू खतरनाक रूप भी ले सकता है। चिकनगुनिया होने पर भी डेंगू से मिलते-जुलते लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि इसमें जोड़ों में होने वाले दर्द की समस्या अधिक होती है।
लगभग 12 दिनों तक रह सकता है चिकनगुनिया बुखार
चिकनगुनिया बुखार लगभग 2 से 12 दिन तक रह सकता है, लेकिन बीमारी बढ़ने पर कई बार रोगी को इससे उबरने में महीनों लग जाते हैं। कई मरीजों को जोड़ों के दर्द की समस्या 3 महीने से 2 साल तक झेलनी पड़ सकती है। उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, साँस सम्बन्धी बीमारियाँ आदि भी चिकनगुनिया के प्रभाव से हो सकती हैं। इसलिए इन खतरनाक बीमारियों के लक्षण नजर आते ही उनकी अनदेखी बिल्कुल ना करें और तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श कर समुचित उपचार प्रारंभ कर दें।