कोरोना वायरस से निपटने के प्रबंधन में इंदौर पूरे देश में रोल मॉडल

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने इंदौर जिले में कोरोना से निपटने के लिये किये गये कार्यो और भविष्य की रणनीति की समीक्षा की

इंदौर. कोरोना वायरस से निपटने के प्रबंधन में इंदौर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में रोल मॉडल और सफलता की कहानी है। इंदौर में शुरुआती दौर में जिस तरह से कोरोना का संक्रमण फैल रहा था, उससे इसके विकराल होने की आशंका थी, इंदौर में कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में जिस तरह के समन्वित प्रयास किए गए वह सराहनीय है। इसमें यहां के सभी अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया, विभिन्न संगठन, नागरिकों आदि  का भी सराहनीय योगदान रहा है। आज स्थिति नियंत्रित है।

इंदौर में दिनचर्या सामान्य हो रही है। आमजन कोरोना से घबराये नहीं,  सतर्क एवं सावधान रहें, लक्षण दिखाई देने पर तुरंत बताएं,  समय पर इलाज कराएं एवं स्वस्थ रहें। शासन-प्रशासन आगे भी इस महामारी से निपटने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश में कोरोना वायरस की टेस्टिंग एवं ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पर्याप्त संसाधन एवं सुविधाएं हैं।

यह बात आज यहां प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में कही। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला, संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी, आईजी श्री विवेक शर्मा, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, डीआईजी श्री हरिनारायण चारी मिश्र, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, श्री चंद्रमौली शुक्ला, जिला, पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहन सक्सेना और मेडिकल कॉलेज इंदौर की डीन डॉ. ज्योति बिंदल आदि उपस्थित थे।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने इंदौर जिले में कोरोना वायरस से निपटने के लिये के लिए अब तक किए गए कार्यों एवं भविष्य की रणनीति की बिंदुवार समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या, रिकवरी रेट, मृत्यु दर, उपचाररत मरीजों की संख्या, डिस्चार्ज मरीजों की संख्या, कंटेनमेंट एरिया की व्यवस्था आदि की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने इंदौर जिले में कोरोना वायरस की पहचान के लिए किए जा रहे सर्वे कार्य की भी समीक्षा की।

इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने निर्देश दिए कि जिस तरह से इंदौर में हुए कार्यों से कोरोना को नियंत्रित किया गया और फैलने से रोका गया, उसी तरह के कार्य आगे भी किए जाये। कोरोना मरीजों की पहचान के लिए सर्वे कार्य को लक्ष्य केंद्रित कर किया जाये। क्षेत्र विशेष की पहचान कर सर्वेलेंस  घर-घर जाकर हो। हाईरिस्क मरीजों का सैंपल लेकर जांच करवाये।

फीवर  क्लीनिकों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। जिससे कि लोग इसकी महत्ता समझें और लक्षण दिखाई देने पर स्वयं आगे आकर अपनी जांच करवाये। सर्वे कार्य को और अधिक प्रभावी एवं परिणाम मूलक बनाये। फीवर क्लीनिक के कार्यों को और अधिक बेहतर बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का भी सहयोग ले। कांटेक्ट ट्रेसिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए।

बैठक में उन्होंने कहा कि हाईरिस्क मरीजों की सैंपलिंग एवं उनके निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाए। निर्धारित मापदंड के अनुसार ही मरीजों का इलाज हो। ऐसे मरीज जो आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही हैं, उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत चिन्हित अस्पतालों में भेजकर वहां इलाज की व्यवस्था कराएं।

कंटेनमेंट एरिया के निर्धारण और उनमें की जाने वाली व्यवस्थाओं, प्रतिबंधों आदि की समीक्षा भी उन्होंने की।  इस अवसर पर श्री सुलेमान ने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट एरिया का निर्धारण व्यवहारिक जरूरतों के आधार पर किया जाए। कंटेनमेंट एरिया का आकार छोटा हो, जिससे की मानिटरिंग एवं निगरानी में आसानी हो। कंटेनमेंट एरिया में घरों की संख्या न्यूनतम रखी जाये।

श्री सुलेमान ने आज से शुरू हुए अनलॉक वन के तहत इंदौर जिले में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि जितना जरूरी आर्थिक गतिविधियों एवं सामान्य जीवन को सामान्य बनाना है, उतना ही जरूरी सावधानी एवं सतर्कता बरतना भी है। अनलॉक वन के दौरान यह ध्यान रखें कि कम से कम परेशानी हो।

दुकानों के खुलने का समय एक समान हो, जिससे कि समय का पालन कराने में आसानी हो और नागरिकों को भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। बाजारों को रोटेशन के आधार पर खोलने की व्यवस्था की जाए, इसमें संबंधित बाजार समिति और मार्केट एसोसिएशन का सहयोग लें।

बैठक में श्री सुलेमान ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम प्रदेश में किए गए हैं। आगे भी इससे निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रदेश में सेम्पलों की जांच की क्षमता बढ़ाकर 6 हजार प्रतिदिन कर दी गई है। इसे बढ़ाकर अब 15 हजार प्रतिदिन की जाने वाली है। पूर्व में प्रदेश में यह संख्या बहुत ही कम थी। इंदौर में जांच क्षमता बढ़ाकर एक दिन में  एक हजार  से अधिक कर दी गई है।

इंदौर में यह क्षमता और बढ़ाई जा रही है, इसके लिए आधुनिक मशीन आने वाली है। यह मशीन आगामी एक से डेढ़ माह में आ जाएगी। इसी तरह ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या भी शासकीय चिकित्सा संस्थानों में लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में शासकीय चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़कर 10 हजार से अधिक हो जाएगी। अभी यह संख्या 6 हजार है।

बैठक में संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी और कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से कोरोना से निपटने के लिए किए गए कार्यो और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।

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