व्यापार खोलने के लिए युवाओं को करें प्रेरित

वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तीन दिवसीय नि:शुल्क बायर सेलर मीट

इंदौर। आज का समय में ब्रांडेड कपड़ो का चलन बहुत अधिक है ब्रांडेेड की होड़ में टैक्सटाइल पिछड़ता जा रहा है अब समय आ गया है जब युवाओं को लाखों के पैकेज के पीछे भागने की जगह, उन्हें व्यापार खोलने के लिए प्रेरित किया जाए केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा स्वयं के व्यापार खोलने के लिए सब्सिडी और सुविधाएं उपलब्ध है। जरूरत है इन्हें युवाओं तक पहुंचाने और उन्हें प्रेरित करने की प्राइवेट नौकरी छोड़ कर स्वयं का व्यापार स्थापित करें.

यह कहना है एमपी रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन इंदौर के प्रेसिडेंट शांतिप्रिय डोसी वे वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की पावरलूम टेक्सटाइल योजना के तहत वस्त्र आयुक्त के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित निशुल्क बायर सेलर मीट में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। श्री डोसी ने कहा 400 रुपये मीटर का कपड़ा भी माने तो एक अच्छी शर्ट 800 से 900 में बन जाती है, तो ब्रांडेड कम्पनियां किस बात के 2000 से 5000 रुपये लेती है। देश में है बहुत मार्केट है आज हम चाइना या विदेशों से कच्चा माल ले रहे हैं असल मायनों में यह हमारे देश में ही हमें मिलना चाहिए।

महिलाएं भी पावर लूम में बनाएं अपना कैरियर

बायर सेलर मीट 25 से 27 जनवरी तक ढक्कन वाला कुआँ स्थित ग्रामीण हाट-बाजार में निशुल्क रखी गई है जंहा देशभर से 25 पावरलूम व्यापारियों ने हिस्सा लिया है। रीजनल ऑफिस ऑफ़ टेक्सटाइल कमिश्नर इंदौर के डिप्टी डायरेक्टर व ऑफिसर इंचार्ज डी रविकुमार ने बताया यह मंच है जहाँ बिना किसी बिचोलिये के क्रेता देशभर में काम कर रहे विक्रेताओं से मिल सकते हैं।

असिस्टेंट डायरेक्टर श्री प्रणव पराशर ने बताया केंद्र और राज्य सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट पावरलूम डेवलपमेंट जैसी कई ऐसी योजनाएं समय-समय पर बनती है जिसका फायदा व्यापारी ले सकते हैं हाल ही में महिलाओं के लिए भी बहुत सी रोजगार स्कीम में शुरू हुई है जहां वह अपना करियर स्वयं बना सकती है । हम चाहते हैं स्वयं का रोजगार शुरू करके अपने अधीन 4 से 5 अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करे।

प्रदेश ने किया 1175 मिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट

एमटी क्लॉथ मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री हंसराज जैन ने कहा पावरलूम एक समय मे इंदौर की रीढ़ था। हम मिलों के आवाज से सुबह उठा करते थे लेकिन समय बदल गया है कपड़ा मील बंद होती गई अब समय आ गया है कि वस्त्र मंत्रालय आयोग को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे लोगों की सोच में बदलाव आए लोगों का पावरलूम की तरफ रुझान बड़े। आज पावरलूम का उद्योग करने के लिए युवा हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है उसे सही मार्गदर्शन मिले तो हम दोबारा इंदौर को पावर लूम के नाम से देश में पहचान दिला सकते हैं।

टैक्सटाइल मिल एसोसिएशन के सचिव श्री एमसी रावत ने कहा प्रदेश में 45 कपड़ा मिले संचालित की जा रही हैं प्रति मिल 8000 लोगों को रोजगार भी प्रदान किया गया है सरकार की योजनाएं बहुत ही अच्छी सामने आ रही है जिसका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोग ले रहे हैं अप्रैल माह में एक स्कीम के अंतर्गत मजदूर वर्ग को ट्रेनिंग वेतन ब्याज सब्सिडी सारी सुविधाएं देने की बात सामने आई है कपड़ा उद्योग का भविष्य बहुत ही अच्छा नजर आ रहा है संसद में हाल ही में मंत्री जी ने बताया कि पिछले वर्ष 1175 मिलियन डॉलर का कपड़ा मध्य प्रदेश से एक्सपोर्ट किया गया है इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश का नाम अभी भी टेक्सटाइल इंडस्ट्री में जाना जाता है।

शहर में मनेगी टैक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्लेटिनम जुबली

टैक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव अशोक वेदा कहते हैं टैक्सटाइल देश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारी क्षेत्र है। यह गौरव की बात है कि आने वाली 3 मार्च को टेक्सटाइल इंडस्ट्री का नेशनल मीट इंदौर शहर में आयोजित की जा रही है टैक्सटाइल एसोसिएशन की प्लैटिनम जुबली है जिसमें देशभर से ढाई सौ पावरलूम विक्रेता हिस्सा लेंगे।

फंक्शनल और प्रोडक्शनल रूप से टेक्सटाइल को बनाये मजबूत

श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शंकर जोशी ने मीट में उपस्थित स्टूडेंट्स और नए उद्योग चालू करने वाले युवाओं से कहा टैक्सटाइल डिपार्टमेंट के पीछे होने के दो प्रमुख कारण सामने देखे जा रहे हैं एक फंक्शनल और दूसरा प्रोडक्शनल फंक्शनल में वर्किंग कैपिटल लेबर आदि की समस्याएं सामने आती हैं, जबकि प्रोडक्शनल में पावर लूम मार्केटिंग स्ट्रेटजी कस्टमर तक पहुंचना आदि चीजों की जागरूकता की कमी देखी जा रही है।

आज भी 25% शटल लूम पर काम कर रही है जहां पावर कंजप्शन के साथ साथ कम स्पीड एक गंभीर मुद्दा है। प्रदेश फला लेना और पोकलेन पर ज्यादा काम करता है अब चाहिए कि हम इन दोनों फैब्रिक से अलग हटकर कुछ नया फैब्रिक पर काम करें युवा मीटिंग जो बॉर्डर आदि जैसे कामों पर प्लानिंग कर सकते हैं। इस मौके पर प्रोफेसर पीके सिंहा ने टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चर में चुनौतियों और मोको के बारे में बात की श्री मनीष राय ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की जानकारी युवाओं को दी।

टेक्निकल टेक्सटाइल में है स्कोप

·        मेडिकल टेक्सटाइल में बैंडऐड, सेनेटरी नैपकिन के साथ साथ अब टिसू टेक्सटाइल भी एक अच्छा माध्यम बन रहा है जिसमे हार्ट की आर्टरी से ले कर प्रत्यारोपित ऑर्गन भी फाइबर से बनाये जा रहे है।

·        जियो टेक्सटाइल में सिविल इंजिनियरिंग जैसे रोड कंस्ट्रक्शन आदि में इस्तमाल होने वाले टेक्सटाइल फाइबर्स को रोड की क्षमता बढाने के लिए इस्तमाल किया जाता है हाल ही में इस तकनीक का इस्तमाल लखनऊ हाईवे में किया है।

·        स्मार्ट टेक्सटाइल के अंतर्गत ऐसे फैब्रिक तैयार किये जा रहे है जिसके पहनने के बाद दिल की धड़कने, शरीर का तापमान, रक्तचाप और मधुमय आदि कपडे पर डिस्प्ले हो जायेगा। ऐसे फैब्रिक दिष्ट्रीहिन लोगो के लिए मददगार सिद्ध होंगे जिसमें जैकेट पहनने के बाद उनसे अगर कोई वास्तु टकराने वाली हो तो उनको उसका पता पहले से लग जाये।

वेल्यु एडिशन करके तैयार करे प्रोडक्ट

युवाओं को चाइये की वे डिजाइनर स्टूडियो प्लान करें जहां ऑथेंटिक सॉफ्टवेयर के जरिए कंपनियों को उनकी पसंद  और जरूरत के अनुसार सामान उपलब्ध कराएं। अपने प्रोडक्शन में कुछ इस तरह के वैल्यू एडिशन जरूर करें-

– रिंकल फ्री 

– मॉस्किटो फ्री 

– इको फ्रेंडली

– कूल फैब्रिक 

– जीरो डिस्चार्ज टेक्निक 

– बायो डीगरेबल डाई

कुछ नए और इकोफ्रण्डली फाइबर

– बनाना फाइबर

– मिल्क फाइबर

– बैम्बू फाइबर

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