आईएमएफए द्वारा एलडब्ल्यूए- सिन्टूर्ड फ्लािई एश कोअर्स एग्रीगेट को मिला आईएलआई सर्टिफिकेशन

Related Post

भुवनेश्वर। इंडियन मेटल्स एंड फेरो एलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए) ने अपने सिन्टफर्ड फ्लानई एश कोअर्स एग्रीगेट के लिए बीआईएस सर्टिफिकेट हासिल किया है। आईएमएफए द्वारा फ्लािई एश एग्रीगेट की प्रक्रिया भारत में पहली और इकलौती है, जो आईएसआई के गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरती है। यह लाइसेंस भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रदान किया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय मानक निकाय ने सिन्टबर्ड फ्लाेई एश कोअर्स एग्रीगेट के निश्चित आकार के लिए आईएसआई के स्टैंडर्ड मार्क “IS 9142 (Pt-2): 2018” के प्रयोग की इजाजत दी। यह कंक्रीट के लिए आर्टिफिशियल लाइट वेट एग्रीगेट की उत्पायद श्रेणी के तहत आता है।

प्रबंध निदेशक श्री सुभ्रकांत पांडा ने इस उपलब्धि पर कहा, “हम काफी खुश हैं कि फ्ला्ई एश के उपयोग इस्तेपमाल के लिए हमारे अग्रणी कार्य को बीआइएस प्रमाणन से सम्माोनित किया गया है। हम इसे हलके वजन के एग्रीगेट में तब्दीमल करते हैं। यह मकानों के निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले कुदरती पत्थर के चिप्स की जगह इसका इकोफ्रेंडली समाधान खोजने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। इससे वेस्ट मटीरियल को उपयोगी बनाने के हमारे जज्बे की भी झलक मिलती है।”

उल्लेखनीय है कि फ्लाटई एश एग्रीगेट बनाने के लिए हमारे कैप्टिव पावर प्लांहट्स से निकलने वाली फ्लाटई एश के लाभदायक उपयोग के लिए एलडीए (लो डेंसिटी एग्रीगेट) प्लां ट की कल्पहना की गई है।

आईएमएफए का मुख्य ध्यान संसाधनों के प्रभावी इस्तेमाल और इको फ्रेंडली ढंग से प्लांट के संचालन पर है। हमने इंडस्ट्रियल वेस्ट मिश्रित प्रदूषित पानी के निपटारे के लिए जीरो वॉटर डिस्चार्ज सिस्टम बनाया है। हमने फ्लािई एश और स्लैॉग से रोजाना 1 लाख ईंटें बनाने के लिए ऑटोमेटेड प्लांट भी लगाया है।

फ्लांई एश एग्रीगेट इसलिए अनोखा होता है क्योंकि इसकी संरचना में 90 फीसदी फ्लालई एश होती है। किसी भी फ्ला ई एश आधारित प्रॉडक्ट की तुलना में यह मात्रा सबसे ज्यादा होती है। यह कंक्रीट में नैचुरल कोअर्स एग्रीगेट (स्टो न चिप्सय) का विकल्प है। यह सिविल कंस्ट्रकक्शीन में न्यूोन डेड वेट का अतिरिक्तट लाभ भी मुहैया कराता है।

Leave a Comment