मानसिक व शारीरिक थकान उतारने के लिए सबसे बेहतर उपाय है प्राकृतिक चिकित्सा : सांसद लालवानी

एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा दो दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर, बड़ी संख्या में लोगों ने लिया निःशुल्क मड थैरेपी का लाभ

इंदौर। मिट्टी, पानी, तेल और हवा के अलावा भी नेचुरोपैथी है। ऋषि-मुनियों के समय से इस तरह के प्रयोग होते आ रहे हैं। हमारी मातृशक्तियां मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करती है लेकिन पहले हमें लगता था कि इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है। आज समझ आता है कि मुल्तानी मिट्टी का कितना महत्व है। नेचुरोपैथी का हमारा पुराना इतिहास है। जटिल बीमारी का दवाइयों से इलाज संभव है लेकिन किसी बीमारी को जड़ से मिटाना है तो नेचुरोपैथी से अच्छा कोई इलाज नहीं है। शरीर की थकान उतारने और रिलेक्स करवाने का सबसे बेहतर उपाय नेचुरोपैथी है। बीमार ना हो तो भी नेचुरोपैथी करवाना चाहिए। जब भी समय मिले अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए। वर्तमान में जिंदगी की भागदौड़ में मेंटल स्ट्रेस रहता है ऐसे में हमें उसे कम करने के लिए नेचुरोपैथी को बढ़ावा देना चाहिए।

यह बात सांसद श्री शंकर लालवानी ने एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। दो दिवसीय शिविर की शुरुआत शनिवार से ग्रेटर ब्रजेश्वरी, पिपलियाहाना स्थित सेंटर पर हुई। विशिष्ट अतिथि एस.के.आर.पी. गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज शाशी निकाय अध्यक्ष श्री भरत भाई शाह विशेष अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री अजय वर्मा, ऑल इंडिया रेडियो से श्री मुकामसिंह चौहान, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ श्री सुभाष संघवी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेंटर संचालक एवं केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद् आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर डॉ. एके द्विवेदी ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित किया।

श्री वर्मा ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा दिवस हम इसलिए मनाते हैं कि लोगों में जागरूकता आए। डॉ. द्विवेदी को साधुवाद देता हूं कि वे इस तरह के शिविर आयोजित करते हैं। श्री शाह ने भी शिविर आयोजित करने के लिए डॉ. द्विवेदी को साधुवाद दिया और लोगों में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता लाने में काफी अच्छा प्रयास भी बताया।

श्री संघवी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एक ड्रगलेस थैरेपी है। बगैर दवा के बीमारी को जड़-मूल से ठीक करना प्राकृतिक चिकित्सा का काम है। इसके काफी अच्छे परिणाम आते हैं। जो प्राकृतिक चिकित्सा व प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाता है वो निरोगी रहता है। शरीर का प्रत्येक अंग अच्छे से काम करता है। आजकल हर कोई मॉडर्न लाइफस्टाइल जी रहा है। लेकिन ईश्वर ने जो भी हमें खाद्य पदार्थ दिए हैं और जो व्यक्ति मिट्टी, पानी व हवा के संपर्क में रहेगा वो उतना ही स्वस्थ्य रहेगा। उसे डॉक्टर व दवा की शरण में कम ही जाना पड़ेगा। संघवी ने कहा वर्तमान में योग, नेचुरोपैथी के प्रति रूझान बढ़ा है। कोविड के बाद लोगों में काफी जागरूकता आई है। वे स्वास्थ्य के प्रति सजग हुए हैं।

इम्युनिटी बूस्टर होता है प्राकृतिक चिकित्सा : डॉ. द्विवेदी

अध्यक्षता कर रहे डॉ. एके द्विवेदी ने दो दिवसीय शिविर की जानकारी दी। आपने प्राकृतिक चिकित्सा एवं मिट्टी चिकित्सा के लाभ बताते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा व्यक्ति को प्रकृति के करीब रखने में सहायक तो है ही साथ ही यह एक इम्युनिटी बूस्टर भी है। व्यक्ति की इम्यूनिटी अच्छी होगी तो वो बीमार ही नहीं होगा। प्राकृतिक चिकित्सा से व्यक्ति प्रकृति द्वारा दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से उपचार लेकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकता है। वहीं शिविर में मड बाथ भी लोगों को दिया गया। इसके लिए विशेष तौर पर लाल, काली और मुलतानी मिट्टी के संतुलित मिश्रण में दूध, दही, इत्र, चंदन, गाय का गोबर, गो-मूत्र, कपूर, शहद, नीम इत्यादि से पेस्ट तैयार किया गया था। जिसे थैरेपी लेने वाले व्यक्ति के शरीर पर लेपन किया गया। मड बाथ से थकान, अनिद्रा, ब्लड प्रेशर, पेट संबंधित समस्याएं, सिर दर्द, एंजाइटी आदि की परेशानी में राहत मिलती है। इसके अलावा गर्म तेल की मसाज एवं मड थैरेपी से जोड़ों के दर्द व त्वचा की बीमारियों में भी तुरंत राहत मिलती है।

मड बाथ थैरेपी के बाद रोम रोम खिल गया…

दो दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में निःशुल्क मड बाथ थैरेपी की व्यवस्था की गई है। पहले दिन बड़ी संख्या में लोगों ने इसका लाभ लिया। इसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल थे। मड थैरेपी लेने वाले विशाल जी ने कहा कि स्पेशल अनुभव था। यहां जो मिट्टी का लेप लगाया गया था वो भी खुशबुदार था। थैरेपी के पश्चात त्वचा मुलायम हो गई है। रोम रोम खिल गया है। मैं तो यही कहना चाहूंगा कि जीवन में मिट्टी से रिश्ता होना ही चाहिए। बीना राठी ने कहा कि मिट्टी चिकित्सा का लाभ लेना अच्छा लगता है। इसलिए यहां आकर भी लाभ लिया। माधुरी जोशी ने कहा मड बाथ थैरेपी से स्किन काफी मुलायम हो गई है। मैंने पहली बार मिट्टी चिकित्सा का लाभ लिया और मुझे काफी अच्छी फीलिंग आ रही है। शिविर में बड़ी संख्या में मड बाथ थैरेपी लेने के लिए पंजीयन करवाया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत राकेश यादव, दीपक उपाध्याय, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, विनय पांडे आदि ने किया। संचालन डॉ. विवेक शर्मा ने किया। आभार डॉ. जितेंद्र पुरी ने माना।

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