इंदौर में बारिश के रिकॉर्ड टूटे, 24 घंटे में 10 इंच

निचली बस्तियों में भरा पानी, चलाना पड़ी नाव

24 घंटे से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से इंदौर पानी-पानी हो गया है. बादल ऐसे फटे की अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए. 24 घंटे में 10 इंच से ज्यादा बारिश हो गई. कई कॉलोनियां में जल जमाव हो गया और निचली बस्तियों में तो कमर तक पानी भर गया. कुछ क्षेत्रों में नाव तक चलाना पड़ी. शहर का सबसे बड़ा तालाब यशवंत सागर बांध लबालब हो गया और इसके गेट खोल दिए गए. वहीं शहर के तालाब भी लबालब हो गए गया. शहर में अब तक 34 इंच बारिश हो चुकी है.

पिछले 24 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश से इंदौर पानी-पानी हो गया है. शहर की औसत बारिश 34 इंच है. जबकि पिछले 24 घंटे में ही 10 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है. यह इंदौर में हुई अब तक की सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड है. इसके पहले अगस्त 1981 में सवा 8 इंच बारिश हुई थी. कइंदौर में करीब 34 इंच पानी गिर चुका है. रातभर से हो रही तेज बारिश से हालात बदतर हो गए. लगातार कॉलोनियों से पानी भरने की सूचना निगम कंट्रोल पहुंची.

हालात का जायजा लेने के लिए अलसुबह से ही कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र, निगम कमिश्नर प्रतिभा पॉल और सांसद शंकर लालवानी नगर निगम कंट्रोल रूम पहुंच गए. जहां से भी सूचना आई तत्काल निगम टीम को भेजा गया. जहां स्थिति खराब थी वहां सांसद और अधिकारी भी पहुंचे. वहीं, कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए हैं.

बस्तियों से लोगों को किया रेसक्यू

लगातार बारिश से शहर की बच बहने वाल कान्ह नदी में लगातार पानी बढऩे से किनारे मौजूद निचली बस्तियों में पानी भराना शुरू हो गया. इन्हें बचाने के लिए पुलिस-प्रशासन को सड़क पर नाव दौड़ाना पड़ी. सूचना के बाद सदर बाजार क्षेत्र में निगम और प्रशासन की टीम पहुंची. किला मैदान रोड पर स्थित कॉलोनी सिकंदराबाद, गरीब नवाज बस्ती और भिस्ती मोहल्ले की बस्तियों में लगातार पानी बढ़ता देख तत्काल इनका रेस्क्यू किया गया. इन इलाकों से एक दर्जन से ज्यादा परिवारों को नाव और ट्यूब की मदद से बाहर निकाला गया. वहीं, गौरी नगर क्षेत्र से 10 से ज्यादा बच्चों का रेस्क्यू किया गया. वहीं, एक युवक के नाले में बहने की सूचना भी आई है.

लोगों को कर रहे शिफ्ट

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि बारिश काफी ज्यादा हुई है. निचली बस्तियों में जरूर पानी भराया है. उनके बचाव के लिए होमगार्ड की टीम मौके पर पहुंची है. जहां भी ऐसा लग रहा है कि लोगों को शिफ्ट करना चाहिए, उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है.

शहर में हर तरफ पानी ही पानी, निचली बस्तियां डूबी

देश में लगातार चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर का रिकार्ड बनाने के एक दिन बाद ही इंदौर में पानी गिरने का 39 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया. 24 घंटे में 10 इंच से अधिक बारिश हो गई और कुल आंकड़ा भी 32 इंच के ऊपर पहुंच गया. इससे पहले 10 अगस्त 1981 को 8.3 इंच पानी गिरा था. इस रिकार्ड के बनने के  साथ ही शहर भी पानी-पानी हो गया. कई कॉलोनी और बस्तियों में पानी भरा गया. पानी भरने के कारण लोगों को भी रेसक्यू किया गया. कई मुख्य मार्ग और सड़कें जलमग्न हो गई. 

शुक्रवार शाम शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा. शाम के बाद रात में भी तीन बजे बाद बादल जमकर बरसे. रात 8 बजे तक 4 घंटे में 3 इंच बारिश हुई. इसके बाद ऐसे बादल फटे कि सुबह साढ़े 8 बजे तक 8 इंच से ज्यादा पानी गिर गया. यह इस सीजन में अब तक की सबसे तेज रही.इससे शहर में हर जगह पानी-पानी हो गया. शनिवार को जब लोगों की नींद खुली चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखा. कई इलाके पूरी तरह जल मग्न हो गए. नदी-नाले उफान पर आ गए.

कान्ह नदी में लगातार पानी बढऩे से किनारे मौजूद निचली बस्तियों में पानी भराना शुरू हो गया. जल भराव में फंसे लोगों को बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम नाव लेकर सड़कों पर उतरी. पानी में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मैदान में तैनात रहे और कंट्रोल रूम से स्थिति का जायजा लेते रहे.

मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के साथ ही अरब सागर से आ रही नमी के कारण प्रदेश में जमकर बारिश हुई है. लगातार बन रहे सिस्टम से पूरे अगस्त तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होने के आसार हैं.

32 इंच से ज्यादा बारिश

हर की औसत बारिश 34 इंच है. जबकि पिछले 36 घंटे में ही 12.5 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है. अब तक इंदौर में करीब 32 इंच पानी गिर चुका है. पिछले 36 घंटे में 321.6 यानि 12.66 इंच पानी गिर गया. अब तक कुल 827.4 यानि 32.5 इंच  बारिश हो चुकी है.

यशवंत सागर और बिलावली तालाब लबालब

24 घंटे की बारिश में ही यशवंत सागर बांध लबालब हो गया है. यशवंत सागर बांध की क्षमता 19 फीट की है. क्षमता से अधिक पानी होने से इसके 6 गेट खोल दिए गए. वहीं, बड़ी बिलावली तालाब भी अपनी क्षमता के अनुसार भर गया है. इसके छोटी बिलावली की क्षमता 12 फीट, बड़ा सिरपुर की 16 फीट, छोटा सिरपुर की 13, पिपलियापाला की 22 फीट, लिंबोदी की 16 फीट है। ये सभी करीब-करीब फुल हो चुके हैं. कुछ में तो क्षमता से अधिक पानी आ चुका है.

लोगों को किया रेसक्यू

किला मैदान रोड पर स्थित कॉलोनी सिकंदराबाद, गरीब नवाज बस्ती और भिस्ती मोहल्ले की बस्तियों में लगातार पानी बढ़ता देख तत्काल इनका रेस्क्यू किया गया. इन इलाकों से एक दर्जन से ज्यादा परिवारों को नाव और ट्यूब की मदद से बाहर निकाला गया. वहीं, गौरी नगर क्षेत्र से 10 से ज्यादा बच्चों का रेस्क्यू किया गया. पानी-पानी हुई कॉलोनी में खुद को सुरक्षित करने के लिए लोग घरों की बालकनी में खड़े हो गए. जिन्हें पुलिस ने अपने वाहन में सीढ़ी रखकर खिड़की से सुरक्षित बाहर निकला। वहीं, एक युवक के नाले में बहने की सूचना भी आई है. जूना रिसाला क्षेत्र में भी नाले किनारे की बस्तियों लोगों को निकाला गया.

होमगार्ड का रेस्क्यू, 58 लोगों को घरों से निकाला

होमगार्ड की टीम ने किला मैदान रोड समीप सिकंदराबाद, गरीब नवाज और भिस्ती मोहल्ले में लोगों को को रेस्क्यू किया. जिला सेनानी होमगार्ड राजेश कुमार जैन कंपनी कमांडर शरद राय की टीम ने वहां पहुंचकर पानी में नाव चलाई। होमगार्ड की टीम ने लगातार रेस्क्यू किया. लोगों को पुकार कर खिड़की और दरवाजों के पास बुलाया. फिर उन्हें नाव से सहारे सुरक्षित स्थान पर ले गए. कंपनी कमांडर राय का कहना है कि चार घंटे के भीतर महिला औऱ बच्चों सहित कुल 58 लोगों को वहां से बाहर निकाला गया है.उधर, शिफ्ट किए गए लोगों को दूसरी टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

पुलिस ने सीढ़ी लगाकर बचाई जान

सदर बाजार पुलिस ने भी रेस्क्यू के दौरान अच्छी भूमिका निभाई. सिकंदराबाद कॉलोनी के नाले पर पहले मकान में लोग फंस गए। उनका मेन गेट नाले की तरफ था, जहां पानी भरा गया। घर वालों का निकलना मुश्किल था। पीछे खिड़की भी सड़क से 10-12 फीट ऊंची थी. ऐसे में डायल 100 की टीम पहुंची। खिड़की के पीछे पुलिस की गाड़ी खड़ी की गई. उस पर सीढ़ी लगाकर लोगों को निकाला गया. वहीं पंढरीनाथ पुलिस ने सुबह 6 बजे से कबूतर खाना और आसपास की कॉलोनियों से रेस्क्यू कर 40 लोगों को मदरसे में शिफ्ट किया है.

इन जगहों पर भरा पानी

शनिवार को हर तरफ पानी ही पानी था. अंतर बस इतना था कि कहीं घुटने तक पानी था तो कहीं कमर तक। बीआरटीएस से लेकर राज नगर, रामानंद नगर, मूसाखेड़ी, मोती तबेला, हरसिद्धि, हाथीपाला, खातीपुरा, पोलो ग्राउंंड, जवाहर मार्ग, सुभाग मार्ग, झाड़ू गली, राजेश नगर, खातीपुरा, वैशाली नगर, सिल्वर ओक, चाणक्यपुरी, लिंबोदी, बाबू मुराई कॉलोनी, राज नगर, रामानंद नगर, राज मोहल्ला, मुखर्जी, चंपाबाग, जूनी मुक्तिधाम, विंध्य नगर, एयरपोर्ट रोड, भूतेश्वर महादेव क्षेत्र, कालानी नगर, गौतमपुरा, लक्ष्मीबाई नगर, बांगड़दा रोड, राजेंद्र नगर, अन्नपूर्णा, राऊ, चंद्रभागा, राजमोहल्ला, महात्मा गांधी मार्ग, फूटी कोठी, ब्रज विहर, नर्मदा पुरी, उमेश नगर, देवेंद्र नगर पानी-पानी नजर आया।

निचली बस्तियों में भरा पानी

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि बारिश काफी ज्यादा गिरा है। निचली बस्तियों में जरूर पानी भराया है। गौरी नगर इलाके में नदी में ज्यादा पानी आने से घरों में पानी भर गया है. उनके बचाव के लिए होमगार्ड की टीम मौके पर पहुंची है. करीब 50 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया है। जहां भी ऐसा लग रहा है कि लोगों को शिफ्ट करना चाहिए, उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है. चंदन नगर थाना क्षेत्र के चांदमारी का नाला में एक युवक के बहने की सूचना है. अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

जाली के सहारे बचाई जान

बारिश के बीच जिंदगी और मौत से जूझने का एक दृश्य चोइथराम इलाके में नजर आया. इस घटना में आखिरकार युवक जिंदगी की जंग जीतकर अपने घर लौटा. देर रात 2 बजे एक युवक उफनाते नाले में फंस गया. उफनाते नाले में फंसा युवक चोइथराम मंडी में हम्माली का काम करता है. वह शुक्रवार रात काम खत्म कर अपने घर लौट रहा था. अमितेष नगर की पुलिया को पार करते समय अचानक पुलिया पर बहाव तेज हो गया. युवक बहाव में बहने लगा तो उसने तत्काल पुलिया पर लगी जाली को पकड़ लिया. जान बचाने के लिए वह जाली पर चढ़कर बैठ गया और सुबह का इंतजार करने लगा. इसी दौरान यहां से दीपेश निकले. उन्होंने डायल 100 को सूचना दी. युवक के फंसने की सूचना पर समाजसेवी लोकेंद्र दुबे भी मौके पर पहुंचे. लोकेंद्र दुबे और दीपेश ने पुलिस की मदद का इंतजार किए बिना तत्काल जेसीबी को बुलवाया. इसके बाद मौके पर पहुंची जेसीबी ने करीब डेढ़ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद युवक को बचा लिया. हालांकि नाले के बहाव को देखते हुए जेसीबी चालक ने ज्यादा आगे जाने से मना कर दिया था, जिसके बाद लोकेंद्र और दीपेश ने अमितेष नगर निवासी युवकों से रस्सी की व्यवस्था करवाई. रस्सी में ईंट बांधकर उसे युवक की ओर उछाला. इस रस्सी को युवक ने जाली में बांधा और इसी के सहारे उसे बाहर निकाला गया। युवक ने सभी का धन्यवाद किया और अपने घर की और रवाना हो गया।

सांसद ने अफसरों के साथ संभाला मैदान

स्वच्छता में नंबर 1 आने का इंदौर ठीक से जश्न भी नहीं मना पाया था कि रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने परेशानियां बढ़ा दी. सांसद शंकर लालवानी रात में ही अपनी टीम को सावधान कर चुके थे और अलसुबह 4 बजे उन्होंने अधिकारियों को फोन कर दिया. सांसद खुद कंट्रोल रूम पहुंचे और सुबह 5 बजे अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद सांसद, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र और नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल के साथ नालों और नदी किनारों की बस्तियों में निकल पड़े. सांसद के एक्टिव होने के कारण पूरा प्रशासनिक अमला दलबल के साथ मौजूद था. साथ ही मशीनें, औज़ार भी मंगवा लिए गए.

लालबाग मैदान के पास कर्बला मैदान के पास बस्तियों में पानी की निकासी के लिए दीवार तोड़ी गई तो कुछ जगहों पर नाव से लोगों को बाहर निकालना पड़ा. सांसद ने कहा कि ये असामान्य बारिश है, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी शहर के हालात काफी नियंत्रण में है तो इसकी वजह नालियों में कचरा और प्लास्टिक ना फेंकने की हमारी आदत हैय सांसद सुबह 5बजे से दोपहर 2बजे तक लगातार शहर में सक्रिय रहे और ज़रुरतमंदों के लिए भोजन, दवाइयां आदि की व्यवस्था की. सांसद ने सुबह ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम, सीएसपी और टीआई से बात कर आवश्यक निर्देश भी दिए. सांसद ने स्पष्ट कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सभी अफसर फील्ड पर निकले और जनता की समस्या का तत्काल समाधान करें. सांसद ने अफसरों और नगर निगम के कर्मचारियों का भी हौंसला बढाया और पुख्ता तैयारियों के निर्देश दिए.

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