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लालवानी रिकार्ड साढ़े 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीते
सुमित्रा महाजन का तोड़ा रिकार्ड, इंदौर में जीत का रिकॉर्ड भी कायम
इंदौर. भाजपा का गढ़ इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के शंकर लालवानी ने लगातार चली आ रही जीत का रिकार्ड कायम रखा. उन्होंने इंदौर से 8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को मिले 466901 मतों के रिकार्ड को तोड़ते हुए कांग्रेस के पंकज संघवी को 547754 मतों से हराया. लालवानी को कुल 1068569 मिले जबकि संघवी को 520815 मत मिले. लालवानी की जीत के साथ ही इंदौर को 30 साल बाद पुरुष सांसद मिला. लालवानी मीडिया से मुखाबित हुए और इसे मोदी और पार्टी की जीत बताते हुए इतना प्यार देने के लिए जनता का आभार माना.
एग्जिट पोल के सर्वे के परिणामों के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं में गुरुवार सुबह से ही उत्साह नजर आ रहा था. सर्वे के परिणाम गतगणना शुरू होने के बाद से ही दिखने लगे थे. सुबह शुरू हुई गिनती में शंकर लालवानी ने शुरू से ही बढ़त बना ली थी और वे कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी से लगातार आगे निकलते गए. जैसे-जैसे जीत का अंतर बढ़ता गया कांग्रेसी खेमे में मायूसी छाने लगी वहीं भाजपाई ढोल-ढमाकों के साथ जश्न मनाने के लिए सडक़ों पर उतर गए.
शंकर ललवानी ने कहा कि जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी.यह जीत नरेन्द्र मोदीजी का नेतृत्व, वरिष्ठ नेताओं का मार्गर्शन, कार्यकर्ताओं का जोश और जनता का आशीर्वाद है.जनता ने इतनी बड़ी जीत दी है, तो मेरे ऊपर शहर की जनता का भार भी काफी रहेगा. बीआरटीएस के विकल्प के रूप में एलिवेटेड ब्रिज होगा, जो शहर की समस्या दूर होगीय ट्रैफिक सुधार और शहर के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे.
लालवानी ने जीत का श्रेय सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अपनी पार्टी को दिया. अपने प्रतिद्वंदी पंकज संघवी को लेकर कहा कि वे टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहे हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज की सेवा करना चाहिए. जनता के बीच रहना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया और इसके परिणाम सामने हैं.
संघवी ने लालवानी को दी जीत की बधाई
कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी ने हार के बाद भाजपा के शंकर लालवानी को जीत की बधाई दी है. संघवी ने लिखा- हार जीत का फैसला तो भगवान करता है. इंसान कोशिश और मेहनत करता है. भाई शंकर लालवानी को जीत की बधाई। उन्होंने आगे लिखा- वल्लभ नगर मेरे निवास पर कई सालों से समाजसेवा जारी थी। आगे भी जारी रहेगी. गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद आखिरी सांस तक करता रहूंगा.
शुरू से ही बना ली बढ़त
मतगणना शुरू होते ही लालवानी ने पहले ही राउंड से बढ़त बना ली थी. पहले राउण्ड से शुरू हुई बढ़त आखिरी राउण्ड तक जारी रही. एक बार भी वे आगे नहीं निकल पाए. हजारों से शुरू हुई बढ़त धीरे-धीरे लाखों तक पहुंच गई और आखिरील में लगभग साढ़े पांच लाख वोट से लालवानी जीत गए.
पहली बार में ही जीते
भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और बड़ी जीत भी दर्ज की है. लालवानी ने 1993 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र-4 से भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था. इसके बाद 1996 में नगर निगम चुनाव में वे अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराकर पार्षद बने. वे नगर निगम सभापति भी रहे। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष रहे। वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे.
संघवी की लोकसभा में दूसरी हार
1998 में भाजपा की सुमित्रा महाजन से लोकसभा चुनाव हार चुके पकंज संघवी पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया, लेकिन उन्हें दूसरी बार भी हार का मुंह देखना पड़ा. संघवी 1983 में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते. इसके बाद 1998 में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, लेकिन सुमित्रा महाजन ने उन्हें 49 हजार 852 वोट से चुनाव हार दिया. इसके बाद 2009 में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब 4 हजार वोट से हार गए. 2013 में वे इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब 12 हजार 500 वोट से विधानसभा चुनाव हारे.
2014 में बनाया था रिकॉर्डॅ2014 के लोकसभा चुनाव में सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 4,66,901 वोटों से हराया था. महाजन को 8,54,972 (64.93 फीसदी) वोट मिले थे, वहीं पटेल को 3,88,071 (29.47 फीसदी) वोट मिले थे.
अब तक इंदौर से चुनकर ये पहुंचे संसद
इंदौर लोकसभा सीट से 1952 में कांग्रेस के नन्दलाल जोशी, 1957 में कांग्रेस के कन्हैयालाल खेड़ीवाला, 1962 में सीपीआई के होमी.एफ. दाजी, 1967 में कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी, 1971 में कांग्रेस के राम सिंह भाई, 1977 में भारतीय लोकदल के कल्याण जैन, 1980 और 1984 में कांग्रेस के प्रकाश चन्द्र सेठी ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में भाजपा ने जीत दर्ज की। यहां से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आठ बार जीत हासिल की।