विद्यार्थियों के हाथ में डिग्री ही नहीं हुनर भी होना चाहिए 

इंदौर। आज हमारे विद्यालय बच्चों को अच्छी शिक्षा तो दे रहे हैं लेकिन इसके साथ उन्हें विद्यार्थियों को हुनरमंद बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए। आज के वातावरण में लिखना और पढ़ना कम होता जा रहा है। ऐसे में यदि हम जन्मदिन पर कार्ड और बुके की जगह हाथ से लिखा पत्र और पुस्तक भेंट करेंगे तो हमारी लुप्त होती जा रही लिखने पढ़ने की प्रवृत्ति में पुनः सुधार होगा।
 
यह बात लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन छत्रीबाग स्थित माहेश्वरी विद्या परिसर में माहेश्वरी विद्यालय ट्रस्ट द्वारा आयोजित लोकार्पण व सम्मान समारोह में व्यक्त किए। आपने कहा कि समाज के बुजुर्गों को निश्चित ही गर्व का अहसास होगा कि उनके सद्कार्यों को आगे बढ़ाने वाली नई पीढ़ी तैयार हो गई है।
 
स्कूलों में नए सत्र से रोज झण्डा वंदन व राष्ट्रगान होगा :  विजय शाह 
 
मध्यप्रदेश शासन के स्कूली शिक्षा कैबिनेट मंत्री श्री विजय शाह ने कहा कि हमारे बच्चों में देशभक्ति के संस्कार देना जरूरी हैं क्योंकि देशभक्त नागरिक ही अंततः देश के निर्माण का काम करते हैं। आपने जानकारी देते हुए कहा शिक्षा मंत्री के रूप में मैंने कक्षाओं में यस सर और यस मैडम की परिपाटी ख़त्म कर दी है । अब हाजिरी पर विद्यार्थी जय हिन्द बोलेंगे। आपने कहा कि वर्तमान में स्कूलों में वर्ष में दो बार ही झण्डा वंदन होता है, उसके बाद हमारा राष्ट्रीय ध्वज पेटी में रख दिया जाता है। इस परम्परा में भी सुधार किया गया है । अब स्कूलों में नए सत्र से रोज झण्डा वंदन व राष्ट्रगीत होगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गए हैं।
शिक्षा ऐसी हो जो पालकों के जेब और बच्चे के दिमाग पर बोझ ना बने : महापौर 
विशेष अतिथि महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ ने पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह गौड़ को याद करते हुए कहा कि वे कहा करते थे  कि शिक्षा ऐसी हो जो पालकों के जेब और बच्चे के दिमाग पर बोझ ना बने।
इंसानियत का जज्बा जागृत किए बिना सहकार के काम नहीं हो सकते : माहेश्वरी
एलन इंस्टिट्यूट कोटा के निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने कहा कि इंसानियत का जज्बा जागृत किए बिना सहकार और संस्कार के काम नहीं हो सकते। उन्होंने अपने भाव को एक सुन्दर भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
यह सम्मान आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं : पसारी  
इसके पूर्व अतिथियों ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए श्री पुरुषोत्तमदास पसारी का शाल श्रीफल भेंट कर कथा मालवी पगड़ी लगाकर सम्मान किया। अपने सम्मान के उत्तर में श्री पसारी ने कहा कि नई शिक्षा पद्धति में बच्चे अंग्रेजी में तो सब कुछ बोल रहे हैं लेकिन हमारी मातृभाषा हिंदी की उपेक्षा हो रही है। बच्चे हिंदी में गिनती भी नहीं बोल पा रहे हैं। आपने कहा कि कोई भी काम व्यक्ति अकेला नहीं कर सकता। यह टीम वर्क का परिणाम होता है इसलिए आज मैं अपना यह सम्मान आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं।
प्रारंभ में माहेश्वरी विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण अतिथियों ने फीता काट व शिलालेख का अनावरण कर किया। माहेश्वरी विद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक डागा ने ट्रस्ट की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। माहेश्वरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के अध्यक्ष अजय सोडानी ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का स्वागत घनश्याम झंवर, कल्याणमल मंत्री, पवन लड्ढा, लीलाधर मानधन्या, देवेंद्र बाहेती, मनोज कुईया, गिरीश परवाल, शोभा माहेश्वरी, प्रकाश सोडानी, श्याम सिंगी, महेश तोतला, नवीन धूत, वसंत खटोड़, जयकिशन डागा तथा प्राचार्य आशा त्रिवेदी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन नितिन माहेश्वरी एवं श्रीमती पंकज सोनी ने किया एवं आभार संस्था के मंत्री लीलाधर मानधन्या ने माना। इस गरिमामय समारोह में कृष्णकुमार अस्थाना, रामअवतार जाजू , सभापति अजयसिंह नरूका, हरीश माहेश्वरी, रामस्वरूप मूंदड़ा, वीणा सोमानी, अशोक ईनाणी, मुकेश असावा सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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