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अंजनी के किरदार ने बनाया शांत और विनम्र: स्नेहा वाघ
सबसे बड़े ‘हनुमान प्राणप्रतिष्ठा’ का शुभारंभ करने इंदौर पहुंचे
इंदौर. अंजनी का किरदार को करते हुए मुझे शूटिंग के दौरान शांत रहना होता था जो गुण मेरे वास्तविक जीवन में आ गई. मैं शांत रहना सीख गई. मैंने विनम्रता सीखी. इस किरादर के लिए विशेष रूप से योगा सीखा क्योंकि योग से शांति आती है और फोकस रहना सीखते हैं. मैं विशेष रूप से अष्टांग और हाट योगा करती थी.
यह कहना है अभिनेत्री स्नेहा वाघ का. वे एंड टीवी के शो कहत हनुमान जय श्री राम में अंजनी का किरदार निभा रही है. शुक्रवार को वे इंदौर में भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने बाल हनुमान एकाग्र के साथ आई थी. उन्हें इंदौर के पितृ पर्वत में अष्टधातु से बनी 72 फुट लंबी और 72 फुट चैड़ी प्रतिमा का अनावरण करते हुए और सबसे बड़े ‘हनुमान प्राणप्रतिष्ठाÓ में हिस्सा लिया. उन्होंने मीडिया से चर्चा में अपने अनुभव साझा किए.
चर्चा में स्नेहा ने बताया कि किरदार को करते हुए मैंने काफी कुछ जाना. हनुमान जी के जीवन में उनकी मां की अहम भूमिका थी. दोनों के बीच बॉण्ड बहुत अच्छा था. शिवजी को ममत्व का प्रेम का अनुभव करना था इसलिए उन्होंने अंजनी को चुना. उनकी कई छोटी कहानियां है जो मुझे जानने को मिली. कई नई जानकारियां मिली. प्यार के बारे में सीखने को मिला. राम के प्रति मारूति का प्यार जाना मैंने. खुशनसीब रही कि इस किरदार को मैंने नहीं इसने मुझे चुना क्योंकि मेकर्स चाहते थे कि मैं यही यह किरदार करूं. यह मेरा पहला मायथोलॉजिकल शो है. इसके लिए बहुत धैर्य रखना होता है.
मैंने रियल एक्टिंग तो बहुत की है लेकिन ग्रीन स्कीन यानि वीएफएक्स के साथ पहली बार काम किया. इसमें काम करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि आंखों के सामने कुछ नहीं होता. कल्पना करने किरदार निभाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मारूति का किरदार निभा रहे एकाग्र के साथ काम करने में शुरू में थोड़ा स्ट्रगल रहा लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया. वह बहुत ही स्मार्ट लड़का है.
वेब सीरिज और डांस रियलिटी शो करना चाहती हूं
स्नेहा ने बताया कि मैं मायथो में काली मां का किरदार करना चाहती हूं क्योंकि उसमें मुझे बहुत स्ट्रंथ नजर आती है. इसके अलावा मैं वेब सीरिज करना है जिसमें मुझे कुछ रियल और अच्छा करने को मिले. ऐसा किरदार को जिसमें मेरे टैलेंट को चैलेंज मिले और मुझे कुछ नया करने को मिले. साथ ही मुझे मौका मिलेगा तो डांस रियलिटी शो भी करना चाहती हूं क्योंकि मैं एक क्लासिकल डांसर हूं.
डांस के मिला एक्टिंका का मौका
स्नेहा ने कहा कि मैंने एक्टिंग का कभी सोचा नहीं था. मेरी मम्मी को डांस का शौक था तो उन्होंने मुझे क्लासिकल डांस करवाया. इसके बाद में रूकी नहीं. मेरी परफार्मेस को किसी डायेरक्टर ने देखा तो मुझे थियेटर करने का मौका मिला. इसके बाद से मेरा अभिनया का सफर शुरू हुआ. थियेटर, टीवी और मराठी फिल्में कर चुकी हूं. उन्होंने बताया कि मैंने फिल्म मेकिंग का कोर्स भी किया है तो भविष्य में रियल सिनेमा के लिए कुछ करना चाहूंगी.
एक्टर की जीवन में थियेटर की बड़ी भूमिका
स्नेहा ने कहा कि एक्टर के जीवन में थियेटर बड़ी भूमिका निभाता है. वह साहित्य के करीब होता है तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है. मराठी साहित्य काफी समृद्ध है तो वहां काफी अच्छा थियेटर होता है. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आपमें टैलेंट है तो आप बहुत दूर तक जाएंगे. केवल अच्छा दिखने भर से कुछ नहीं होता. एक्टिंग में आने से पहले पढ़ाई पूरी करें और थियेटर जरूर करें यह आपको बहुत कुछ सिखाएगा.
सबसे बड़े ‘हनुमान प्राणप्रतिष्ठा’ का शुभारंभ करने इंदौर पहुंचे
‘भक्ति’ को सबसे बड़ी मानवीय भावना माना जाता है। हर ईश्वर के लिये, एक भक्त होता है, लेकिन भगवान राम के प्रति भगवान हनुमान की निःस्वार्थ भक्ति और समर्पण उन्हें सही मायने में ‘भक्ति’ का प्रतीक बनाता है। एंड टी वी का हाल ही में लाॅन्च हुआ मायथोलाॅजिकल शो ‘कहत हनुमान जयश्रीराम’ बाल हनुमान की रोचक कहानी से दर्शकों का मन इतना मोह रहा है कि इस शो के शरारती लेकिन स्मार्ट हनुमान ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
एक पल में उनकी मासूमियत और मजेदार शरारतों से मुश्किल का हल निकल आता है। भगवान हनुमान अपनी मां अंजनि के करीब हैं, जिन्होंने हनुमान को संसार की सभी बुरी और नकारात्मक चीजों से उनका बचाव करने की कोशिश कर रही हैं। इंदौर के लोगों को इन दोनों के इस प्यारे रिश्ते को देखने का मौका मिला, जब वे शहर में भव्य ‘हनुमान प्राणप्रतिष्ठा’ का शुभारंभ करने पहुंचे।
भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने एंड टी वी के बाल हनुमान (एकाग्र द्विवेदी अभिनीत) और माता अंजनि (स्नेहा वाघ अभिनीत) स्वयं इंदौर पहुंचे। उन्हें इंदौर के पितृ पर्वत में अष्टधातु से बनी 72 फुट लंबी और 72 फुट चैड़ी प्रतिमा का अनावरण करते हुए और सबसे बड़े ‘हनुमान प्राणप्रतिष्ठा’ में हिस्सा लेते हुए देखा गया।
इस प्रतिमा को तैयार करने में 15-16 साल का वक्त लगा और इसकी शुरुआत 2002 में हुई थी। यह प्रतिमा इंदौर के भक्तों की मेहनत है, जिन्होंने अपने पूर्वजों को श्रद्धाजंलि देने के लिये पहाड़ी पर वृक्षारोपण किया था। इसे भारत की सबसे बड़ी अष्टधातु की प्रतिमा बताया जा रहा है। इसे हाल के दिनों में असाधारण कारीगरोें द्वारा किये गये प्रयासों से तैयार किया गया।
कला के इस विशाल नमूने का भव्य अनावरण करने के लिये अपनी उत्सुकता और आभार प्रकट करते हुए, स्नेहा वाघ कहती हैं, ‘‘भगवान हनुमान की 72 फुट लंबी और 72 फुट चैड़ी प्रतिमा का अनावरण करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। हाल ही में इंदौर आयी थी और इस शहर में भगवान हनुमान के भक्तों की अद्भुत कला के बारे में मुझे जानकारी है।
इस बारे में जानते हुए और अब इस भव्य अनावरण का हिस्सा बनने से ज्यादा खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती। इस शहर की मैं बेहद आभारी हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारा शो ‘कहत हनुमान जयश्रीराम’ को पूरे देशभर में इतना प्यार और सम्मान मिला है। इतने बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनने केे रूप में हमें वह सम्मान मिल रहा है।’’
स्नेहा के साथ अपनी खुशी जाहिर करते हुए, एकाग्र द्विवेदी (बाल हनुमान) ने कहा, ‘‘भगवान हनुमान एक शाश्वत देवता है और मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि इतने भव्य कार्यक्रम का हिस्सा बन पाया और अपने शो ‘कहत हनुमान जय श्रीराम’ के लिये आशीर्वाद ले पाया। आज के समय में बच्चे बहुत ही जल्दी उदास हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेना चाहिये, क्योंकि पूरी दुनिया में भक्त उन्हें ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ कहते हैं। भगवान हनुमान हमें जिंदगी में सारी मुश्किलोें से बाहर निकलने की प्रेरणा और ताकत देते हैं।