- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
भारतीय छात्रा को मिला एसआरके ला ट्रोब पीएचडी $ 200,000 स्काॅलरशिप
आज एक भारतीय महिला शोधकर्ता को प्रतिष्ठित शाहरुख खान ला ट्रोब विश्वविद्यालय पीएचडी स्काॅलरशिप दिया गया। इस महिला, गोपिका में पशु विज्ञान, पारिस्थितिकी और आणविक अध्ययनों के माध्यम से खेती के तरीकों में सुधार करने का जुनून है।
पीएचडी शोध छात्रा गोपिका कोट्टनथरयाली भासी दक्षिण भारतीय राज्य केरल के त्रिशूर की है जिनका चयन 800 से अधिक भारतीय महिलाओं में से हुआ। मुंबई में एक समारोह में गोपिका को चार साल का यह स्काॅलरशिप दिया गया। आयोजन में ला ट्रोब के चांसलर माननीय जॉन ब्रम्बी एओ भी शामिल थे।
ला ट्रोब के आर्थिक सहयोग से पीएचडी स्काॅलरशिप शुरू करने और श्री खान के साथ ला ट्रोब के संबंध के पीछे मेलबोर्न भारतीय फिल्म महोत्सव के साथ ला ट्रोब की दस साल की साझेदारी रही है।
गोपिका ला ट्रोब की खास शोध टीम का हिस्सा होंगी जो दुनिया की मधुमक्खी आबादी को वायरसों, प्रदूषकों से बचाने और वनस्पतियों की विविधता में गिरावट रोकने की नई तकनीकों की खोज में जुटी है। गोपिका शहद की मधुमक्खी के वायरस की ऐसी जांच पर शोध करेंगी जिस पर खेत में अमल किया जा सके। वे शहद की मधुमक्खियों की अच्छी सेहत के लिए उपचार विकसित करने के किए काम करंेगी।
श्री खान ने दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों का वैज्ञानिक समाधान देने का जुनून रखने के लिए गोपिका की तारीफ की।
“मैं गोपिका के समर्पण और दृढ़ संकल्प का कायल हूं। वे इस स्काॅलरशिप से मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया जा सकती हैं जहां भारत के कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने में सहयोग देने का सपना सच कर दिखाएंगी। मैं उनकी सफलता की कामना करता हूं,’’ श्री खान ने कहा।
कालीकट विश्वविद्यालय की स्नातक गोपिका में पशु स्वास्थ्य को लेकर एक जुनून रहा है। वे एक किसान परिवार में पली-बढ़ी और केरल में एशियाई हाथियों के प्रबंधन पर शोध किया। पिछले एक साल से वे अपने परिवार के पाॅल्ट्री फार्म का प्रबंधन संभाल रही हैं क्योंकि इस बीच उनके पिता की दिल की बाइपास सर्जरी हुई। इस दौरान गोपिका ने खाद्य उत्पादन के दृष्टिकोण से पशुधन पर आहार, पानी, बीमारियों और जलवायु के प्रभावों पर शोध किया है।
ला ट्रोब के चांसलर माननीय जॉन ब्रम्बी एओ ने कहा कि हमारी यूनीवर्सीटी को गोपिका के स्वागत और उनके पीएचडी शुरू करने का इंतजार है।
‘यह बहुत अच्छी बात है कि श्री खान के मानवीय और सामाजिक न्याय के कार्यों के सम्मान में शुरू इस स्काॅलरशिप से गोपिका का जीवन बदल जाएगा और वे दुनिया को बदलने का बेहतर प्रयास कर पाएंगी।’’ श्री ब्रम्बी ने कहा।
‘‘हमें उनकी सफलता की इस कहानी का हिस्सा बनने और गोपिका के कार्य क्षेत्र में ज्ञान बढ़ाने में उन्हें योगदान करने पर गर्व है,’’ उन्होंने कहा।
गोपिका ने यह स्काॅलरशिप मिलने को अपना बड़ा सम्मान बताया।
मुझे ला ट्रोब जाने और अपनी पढ़ाई शुरू करने का बेसब्री से इंतजार,” उन्होंने कहा।
“मुझे विश्वास है अपने शोध के माध्यम से मैं भारत में कृषि विज्ञान को बेहतर बनाने का काम करूंगी। खाद्य उत्पादन के लिए मधुमक्खियों की रक्षा करना जरूरी है और मैं अग्रणी वैज्ञानिकों के साथ इस पर अत्याधुनिक शोध करने के लिए बहुत उत्साहित हूं,“ गोपिका ने कहा।
एयूडी 200,000 (लगभग 9.5 मिलियन भारतीय रुपयों) का स्काॅलरशिप शुरू करने की घोषणा अगस्त 2019 में की गई जब ला ट्रोब विश्वविद्यालय ने श्री खान को मानद उपाधि दी थी। उनके जनहित कार्यों के लिए विशेष पहचान दी गई। शाहरुख ने एसिड हमला पीड़ितों की मदद और उनकी आत्मनिर्भरता के लिए अपने मीर फाउंडेशन के माध्यम से बड़ा काम किया है।
इस स्काॅलरशिप के लिए भारत की 800 से अधिक महिलाओं ने अभिरुचि व्यक्त की। अंतिम चरण के लिए चुनी गई तीन महिलाओं में से ला ट्रोब ग्रेजुएट रिसर्च स्कूल के शिक्षाविदों के एक स्वतंत्र पैनल ने गोपिका को चुना।