वीमेन ऑफ़ वर्थ वाओ 2020

इंदौर.  महिला दिवस के मौके पर महिलाओं के सम्मान के लिए वीमेन ऑफ़ वर्थ वाओ  2020 प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसके अंतर्गत सोशल, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट और बिज़नेस के क्षेत्र से जुड़े दिग्गजों के बीच “वीमेन ऑफ़ वर्थ” विषय पर पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया. इसकी थीम थी “महिला को एक दिन के आगे कैसे देखते है.

इस कार्यक्रम में प्रेमेष मेहता, जैक्वार मध्यप्रदेश हेड व मुख्य अथिति मनीष कूमत, की-नोट स्पीकर के रूप में उपस्थित रहे. इसके अलावा पैनल डिस्कशन के अंतर्गत, पद्मश्री श्रीमती जनक पलटा मक्गिलिगं, इंजीनियर एवं इंटीरियर डिजाइनर विनय बाबर, आर्किटेक्ट आदित्य अग्रवाल, इंटीरियर डिजाइनर श्रीमती प्रगति जैन, आर्किटेक्ट व अर्बन प्लानर श्रीमती श्रुति पुरोहित, इंजीनियर हितेंद्र महता, एजुकेशनिस्ट जया चैको, एंटरप्रेन्योर श्रीमती वंदना मल्होत्रा, ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. माधवी पटेल अन्य स्पीकर्स के तौर पर शामिल रहे.

जैक्वार ग्रुप द्वारा आयोजित इस इवेंट के मौके पर अतिथि के तौर पर मौजूद श्रीमती जनक पलटा ने कहा कि ” महिलाओं को उनका सम्मान मिलना चाहिए , महिलाएं शांति स्थापित करती है तब जाकर दुनिया आगे बढ़ती है. वीमेन राइट्स का मतलब यह है कि बच्ची का जन्म से पहले स्वागत हो , जन्म के बाद उसे शिक्षा मिले और उसे उसके सारे सम्मान मिले.

मुझे लगता है अब बेटी नहीं बेटों को बचाने का वक़्त है आप अपने बेटों को बचाय, उन्हें अच्छे संस्कार दें, उन्हें औरतों की इज्जत करना सिखाए. उन्होंने साथ ही कहा कि मानव एक पक्षी है और महिला – पुरुष इस  पंझी के दो पंख है जब तक दोनों पंख आपस में विश्वास और सामंजस्य करके नहीं चलेंगे यह दुनिया आगे नहीं बढ़ पाएगी.

मुख्य अथिति मनीष कूमत ने बहुत ही कमजोर और ध्यान देने वाले मुद्दें पर कहा कि पूरी दुनिया में महिलाओं के विकास की जरुरत है. दुनिया भर में बेबी गर्ल की अपेक्षा बेबी बॉय ज्यादा जन्म लेते  है. दुनिया भर की तमाम बड़ी कार निर्माता कंपनियां सिर्फ पुरुषों की सेफ्टी ध्यान रखकर मॉडल डिज़ाइन करती है जोकि दर्शाता है हमारे समाज में महिलाओं की क्या स्थिति है. जो सोचने लायक है. इसके अलावा मनीष कूमत ने मनुस्मृति पर भी  बात की.

विनय बाबर ने कहा कि मेन और वीमेन होना आपके या किसी के भी हाथ में नहीं होता है. ये तो किस्मत का खेल होता है. इसका मतलब यह नहीं होता कि वीमेन कोई काम नहीं कर सकती, वीमेन हर जगह बराबरी पर खड़ी है, कोई भी उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता. जो हाउस वाइफ है जो घर संभालती है समाज में उनका भी महत्वपूर्ण योगदान है. 

आदित्य अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अब वो समय चला गया है जब लोग औरत और पुरुष में भेदभाव करते थे, आज महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार समाज में बेहतर मौके मिल रहे है, बल्कि बड़ी कंपनियां भी महिलाओं को पहले तरजीह देती है क्योंकि उनका धेर्य और कौशल पुरुष की अपेक्षा ज्यादा होता है.

प्रगति जैन का मानना है कि महिला सिर्फ अपनी क्वालिटी के हिसाब से आगे बड़े उसे किसी के अहसान की जरूरत नहीं है. आज की महिला को बहुत सी ऐसी आज़ादी मिली है जो पहले नहीं मिलती थी. आज महिला को अपने आप को साबित करने के लिए बेहतर मौके है जो पहले नहीं होते थे.

श्रुति पुरोहित ने कहा कि महिलाओं कि जरुरत और वैल्यू तो हमेशा से ही हमारे समाज में रही है लेकिन समय के साथ कहीं न कहीं इसे भुला दिया गया वीमेन को डोमिनेटेड किया गया. उन्होंने कहा वीमेन को आगे लाने के लिए सही स्कूलिंग और ह्यूमन वैल्यू कि बहुत जरुरत है.

इंजीनियर हितेंद्र मेहता का मानना है कि महिलाओं को गावों से बाहर निकालने के लिए और आगे लाने के लिए शिक्षा की बहुत जरुरत है, उन्हें उनके टेलेंट के हिसाब से मौके मिलना चाहिए.

जया चैको ने कहा कि आज की वीमेन 21 इरा की वीमेन है वो हर जगह आगे है, आज वीमेन हर जगह बराबरी पर खड़ी है. आज वीमेन घर के साथ-साथ अपना करियर भी संभाल रही है.

वंदना मल्होत्रा ने अपने विचारों  को रखते हुए कहा कि आज की नारी अपना सम्मान खुद कमाना जानती है. वह किसी की मोहताज़ नहीं है. वह अपने मौके खुद बनाती है. आज महिला हर फिल्ड में हर पोजीसन पर है. 

डॉ. माधवी पटेल ने अपनी बात रखना शुरू कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यते  रमन्ते तत्र देवता !’ मतलब जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं. उन्होंने नारी का महत्त्व समझते हुए कहा कि नारी अनादि काल से ही शक्ति का स्वरुप है. नारी को ईश्वर ने सब कुछ दिया है. नारी सिर्फ साथ चलना चाहती है.

इस कार्यक्रम में प्रसिद्द एप्रिकॉट बैंड और एमटीवी हसल से मशहूर हुई रैपर स्टार निक की लाइव परफॉरमेंस ने भी सभी का दिल जीता.

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