- Did you know Somy Ali’s No More Tears also rescues animals?
- Bigg Boss: Vivian Dsena Irked with Karanveer Mehra’s Constant Reminders of Family Watching Him
- Portraying Diwali sequences on screen is a lot of fun: Parth Shah
- Vivian Dsena Showers Praise on Wife Nouran Aly Inside Bigg Boss 18: "She's Solid and Strong-Hearted"
- दिवाली पर मिली ग्लोबल रामचरण के फैन्स को ख़ुशख़बरी इस दिन रिलीज़ होगा टीज़र
कोरोना और रोग जाने अपनी कुंडली से, करे घरेलू उपाय
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ
कोरोना और रोग जाने अपनी कुंडली से। इससे बचे और बढ़ाये अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता। करे घरेलू उपाय। कैसे ग्रहों के द्वारा देने वाली बीमारियों से बचें
हम सभी जानते हैं कि कुंडली का छठा भाव रोग का स्थान होता हैं। हम अपनी सतर्कता से इन भावों मे स्थित ग्रहों की बीमारियों से बच सकते हैं। …
१. छठे भाव में चंद्रमा : कफ रोग, नेत्र रोग होता है। ठंडी चीजें खाने से बचें। कही भी तुरंत किसी भी पार्टी मे बिना सोचे समझे पीना शुरू न कर दें। फ्रिज की रखी हुई चीज़े जिसमे केला आता है ,चावल आता है ,दही आता है ऐसी वस्तुओ का प्रयोग आपको एकदम बंद कर देना चाहिए ,या वो चीज़े खाना बंद कर दीजियेगा जिसमें पिपरमिंट होता है मेंथोल होता है ,नहीं तो आप काफी परेशानी में आते है, खास तौर पे एकादशी को चावल छुए भी नहीं॥
२.छठे भाव में मंगल : रक्त और पेट संबंधी बीमारी, नासूर, जिगर, पित्त आमाशय, भगंदर और फोड़े होना। तेज़ मसाले तेज़ चीनी तेज़ नमक, घातक सिद्ध हो सकता है ,मंगल सीधे सीधे हड्डी या ब्लड से रिलेटेड समस्या दे सकता है ,खास तौर से ब्लड प्रेशर और circulation की और इन चीजों का ज्यादा प्रयोग होगा तो obviously समस्या आयेगी । मदिरा मांस आदि का सेवन करते है तो संपत्ति और शरीर दोनों की बहुत हानी होती है । बहुत मसालों का प्रयोग करते है तो भी शरीर की बहुत जादा हानी उसमें होती है ।
३. छठे भाव में बुध: चेचक, नाड़ियों की कमजोरी, जीभ और दाँत का रोग।तनाव में या जल्दी बाजी में भोजन न करिये । बहुत जादा दाले ऐसे लोगो को नहीं खानी चाहिये । कच्ची सब्जिया न खाये ।शीशे के बर्तन में भोजन न करे और न जल पिये। देर रात का भोजन कतई नहीं करना है । नमकीन चीजों का सेवन भी आपको बहुत कम करना है ।
केचप सिरका अचार वगैरह का सेवन बहुत कम करना चाहिये । जमीन के निचे निकलने वाली सब्जिया और फल बहुत कम ले । न ही ले तो जादा अच्छा है । जितना जादा आप लेंगे उतना ही ये आपके भाग्य को कम करता चला जाएगा । वाणी पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा ।
४. छठे भाव में गुरु:पेट की गैस और फेफड़े की बीमारियाँ। गुड का सेवन चाहे थोडा सा या जादा जरूर करे । हल्दी का सेवन जरूर करे । जाड़ो में अंजीर जरूर खाया करिये।
५. छठे भाव में शुक्र: त्वचा, दाद, खुजली का रोग। तनाव या जल्दी बाजी में भोजन नहीं करना चाहिये । ये बहुत नुकसान देता है होर्मोनल disturbance देता है । बहुत जादा मीठा या ठंडा आप लेंगे तो कोई असाध्य रोग भी शुक्र आपको दे देगा ।और समस्या ऐसे में बहुत जादा हो जाती है।
ऐसे लोगो को जौ का सेवन जरूर करना चाहिये । और ईश्वर न करे बीमार हो तो गोमूत्र का सेवन जरूर करे. ठंडा मीठा बहुत खा रहे है शराब वगैरह पी रहे है तो कुपित शुक्र संतान उत्पत्ति की क्षमता ख़त्म कर देगा।
६. छठे भाव में शनि: कंठ व श्वांस रोग होता है. छठे भाव में शनि हो तो नशा व मांस नहीं ले वरना घर बार द्वार स्वास्थ्य में घोर कष्ट होगा ।
७. छठे भाव में सूर्य: नेत्र रोग, खाँसी,शारीरिक कमजोरी और रक्त चाप। नमक कम खाना चाहिए, गुड़ जरूर खाए ,विटामिन डी जरूर ले। मांस मदिरा का सेवन नहीं करें। जाड़ो में अधिक तली हुई वस्तुए नहीं खानी चाहिये वरना नुकसान होगा।
८. छठे भाव में केतु : वात विकार,रीढ़, जोड़ों का दर्द, शुगर, कान, स्वप्न दोष, हार्निया, गुप्तांग संबंधी रोग। उड़द और बीजवाले फल या बेल पर लगने वाले फल केतु को कुपित करते है इन चीजों से बचना होगा।
जमीन के निचे उगने वाली सब्जियों को यदि आप खाते है तो आपको बहुत अच्छे परिणाम मिलें मिलेंगे । यदि आप बेहद सादा भोजन करते है और अपने भोजन का कुछ हिस्सा कुत्ते के लिये निकाल के रखते है तो केतु कभी भी आपको बुरे परिणाम नहीं देगा ।
९. छठे भाव में राहु:कमर दर्द,बुखार, दिमागी की खराबियाँ, अचानक चोट, दुर्घटना। मछली या मछली से सम्बंधित कोई भी वास्तु खायी तो महा संकट आता है. राई खटाई मिठाई इन तीनो चीजों से बहुत दूर रहे ।