इंदौर में लाकडाउन बढ़ाने पर जनप्रतिनिधियों ने दिये सुझाव

प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई बैठक*

इंदौर. इंदौर संभाग के प्रभारी तथा जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज रेसीडेंसी कोठी में इंदौर के जन प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी। बैठक में इंदौर में वर्तमान स्थिति और लॉक डाउन के संबंध में आगामी निर्णय पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।

बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, सांसद श्री शंकर लालवानी, श्री कैलाश विजयवर्गीय, श्री आकाश विजयवर्गीय, श्री रमेश मेंदोला, श्री संजय शुक्ला, श्री विशाल पटेल, श्री मनोज पटेल, श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री मधु वर्मा, श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री कृष्ण मुरारी मोघे, सुश्री ऊषा ठाकुर, श्री गौरव रणदिवे, श्री राजेश सोनकर, श्री गोपीकृष्ण नेमा, श्री जीतू जिराती, संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी, आईजी श्री विवेक शर्मा, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, डीआईजी श्री हरिनारायणचारी मिश्र, आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल उपस्थित थे।

बैठक में मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा की कोरोना सम्पूर्ण मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है। यह चुनौती बड़ी हैं और हम सभी मिलकर इसका सामना करने में क़ामयाब होंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर आज यह बैठक इसलिए बुलाई गई ताकि सभी जनप्रतिनिधियों की सहमति से इंदौर के बारे में कोई निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि इंदौर में जन प्रतिनिधियों और प्रशासन की पूरी टीम स्थिति को बेहतर ढंग से हैंडल कर रही है और वह इसके लिए बधाई की पात्र है।

उन्होंने कहा कि यहाँ उपस्थित सभी जन प्रतिनिधि इस शहर की तासीर को जानते समझते हैं। इन सभी से प्राप्त सुझावों और सभी की सहमति से इंदौर में आने वाले दिनों में लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा यद्यपि इंदौर में धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है परंतु पूरा कंट्रोल करने के लिए लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाना ही उचित है।

बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि इन्दौर में प्रशासन अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कभी न कभी तो लॉकडाउन की यह स्थिति सुलझेगी, अत: इसके लिए मानसिक रूप से तैयारी करना ज़रूरी है। लॉकडाउन कैसे खोला जाएगा इसके लिए कार्ययोजना बनाया जाना ज़रूरी है।

श्रीमती महाजन ने कहा कि इंदौर ज़िले के सभी सरकारी अस्पतालों को पुख़्ता बनाए जाने की ज़रूरत है। यहाँ डॉक्टरों की ड्यूटी, दवा और सभी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। उन्होंने यह भी कहा कि काम करने वाले छोटे कर्मचारियों और समाजसेवी संगठनों पर भी ध्यान दिया जाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इंदौर सदैव से बड़ा दिल रखता है। इंदौर वासियों ने यहाँ से गुज़रने वाले मज़दूरों की पीड़ा समझी है और उनके खाने, पीने के पानी और जूते चप्पल तक की चिंता की है।

बैठक में श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर में धीरे-धीरे सामान्य वातावरण बने, इसके लिए प्रयास ज़रूरी है। इंदौर का मज़दूर यहीं पर रहे इसके लिए ज़रूरी है कि छोटे-छोटे उद्योग खुले। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के बीच कड़ा प्रतिबंध ज़रूरी है। शहर और गाँव में परस्पर आवागमन सख़्ती से रोका जाए, यह बंदिश ज़रूरी है, अन्यथा हमारे गांवों में कोरोना के संक्रमण फैलने पर स्थिति अत्यंत विकट हो जाएगी।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि अपने प्रदेश में कहीं पर भी मज़दूर पैदल नहीं निकले, इसके लिए अब गाड़ियों की व्यवस्था की गई है और अन्य ज़रूरी इंतज़ाम किए गए हैं। इसका यह असर हुआ है कि अब सड़कों पर पैदल जाते हुए मज़दूर नहीं दिख रहे हैं। श्री विजयवर्गीय ने कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अगुवाई में संजीदगी से जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे काम की सराहना की।

बैठक में श्री सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन जारी रहना चाहिए। इसके साथ ही विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को अनुमति भी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चप्पल-जूते की कमी महसूस हो रही है, अतः इनके निर्माण करने वाली इकाइयों को इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

पूर्व विधायक श्री मनोज पटेल ने बैठक में कहा कि सीमेंट, टाइल्स, सरिया की दुकानें खोली जाएं, ताकि ग्रामीण अंचल में निर्माण शुरू हो सके। श्री मधु वर्मा ने बैठक में कहा कि कलेक्टर श्री मनीष सिंह एवं जिला प्रशासन द्वारा इंदौर ज़िले की सीमा में मज़दूरों के लिए बसों की व्यवस्थाएं की गई है। यह एक अच्छा प्रयास है।

विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय ने बैठक में कहा कि अभी लॉकडाउन नहीं खुले, इस संबंध में सहमति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि हमें हास्पिटल में जो भी कमियां दिख रही है, उसे दूर करनी चाहिए। विधायक सुश्री ऊषा ठाकुर ने भी कहा कि अभी लॉकडाउन जारी रखने में ही सबकी भलाई है।

विधायक श्री रमेश मेंदोला ने कहा कि इस समय प्रशासन अच्छा काम कर रहा है। मज़दूर क्यों पलायन कर रहे हैं इस बात पर भी विचार किया जाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मज़दूरों का पलायन रोकने पर चिंता की जानी चाहिए।

श्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि नागरिकों में इम्यूनिटी बढ़ाया जाना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए इंदौर शहर के जो क्षेत्र सुरक्षित हैं वहाँ सुबह 5 से 7 बजे तक मॉर्निंग वॉक, व्यायाम और योगा की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने यह  भी कहा कि शहर में पानी की टंकियों का निर्माण चालू कराया जाए, जिससे मज़दूरों को काम भी मिल सके। नगर निगम को पेयजल समस्या पर अभी से ध्यान देना होगा।

पूर्व विधायक डॉ. राजेश सोनकर ने बैठक में ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए कहा। साथ ही किसानों के तरबूज़ और सब्ज़ियां ख़राब न हो, वह मार्केट तक पहुँचे, इसके लिए एक सुचारु व्यवस्था का अनुरोध किया। बैठक में श्री गौरव रणदीवे और श्री जीतू जिराती ने शहर में कामगारों पर ध्यान देने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि इंदौर में अभी केवल 25 प्रतिशत लेबर ही बचे हैं। अगर कामगार नहीं मिलेंगे तो ऐसे में औद्योगिक इकाइयों का काम प्रभावित होगा। बैठक में श्री कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि प्रशासन कार्यों का वर्गीकरण गतिविधियों पर विचार करें। ट्रांसपोर्ट नगर से माल बाहर निकलें, इसके लिए भी उपाय करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन वर्तमान परिस्थितियों में आगे बढ़ाया जाना ज़रूरी प्रतीत हो रहा है।

विधायक श्री संजय शुक्ला ने कहा कि शहर में मज़दूर वर्ग की परेशानी ज़्यादा है, उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। क्षेत्र में कुछ इलाकों में पानी की समस्या भी आ रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खोले जाने के संबंध में हम सभी शहर के लिए एकमत होकर काम करेंगे। अभी इस महीने लॉकडाउन खोला जाना उचित नहीं होगा।

विधायक श्री विशाल पटेल ने कहा कि अब मध्यम वर्ग को भी राशन की आवश्यकता पड़ने लगी है। उन्होंने किसानों द्वारा गेहूं की बिक्री के संबंध में एसएमएस की विसंगतियों  पर ध्यान आकृष्ट कराया और व्यवस्था में सुधार का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन बढ़ाया जाता है तो वे इस निर्णय पर अपनी सहमति दे रहे हैं।

विधायक श्री जीतू पटवारी के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में उपस्थित श्री किशोर कोडवानी ने कहा की वर्तमान में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अधिक सक्रियता से काम करने की ज़रूरत है। कान्ह नदी में सेम्पलिंग करें और यह भविष्य में प्लानिंग के काम आएगा। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा अपना काम समेटना नितांत आपत्तिजनक है। शहर में पाँच सौ के लगभग एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं, इनका भी उपयोग किया जाना चाहिए।

बैठक में संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने श्रमिकों के आवागमन के लिए शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की अब संभाग के बड़वानी और बुरहानपुर सहित झाबुआ ज़िले में आने वाले मज़दूरों को कहीं पर भी पैदल नहीं चलना पड़े इसके लिए बसों की व्यवस्था की गई है। उन्हें संभाग के एक छोर से दूसरे छोर तक बसों में बैठाकर भेजा जा रहा है।

पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेक शर्मा ने बैठक में कहा कि पुलिस के लिए चुनौतियाँ निरंतर बढ़ेंगी। लॉकडाउन खोले जाने के बाद अन्य कार्य क्षेत्र भी पुलिस के सामने होंगे। हो सकता है कि अपराध भी बढ़े। साथ ही पुलिस कर्मियों पर वर्तमान दायित्व के अलावा न्यायालयीन कार्यों का दबाव भी बढ़ेगा। साथ ही उन्होने कहा कि इसी के अनुरूप कार्ययोजना बनायी जा रही है।

श्री शर्मा ने कहा कि शहर में अभी 317 कंटेंनमेंट क्षेत्र है, जहाँ पर पुलिस बल मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर रक्षा समितियों के लगभग एक हज़ार सदस्यों का सहयोग भी लिया जा रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि नगर रक्षा समिति के सदस्यों के मानदेय पर विचार किए जाने की भी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल अभी कर्फ्यू पास के चेकिंग में काफ़ी समय दे रहा है। इस संबंध में भी विचार किया जाने की ज़रूरत है। 

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने ज़िले के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अपने प्रयासों में सफलता की ओर आगे बढ़ रहा है। नागरिकों को समझाइश और सम्पर्क से लॉकडाउन को सफल बनाया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में कोरोना पॉज़िटिव मिले हैं, वहाँ विशेष ध्यान दिया जा रहा है। श्री मनीष सिंह ने कहा कि किसी क्षेत्र में लास्ट पॉज़िटिव मिलने के बाद भी 21 दिन के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। शहर में लगभग 80 ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ 21 दिन पूरे हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में प्रोटोकाल के अनुरूप अब कंटेंटमेंट एरिया की बंदिशें हटायी जाएंगी।

कलेक्टर ने यह भी बताया कि औद्योगिक गतिविधियां नगरीय सीमा से बाहर प्रारंभ करायी जा रही हैं। पीथमपुर आने-जाने के लिए भी पूरी एहतियात के साथ कर्मचारियों को जाने की अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का काम जल्दी ही पूरा हो जाएगा। श्री मनीष सिंह ने कहा कि ऐसे छोटे-छोटे निर्माण इकाइयाँ जहाँ पर कार्य करने की जगह अत्यंत सीमित है, उन्हें छोड़कर अन्य को अनुमति दिए जाने पर विचार किया जाएगा।

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