समस्या नहीं समाधान का हिस्सा बने: शास्त्री

छत्रीबाग रामद्वारा में संत समागम एवं सत्संग
इंदौर. छत्रीबाग स्थित रामद्वारा में सात दिवसीय संत समागम एवं सत्संग का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के मूलआचार्य रामचरणजी महाराज की त्रि शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत हो रहा है. शनिवार को छत्रीबाग स्थित रामद्वारा में संत समागम एवं सत्संग में जोधपुर से आए संत हरिराम शास्त्री ने सभी भक्तों को संबोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए.
उन्होंने अपने प्रवचन में सभी भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि हम समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बनें. समाधान के प्रयास न करने पर हम स्वंय समस्या में पड़ सकते हैं. इसलिए हमारे जीवन में जो भी बड़ी से बड़ी या छोटी से छोटी समस्या आए उसका समाधान हम करते चलेंगे तो हमें हमारे जीवन में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और हमारा जीवन में सुखमय और आनंदमय बीतेगा.
संत हरिराम शास्त्री ने अहंकार को उदाहरण देकर समझाया कि अहंकार बर्फ की चट्टान की तरह होता है. अगर चट्टान को न पिघलाओ तो यह पत्थर जैसा कड़क रहेगा और हमें हमारे जीवन को हमेशा घायल करता रहेगा. इसीलिए हमें हमारे जीवन में कभी भी अहंकार नहीं करना चाहे और दूसरों की सहायता और मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। रामद्वारा छत्रीबाग से जुड़े रामसहाय विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि रामद्वारा में यह सात दिवसीय सत्संग 10 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा। जिसमें संत गोपालरामजी (ब्यावर वाले), मनसुखरामजी (सिरोही वाले), सनमुखरामजी (जोधपुर वाले) अपनी वाणी से सभी भक्तों को प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे.

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