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गुजरात में बंदरगाह बनाने के लिये मध्यप्रदेश शासन ने गुजरात सरकार से मांगी जमीन
प्रदेश को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास जारी- मध्यम उद्यम मंत्री श्री सकलेचा*
इंदौर. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा की अध्यक्षता में आज रेसीडेंसी सभाकक्ष में उद्योगपतियों और उद्योग संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने गुजरात सरकार से समुद्र के किनारे बंदरगाह बनाने के लिये जमीन माँगी है, जिससे प्रदेश के आयात और निर्यात को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योग को सभी मूलभूत सुविधाएँ मुहैया करायी जा रही हैं। सिंगल प्लेटफार्म पर उन्हें नये उद्योगों की अनुमति दी जा रही है। उन्हें बिना गारण्टी के ऋण दिया जा रहा है।
प्रदेश में सड़कों की स्थिति बहुत अच्छी है। राज्य शासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को बिजली में रियायत देने पर विचार कर रही है। नये उद्यम की स्थापना के लिये एक हजार एकड़ जमीन चयनित कर आरक्षित कर दी गई है।
बैठक में मंत्री श्री सकलेचा ने यह भी कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की खोजों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग में मूर्त रूप दिया जायेगा, जिससे उन खोजों का लाभ आम आदमी को मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को प्रदेश में मूर्त रूप दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के उत्पादों को हम देश-विदेश में निर्यात करेंगे।
मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग चीन की तर्ज पर सस्ती दर पर उपभोक्ताओं को माल उपलब्ध करायेगा। हमारा उद्देश्य प्रदेश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देना है। व्यापारियों के हितों की रक्षा करना है और उनके स्वाभिमान और सम्मान की भी रक्षा करना है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां से पूरे देश में आसानी से पक्का माल भेजा जा सकता है और कच्चा माल मंगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इंदौर में सूचना प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण की व्यापक संभावनाएँ हैं। यहाँ पर बिजली सरप्लस में है अर्थात दूसरे राज्यों को बेची जा रही है। हमें उद्योगों के साथ श्रमिक कल्याण पर भी ध्यान देना जरूरी है। सड़क, पानी और साफ-सफाई का दायित्व नगरीय निकायों का है। उनके माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में यह काम करवाया जायेगा।
इंदौर में 32 किमी के रेडियस में अनेक नये औद्योगिक क्षेत्र बनाये जा रहे हैं, जिसमें विकसित और अविकसित दोनों तरह के भूखण्ड होंगे। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम उद्योग ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार मिलता है। अगले बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के हित में अनेक प्रावधान किये जा रहे हैं। राज्य शासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को अलग-अलग क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण दिलवायेगा।
उन्होंने कहा कि मजदूरों के लिये अस्पताल और टेलीमेडिसिन सुविधा का विस्तार किया जा रहा है। उद्योगपतियों के सुझावों को राज्य शासन निश्चित रूप से अमल में लायेगा। इंदौर में नया “मेडिकल हब’’ विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा हर तीन माह में उद्योगपतियों से औद्योगिक विकास पर चर्चा की जायेगी।
इंदौर में शीघ्र ही कान्फेक्सनरी, फूड प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रिक वायर के लिये विशेष औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जायेंगे। इंदौर में इस प्रकार के उद्योग की संभावनाएँ और माँग है। बैठक में संयुक्त संचालक उद्योग श्री एच.आर. मुजाल्दा, महाप्रबंधक उद्योग श्री आर.एस. चौहान और बड़ी संख्या में उद्योगपति व उद्योग संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे।