हिण्डालको महान का हिन्दी दिवस पर अनोखा अभियान

कोरोना जागरुकता‘ के लिये हिन्दी भाषा में फिल्मी डायलोग के पोस्टर से कर रहे है कोरोना से जागरुक
साथ ही हिन्दी भाषा में कार्य करने वाले कर्मियो को रामचरित्र मानस की किताब देकर किया सम्मानित।

सिंगरौली. विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में परियोजना प्रमुख रतन सोमानी के दिशा निर्देशन , मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी के मार्गदर्शन व सी0एस0आर0 विभाग प्रमुख यशवंत कुमार जी के सानिध्य में हिन्दी दिवस मनाया गया।

हिण्डालको महान ने इस वर्ष कोरोना को देखते हुये ई-प्लेटर्फाम पर स्थानिय कर्मचारीयो, अधिकारियो द्वारा  हिन्दी भाषा सम्बन्धित लेख, विचार व कविताएं आमंत्रित किये है साथ ही अच्छे विचारको व लेखको को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

वही हिन्दी भाषा के महत्व पर परियोजना प्रमुख रतन सोमानी ने अपने सन्देश में कहा की – हम सब हिन्दी भाषी राज्य में काम कर रहे है। हम सब की दैनिक जीवन की भाषा हिन्दी ही है, हिन्दी देश की एकता की कड़ी है, पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य हैं।

हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओ में महानतम स्थान रखती है। अन्त में उन्होने कवि सुमित्रानन्द पंत जी के कविता की एक लाइन ‘‘हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलमत स्त्रोत है। वही मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी ने हिन्दी दिवस पर अपने विचार रखते हुये कहा की आज 60 करोड़ से ज्यादा भारती आम बोलचाल की भाषा में  हिन्दी का इस्तेमाल करते है।

176 से ज्यादा विदेशी विश्वविद्यालयो हिन्दी विषय पढ़ायी जाती है, वही अमेरिका के 45 विश्वविद्यालयो में हिन्दी पढ़ायी जाती है, साथ ही सोशल मिड़िया व यू-टयूब में 93 प्रतिशत युवा हिन्दी भाषा में लिखी व विड़ियो को देखते व सर्च करते, वही देश की शासकीय प्रतियोगी परिक्षाओ में हिन्दीभाषी राज्यो के प्रतियोगियो का दबदबा रहा है।

मानव संसाधन प्रमुख ने परियोजना में कार्यरत ऐसे कर्मचारियो को रामचरित्र मानस की पुस्तक देकर सम्मानित किया जो ज्यादातर हिन्दी भाषा में लेखन कार्य करते है।

वही हिण्डालको महान परियोजना के सी0एस0आर0 प्रमुख यसवंत कुमार ने बताया की कोरोना को देखते हुये इसके बचाव व जरुरी सावधानियों को रोचक तरिके से जागरुक करने के लिये हमने हिन्दी भाषा में फिल्मी पोस्टरो व उनके डायलाग को कोरोना से जोड़कर सरल तरिके से समझाने का प्रयास किया है दिवालो में लिखे पोस्टर फिल्म बाजीगर में शाहरुक खान का डायलाग कभी-कभी कुछ जितने के लिये लाकडाउन में रहना पड़ता है और घर में रहकर जीतने वाले को बाजीगर कहते है।,

वही बाहुबली फिल्म का जब तक मेरे चेहरे में मास्क है मुझे मारने वाला कोई कोरोना पैदा नही हुआ, वही राजेश खन्ना के द्वारा पुष्पा ‘‘आई लव मास्क‘‘ इसे पहन डालो इस तरह के फिल्मी जागरुकता पोस्टरो को लोग काफी पसंद कर रहे है।

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