साक्षात शिव के समान होते है सद्गुरु: आचार्य शर्मा

इंदौर. भारतीय सनातन संस्कृति का विशिष्ट पर्व व्यास पूर्णिमा आस्था, श्रृद्धा एवं समर्पण का पर्व है. यह सद्गुरुओं से प्रेरणा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने का मुख्य दिन है. जो शिष्यों को नई दिशा एवं संकेत देने के साथ ही कृतज्ञता ज्ञापित करने का सुअवसर प्रदान करता है. सद्गुुरु के सम्बन्ध बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं. सद्गुरु साक्षात शिव के समान होते है.
उक्त विचार गुरुपूर्णिमा पर्व पर म.प्र. ज्योतिष परिषद् एवं शृंगेरी शंकराचार्य भक्त मंडल द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा समारोह में धर्म – अध्यात्म, गुरु आचार्य पं रामचंद्र शर्मा वैदिक ने गुरु तत्व का महत्त्व प्रतिपादित करते हुए गुरु निवास पर व्यक्त किये.
उन्होंने कहा कि गुरु-पूर्णिमा ईश्वरीय ज्ञान, ध्यान और प्रेम की और ले जाने वाला पर्व है. यह ब्रम्ह ज्ञान की पूजा है इसीलिए गुरु ब्रह्मा ,विष्णु,महेश की संज्ञा से विभूषित किया गया है. गुरु पूजन  परब्रह्म परमात्मा का पूजन है यह शिष्य के अज्ञान रूपी अन्धकार को समाप्त कर प्रकाश की और ले जाता है.
पर्व का शुभारम्भ चारों वेदों के मंत्रो से हुआ । आचार्य शर्मा एवं रंजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास, समाज सेवी अनुरोध जैन, पार्षद दीपक (टीनू ) जैन, उद्योपति वीरेंद्र जैन, मैनेजमेंट गुरु डॉ. चेतन रायकवार, शिक्षाविद डॉ. नेहा चौहान, रवि बुनकर, सी.ए. निकुंज गोयल, सी.ए. शैलेन्द्र शर्मा, भागवत कथा वाचक पं. राजेन्द्र शास्त्री आदि ने भगवान् वेद व्यासजी  आदि शंकराचार्य एवं शृंगेरी शारदापीठ  के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ जी एवं उनके शिष्य शंकराचार्य श्री विधुशेखर भारती जी के चित्र का पूजन अर्चन कर किया.
इसके बाद गुरु निवास पर धर्म अध्यात्म एवं ज्योतिष गुरु आचार्य पं.रामचंद्र शर्मा वैदिक के शिष्यों एवं भक्तो ने पाद पूजन कर गुरुवर से आशीर्वाद प्राप्त किया । गुरुपूजन महोत्सव में बड़ी संख्या में भक्त एवं शिष्य उपस्थित थे. संचालन मोहित शर्मा ने तथा आभार सोमेन्द्र शर्मा ने माना.

Leave a Comment