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समय के अलावा कोई भी मूल्यवान नहीं: जिनमणिप्रभ
इन्दौर. समय की मूल्यवत्ता को जानना ही काफी नही उसे समझना भी सीखें। जीवन मे जो समय बीत गया वह बीत गया वह दोबारा लौटकर नही आने वाला। संसार मे अगर कोई मूल्यवान है तो वह समय है. अपनी आवश्यकताओं को बढ़ाते हुए हमने जिन वस्तुओं को अपनी मजबूरी मान लिया है उन्हें ही मूल्यवान समझ बैठे है. जबकि संसार की वस्तुओं की कीमत तो हमने अपनी जरूरतों के अनुसार तय कर रखी है. भविष्य की कल्पनाओ को बनाना सीखो ओर वर्तमान को हकीकत में जिओ.
यह बात महावीर बाग में जिनमणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज ने चातुर्मास के तहत जारी प्रवचन में मंगलवार को श्रावक श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए कही. वे समय का मूल्य क्या है विषय की व्याख्या कर रहे थे. उन्होंने कहा कि संसार मे सोना, चांदी मूल्यवान वस्तु नही। हमने हमारी जरूरतों के हिसाब से इनका मूल्य तय कर रखा है। वस्तु वस्तु है, पदार्थ पदार्थ है, वह कभी नही कहता कि मेरा मूल्य तय करो। इनके मूल्य तो हमने तय किये है।
जो वस्तु या पदार्थ बिक जाय वह मूल्यवान हो ही नही सकता। संसार मे अगर मूल्यवान कोई है तो वह है समय जिसका कोई मूल्य नही। अक्सर सुनने में आता है कि टाइम (समय )पास कर रहा हूँ, लेकिन यह हमारा भ्रम है. टाइम को तुम क्या पास करोगे, टाइम तुम्हे ही पास कर देगा. जो समय बीत गया उस पर अंकुश नही लगाया जा सकता ओर ना ही किसी को समय दिया जा सकता है। समय तो साझा किया जा सकता है। जीवन मे पल पल प्रमाद मत करो। जो समय मिला है उसे अपने भविष्य अपनी आत्मा से जोड़ो।
प्रसंग भी सुनाए
आचार्यश्री ने समय की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए उससे जुड़े प्रसंगों को भी श्रावक श्राविकाओं को सुनाया। मंगलवार को महावीर बाग में प्रकाश मालू, बसंत लुनिया, राजेंद्र गांधी, मनीष भंडारी, नीलेश सकलेचा, प्रदीप छाजेड़, राजेंद्र नाहर सहित हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे. श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के प्रचार सचिव संजय छांजेड़ एवं चातुर्मास समिति संयोजक छगनराज हुंडिया एवं डूंगरचंद हुंडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को सुबह 9 से 10 बजे तक होने वाले नियमित प्रवचन में अपने मन को वश में कैसे करें विषय पर होंगे।