उद्योगों ने रखी विभागीय प्रक्रियों में हो सुधार व सरलीकरण की मांग

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख सचिव से संवाद

आज प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव अनिरूध्द मुखर्जी के अध्यक्षता में उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों के साथ एक परिचर्चा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें इंदौर के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने प्रमुख सचिव के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा सूक्ष्म एवं लघु श्रेंणी उद्योगों के लिए पंजीयन एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जावे, वर्तमान में जो आवेदन प्रक्रिया है वह बहुत ही जटिल है इसे सरल किया जाना चाहिए। वर्तमान में उद्योगों के कई प्रकरण विभाग में लंबित है इनके समाधान हेतु अन्य विभागों की भांति समाधान योजना को लागू कर ऐसे प्रकरणों का निपटान किया जावे।

उद्योगों के लिए वर्तमान में फीस अधिक है अतः फीस स्ट्रख्र में बदलाव हो तथा नवीनीकृत लायसेस 1 वर्ष के स्थान पर 5 से 10 वर्ष के लिए दिये जावें इससे बार बार उद्योगों को उन्ही प्रक्रियाओं को करने की जरूरत नही होगी। प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट नियमों में शिथिलता की जरूरत है इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर ईआरपी से ऐसे उद्योगों केा मुक्त रखा जावे साथ ही पेकेजिंग उद्योग भी इससे मुक्त हो।

अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने प्रमुख सचिव से कहा कि उत्पाद की केटेगिरी को उद्यम रजिस्ट्रेशन से जोडा जावें साथी व्हाईट केटेगिरी उद्योगों की सूचि को बढाया जावें इससे उन्हें एनओसी जल्द मिलेगी। कई उद्योगों को स्टेंडबाय डीजी सेट रखने की दशा में रजिस्ट्रेशन करना होता है इसके लिए हमारा सुझाव है कि व्हाईट केटेगिरी उद्योग को इससे मुक्त रखा जावे। प्लास्टिक आयटम व दाने व्हाइट केटेगिरी में हो आपने कहा कि छोटी इकाईयो को लायसेंस प्रक्रियाओं से मुक्त रखा जावे जिससे की उत्पादकता में वृध्दि हो।

प्रमुख सचिव श्री मुखर्जी ने सभी के साथ संवाद करते हुए सुझाव लिये तथा बहुंत ही सकारात्मकता के साथ उनमें सुधार करने की बात कही। आपके साथ बोर्ड के अधीक्षण यंत्री एच एस मालवीय एवं इंदौर रीजन के प्रमुख श्री आर के गुप्ता उपस्थित थे। बैठक में एसोसिएशन के मानद सचिव सुनील व्यास, उपाध्यक्ष योगेश मेहता सहित पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे।

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