रामायण की चौपाइयों ने किया मंत्रमुग्ध, सारंगी वादक सरवर हुसैन का व्याख्यान सह प्रदर्शन

इंदौर. श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने स्पिक मैके इंदौर चैप्टर के सहयोग से विरासत श्रृंखला के तहत ख्यात सारंगी वादक, सरवर हुसैन का व्याख्यान सह प्रदर्शन का आयोजन किया. उनके साथ तबले पर श्री नफीस अहमद खान ने संगत थे द्य कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन  के साथ किया गया.
श्री सरवर हुसैन ने संक्षिप्त सारंगी के विवरण एवं इतिहास के साथ कार्यक्रम शुरू किया. उन्होंने कहा कि एक कलाकार के उम्र के साथ संगीत की बारीकियों की संवेदनशीलता को विकसित करता है और धीरे-धीरे वह एक कलाकार के रूप में परिपक्व होता है. एक कलाकार अपने पूरे जीवन में एक शिक्षार्थी है. उन्होंने भारतीय राग और बंदिश के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी.
उन्होंने मियां की तोडी राग, छोटा खयाल अब मोरी नैया पार करो तुम…, तराना, राग देश और एक ताल और तीन ताल की रचना निभाई. उनके द्वारा प्रस्तुत रामायण चौपाई ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने एक राग भैरवी के साथ अपना प्रदर्शन पूरा किया.
इस अवसर पर डॉ उपिंदर धर, डॉ संतोष धर और डॉ के एन गुरुप्रसाद ने श्री सरवर हुसैन और श्री नफीस अहमद खान को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन कलाकारों एवं दर्शकों के लिए आभार प्रदर्शन के साथ हुआ.

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