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गणतंत्र दिवस पर डॉक्टर द्विवेदी लगातार तीसरी बार सम्मानित
इंदौर। कुछ ही समय पूर्व भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद की वैज्ञानिक सलाहकार समिति में लगातार तीसरी बार सदस्य मनोनीत किए गए शहर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लगातार तीसरी बार सम्मानित किया गया है।
होम्योपैथिक चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें यह सम्मान इंदौर के नेहरू स्टेडियम में 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा प्रदान किया गया। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया, अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा समेत अनेक अधिकारी, गणमान्य जन एवं राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं।
कार्यक्रम में विभिन्न प्लाटूनों द्वारा जहाँ बैंड की धुन पर कदमताल कर शानदार परेड भी प्रस्तुत की गई वहीं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी प्रदर्शन किया गया। विभिन्न विभागों द्वारा राज्य शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर आधारित नयनाभिराम झांकियां भी निकाली गईं। परेड का नेतृत्व परेड कमांडर रक्षित निरीक्षक जय सिंह तोमर ने किया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी ने हाल ही में इंदौर में संपन्न प्रवासी भारतीय सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें इंदौर में सिकल सेल, अप्लास्टिक एनीमिया और अन्य गंभीर बीमारियों से मरीजों के बचाव के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों तथा होम्योपैथिक चिकित्सा की विस्तृत जानकारी दी थी।
इसी क्रम में उन्होंने सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक मंच पर लाकर “होलेस्टिक हेल्थ सेंटर” बनाकर इन गंभीर बीमारियों को जड़ से मिटाने की योजना पर भी चर्चा की थी और राष्ट्रपति महोदया ने इस संबंध में हेल्थ मिनिस्ट्री से विचार-विमर्श कर समुचित निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया था। इस अवसर पर डॉ द्विवेदी ने हिंदी में मेडिकल की उच्च कक्षाओं में चिकित्सा के अध्ययन के लिए लिखी गई अपनी किताब “मानव शरीर रचना विज्ञान” की प्रति भी राष्ट्रपति महोदया को भेंट की थी।
महामारियों को मात देने के लिए लिखी अनूठी किताब
डॉ. द्विवेदी ने गत वर्ष “कोरोना के साथ और कोरोना के बाद” किताब भी लिखी थी। जिसका मकसद भविष्य में होने वाली महामारियों के खिलाफ संघर्ष के मद्देनजर पुख्ता साक्ष्य के साथ रिकॉर्ड मेंटेन करना है ताकि भावी पीढियां स्वयं को महामारियों से बेहतर तरीके से बचा सकें। उनके इस प्रयास की केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं श्रीपाद नाईक ने भी भूरी-भूरी सराहना करते हुए इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं अनुकरणीय कदम भी बताया है।