आयुष्मान योजना के अंतर्गत दांतों के इलाज को भी जोड़े जाने हेतु प्रयास की आवश्यकता

आइएसओआइ की 30वीं नेशनल कांफ्रेंस इंदौर में हुई आयोजित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कांफ्रेंस में हुए शामिल

इंदौर 28 सितम्बर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई तकनीकी और नवाचार के लिए कई अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधी आयुष्मान योजना की शुरूआत की। जिसके अंतर्गत 5 लाख रुपये तक लाभार्थी को फ्री इलाज मिलता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में घोषणा की गई है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज इंदौर में आइएसओआइ (इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजिस्ट्स ) की तीन दिवसीय 30वीं नेशनल कांफ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। यह कांफ्रेंस ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हो रही है। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, गौरव रणदिवे, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता तथा कलेक्टर आशीष सिंह आदि उपस्थित थे। स्मार्ट इम्प्लांट सिस्टम और सही प्लानिंग विषय को लेकर आयोजित इस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के वक्ता एवं बड़ी संख्या में दंतरोग विशेषज्ञ उपस्थित हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमने हेल्थ मिनिस्ट्री और स्वास्थ्य शिक्षा को जोड़ते हुए इसे प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रयास किया। प्रदेश में हेल्थ की सुविधा का सही और प्रॉपर लाभ मिले और एजुकेशन में भी हमने कई प्रयोग किए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दांतों के इलाज को भी जोड़े जाने हेतु प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा प्रदेश में एयर एंबुलेंस की सुविधा प्रारंभ की गई हैं। मध्य प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज के माध्यम से आम जनता तक बेहतर चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने की विशेष पहल की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इनोवेशन नवीन तकनीक अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बदलते दौर में दांतों का इलाज अपना एक अलग महत्व रखता है। दांत में इनप्लांट विधि में आधुनिक तकनीक के माध्यम से इलाज आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्फ्रेंस परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

आइएसओआइ द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में डेंटल इम्प्लांट्स में मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के उद्देश्य से देश भर के टॉप इंप्लांटोलॉजिस्ट्स शामिल हुए। यह कॉन्फ्रेंस 29 सितंबर तक इंदौर में आयोजित होगी। कांफ्रेंस में 800 से अधिक डेंटिस्ट शामिल हुए। यहां 60 से ज्यादा नेशनल और इंटरनेशनल डेंटल इम्प्लांट्स की कंपनियों ने ट्रेड फेयर ने भी हिस्सा लिया। कांफ्रेंस के दौरान साइंटिफिक सेशंस, 40 से अधिक नेशनल और इंटरनेशल स्पीकर्स ने अपने सालों की प्रेक्टिस से मिले अनुभव साझा किया। कॉन्फ्रेंस में लाइव वर्कशॉप के माध्यम से स्टूडेंट्स को इंप्लांट लगाने की ट्रेनिंग भी दी गई। इस कांफ्रेंस के माध्यम से मेक इन इंडिया को प्रमोट करते हुए भारत में ही गुणवत्तापूर्ण और सर्टिफाइड डेंटल इम्प्लांट बनाने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया गया। जिसका लाभ आम लोगों को किफायती इलाज के रूप में मिल सकेगा।

कान्फ्रेंस आर्गेनाइजिनिंग चेयरमेन डॉ. मनीष वर्मा ने कांफ्रेंस आयोजन के उद्देश्य पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए स्वागत उद्बोधन किया। डॉ शरद शेट्टी ने संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ मनीष वर्मा ने अपील की कि शहर में इम्प्लांट इंडस्ट्री लगाने में ज्यादा से ज्यादा सहायता दे। उन्होंने कहा कि हमारा शहर मेडिकल हब के रूप में पहले से ही प्रसिद्द हैं अब हमें इसे डेंटल इम्प्लांट के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। इस मौके पर मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे।

कॉन्फ्रेंस के सेक्रेटरी डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि कांफ्रेंस के तहत पहले दिन 18 सेशन और करीब 100 पेपर का प्रेजेंटेशन हुआ। साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शालीन खेत्रपाल ने बताया कि एक सत्र इंडस्ट्री आधारित भी था, जिसमें दंतरोग विशेषज्ञों के साथ ही इम्प्लांट बनाने वाली कंपनियों के टेक्नीशियन भी उपस्थित थे । कांफ्रेस में इजराइल से आये डॉक्टर स्लोमो बिरसन ने बताया कि इम्प्लांट की तकनीक बदल रही है। उन्होंने डॉक्टर्स को डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में हर दिन होने वाले तकनीकी नवाचारों और मेडिसिन के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी। बताया कि अब मात्र तीन घंटों में मरीज के पूरे दांत लगाए जा सकते हैं। अब 20 वर्ष की उम्र के बाद भी इम्प्लांट लगाए जा सकते हैं। कांफ्रेस में डॉ. सुदीप बोपारदीकर ने इम्प्लांट के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दंत प्रत्यारोपण को बेहतर और प्रभावी तरीके से तैयार करने की बात कहीं।

10 प्रतिशत लोग ही डेंटल इम्प्लांट ट्रीटमेंट अफोर्ड कर पाते हैं

आईएसओआई के प्रेसिडेंट डॉ शरत शेट्टी ने कहा कि एक आर्गेनाईजेशन के सदस्य होने के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम डेंटल इम्प्लांट को प्रोफ़ेशनल बनाये और इसकी सुविधा सभी तक पहुंचाने का प्रयास करे, जिससे लोगों का जीवन आसान हो सकें। यह काफी दु:खद है कि आज भी सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही डेंटल इम्प्लांट ट्रीटमेंट अफोर्ड कर पाते हैं। ओरल हेल्थ व्यक्ति के पुरे स्वास्थ को प्रभावित करती है। बीते कुछ वर्षों में मेक इन इंडिया काफी प्रचलित है तो मैं सरकार से निवेदन करता हूँ कि वह हमें देश में ही इम्प्लांट से जुड़े उपकरण बनाने में मदद करे। कॉन्फ्रेंस के सेक्रेटरी डॉ दीपक अग्रवाल ने कहा शनिवार शाम कॉन्फ्रेंस में डेलीगेट और स्पीकर्स के लिए स्पेशल गल नाइट का आयोजन किया गया जहां हास्य के साथ म्यूजिक डांस सभी चीजों का इंतजाम था देश-विदेश से आए डेलिगेट्स ने इंदौर की सफाई और इंदौर के खानपान को बहुत ही सराया।

Leave a Comment