जयकारों के बीच शुभ मुहूर्त में दी गणेश जी को विदाई

पर्यावरण हितैषी कुंडों और प्रतिमास्थल पर ही विसर्जन
इंदौर. गणपती बप्पा मोरिया…अगले बरस तू जल्दी आ… के जयकारों के बीच भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया गया. शुभ मुहूर्त में धूमधाम से बप्पा को विदाई दी गई. पर्यावरण और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए कई लोगों ने मिट्टी के गणेश की स्थापना की और घर पर ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर विसर्जन किया. वहीं नगर निगम ने जगह-जगह मूर्तियां एकत्रित की और पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए जहां लोगों ने गणेश जी का विसर्जन किया.
रविवार को शुभ मुहूर्त में घरों और पंडालों में गणेश जी का जयकारों के बीच विसर्जन हुआ. पर्यावरण हितैषी प्रतिमा होने के कारण कई जगह पंडालों में ही गणेशजी विसर्जित किये गये. जल संरक्षण के लिए नगर निगम ने सौ स्थानों पर पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए थे जहां प्रतिमाएं विसर्जित की गई. इसके साथ ही प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए एकत्रित भी किया गया.
जनकार्य प्रभारी शंकर यादव एवं जलकार्य प्रभारी बलराम वर्मा ने बताया कि महापौर श्रीमती मालिनी गौड व आयुक्त आशीष सिंह द्वारा 3 आर (रिडयुज, रिसायकिल, रियूज) के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए दिये गये निर्देश के क्रम में निगम द्वारा शहर के विभिनन स्थानो से एकत्रित प्रतिमाओ का जवाहर टेकरी गिटटी खदान पर वर्षाऋतु से भरे जल में 24 सितम्बर को दोपहर 11 बजे महापौर श्रीमती गौड व अन्य अतिथियो द्वारा विधि-विधान से पुजन कर विसर्जन किया जाएगा.

खजराना गणेश को भावपूर्ण भजनों के साथ विदाई

खजराना गणेश मंदिर पर चल रहे  दस दिवसीय गणेश महोत्सव का समापन आज दोपहर भजन गायक श्रीधर झरकर द्वारा 11 भजनों की प्रस्तुतियों एवं बागड़ी परिवार द्वारा मारवाड़ी लड्डूओं के भोग के साथ हुआ। समाजसेवी राजेश केटी के मुख्य आतिथ्य में हजारों भक्तों ने इस अवसर पर गणेशजी की महाआरती में भाग ले कर उन्हे भावपूर्ण बिदाई दी। रिवर्स ग्रुप द्वारा आयोजित भजन संध्या में दृष्टिहीन बच्चों ने भी गणेशजी के चरणों में भजनांजलि के माध्यम से अपने मन के पुष्प समर्पित किए। इस दौरान बार बार मंदिर परिसर गणपति बप्पा के जयघोष से गूंजता रहा। गणेशोत्सव के दस दिनों में खजराना गणेश पर करीब 15 लाख भक्तों की उपस्थिति दर्ज की गई।

मिट्टी से बनाई जाएगी 10 हज़ार सीड बॉल

इंदौर का राजा भगवान गणेश को आज गाजेबाजे के साथ विदाई दी गई. विजय नगर स्थित इंदौर का राजा गणेश पंडाल प्रांगण में ही भगवान गणेश की 21 फिट की पर्यावरण हितैशी प्रतिमा को विसर्जित कर अनंत चतुर्दशी के 10 दिनी उत्सव का समापन किया गया. भगवान् गणेश स्वयं का विसर्जन करवाकर यह बतलाना चाहते है कि संसार में कुछ भी अटल नहीं है अंत में सभी को पानी और मिट्टी में ही मिलना है. इसी के साथ आलोक दुबे फाउंडेशन ने पर्यावरण हितैषी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. प्रतिमा का विर्सजन स्थापना स्थल पर अभीजित मुर्हूत में जलाभिषेक के साथ रविवार को किया गया. फाउंडेशन के संस्थापक और इंदौर का राजा  गणेशोत्सव के आयोजक आलोक दुबे ने बताया कि  हमारे शास्त्रों के अनुसार भगवान् गणेश की मूर्ति मिट्टी की ही होनी चाहिए क्योंकि मिट्टी ही है जो कि पानी में घुलनशील है। साथ ही मिट्टी किसी भी तरह से पर्यावरण को हानि नहीं पहुंचाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इंदौर के राजा की भव्य मूर्ति का निर्माण भी कलाकारों के द्वारा मिट्टी से ही किया गया. विसर्जन के बाद बची मिट्टी से 10 हज़ार सीड बॉल बनाई जाएगी.

तुलसी के गमलों में डालेंगे मिट्टी

सिंधी बाहुल्य क्षेत्र जयरामपुर कालोनी में विराजित मां यशोदा की गोद में कृष्णरूपी गणेश को विदाई देना सैकड़ों भक्त पहुंचे। महाआरती के पश्चात सैकड़ों को भक्तों ने नम आंखों से गणपति बप्पा को विदाई दी. सार्वजनिक महोत्सव समिति जयरामपुर कालोनी अध्यक्ष प्रकाश लालवानी एवं सचिव अनिल आगा ने बताया कि जयरामपुर कालोनी में इस वर्ष गणेशोत्सव में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सार्वजनिक महोत्सव समिति द्वारा सिंधी बाहुल्य क्षेत्र में विराजित किए गए कृष्ण रूपी गणेश का विसर्जन खलघाट में विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में किया गया। वहीं ईको फ्रेंडली गणेश के विसर्जन के पश्चात उसकी मिट्टी को तुलसी के पौधे में डाली जाएगी।

केंद्रीय अधिकारी आवासीय परिसर में

भारत सरकार के इदौर स्थित विभिन्न केंद्रीय कार्यालयों के अधिकारियों के आवासीय परिसर में आज दस दिवसीय गणेशोत्सव गणेश की प्रतिमा के विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ इस परिसर में माटी के गणेश की प्रतिमा की ही स्थापना की गई थी। आज पूजा और हवन के साथ गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन परिसर में ही पानी की टंकी में किया गया। इस अवसर पर परिसर की सभी महिलाएं, पुरूष और बच्चे मौजूद थे. केंद्रीय अधिकारी आवासीय परिसर के पूर्व सचिव मधुकर पवार की पहल पर अनंत चतुर्दशी के अवसर पर आयोजित सहभोज के दौरान प्लास्टिक के गिलास, दोने और पत्तलों का उपयोग भी नहीं किया गया. समिति के अध्यक्ष प्रणव पाराशर और सचिव खुशीलाल लोधी ने बताया कि परिसर में भविष्य में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत परिसर को पोलीथीन मुक्त बनाने की दिशा में भी कार्य करेंगे।

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