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वीर शहीद राजाभाऊ महांकाल की नाम पट्टिका पर कालिख पोतकर किया भद्दा मजाक
इंदौर। गोवा मुक्ति संग्राम में शहीद हुए महान देशभक्त श्री राजाभाऊ महांकाल की नाम पट्टिका पर किन्ही असामाजिक शरारती तत्वों ने कालिख पोतकर एक सेनानी के साथ भद्दा मजाक और दुव्र्यवहार किया। यह जानकारी शहीद की भानजी श्रीमती रंजना किशोर ठाकुर ने दी।
श्रीमती ठाकुर ने बताया कि मेरे मामा के नाम से महाराज स्कूल परिसर चिमनबाग मैदान का नाम वीर शहीद राजाभाऊ महांकाल खेल परिसर रखा गया है, जिसका लोकार्पण पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक उषा ठाकुर और पार्षद दीपिका कमलेश नाचन के आतिथ्य में गणमान्य नागरिकों एवं खिलाडिय़ों की उपस्थिति में श्री गोपाल महांकाल द्वारा किया गया था, लेकिन पिछले दिनों कुछ असामाजिक शरारती तत्वों ने लोकार्पण के लिए लगी शहीद राजाभाऊ महांकाल की नाम पट्टिका पर असामाजिक शरारती तत्वों कालिख पोतकर न केवल उनका अपमान किया है। साथ ही एक वीर शहीद का मजाक भी उड़ाया है।
श्रीमती रंजना ठाकुर ने आगे बताया कि श्री राजाभाऊ महांकाल आजीवन अविवाहित रहे और उन्होंने गोवा मुक्ति संग्राम के दौरान सीने पर गोलियां खाई, लेकिन तिरंगे को जमीन पर गिरने नहीं दिया।
उन्होंने उज्जैन के अलावा महिदपुर और गरोठ में देशभक्तिपूर्ण कार्य किए। इसको देखते हुए सरकार ने उज्जैन के बस स्टैंड का नाम राजाभाऊ महांकाल के नाम पर किया। साथ ही पानदरीबा मार्ग का नाम भी शहीद के नाम पर किया गया। उज्जैन के शहीद पार्क में राजाभाऊ महांकाल की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।
उज्जैन के अलावा शहीद राजाभाऊ महांकाल का संबंध इंदौर से भी रहा। उन्होंने यहां शिक्षा ग्रहण की। इसी कारण महाराजा स्कूल परिसर चिमनबाग मैदान का नाम शहीद राजाभाऊ महांकाल के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया, लेकिन कुछ लोगों को यह नागवार गुजरा और उन्होंने उनके नाम पर कालिख पोतने जैसी हरकत की।
वीर शहीद राजाभाऊ महांकाल का जन्मदिन 15 अगस्त और पुण्य स्मृरण 26जनवरी है। अर्थात देशप्रेम के लिए उनका कितना समर्पण भाव था। यह इससे समझा जा सकता है। शहीद राजाभाऊ महांकाल परिवार ने कभी भी उनके नाम से कुछ नहीं मांगा है। इसके बावजूद उनके साथ मजाक किया गया।