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प्रतिवर्ष 3 लाख नए टैक्स प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ेगी
माहेश्वरी कॉलेज में जीएसटी पर सेमिनार का आयोजन किया गया
माहेश्वरी कॉलेज में जीएसटी पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य वक्ता इंदौर सीए शाखा के पूर्व अध्यक्ष सीए अभय शर्मा ने उद्बोधन दिया तथा सेमिनार की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राजीव झालानी ने करीI
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे माहेश्वरी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राजीव झालानी ने बताया कि जीएसटी एक्ट पूरे देश में इंप्लीमेंट हो चुका है तथा स्टूडेंट्स के पास इस क्षेत्र में काफी प्रोफेशनल अपॉच्युनिटिस उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी है तथा समय की पुकार है कि स्टूडेंट्स में एक्सपर्ट नोलेज प्राप्त करे ताकि मार्केट को स्किल्ड प्रोफेशनल मिल सके I
मुख्य वक्ता सीए अभय शर्मा ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों द्वारा छात्रों एवम् स्टाफ को दी जाने वाली सुविधाएं करमुक्त हैं लेकिन अन्य सर्विसेज जैसे शादी या अन्य किसी आयोजन के लिए संस्थान के भवन को किराए पर देने पर उस पर १८% की दर से टैक्स देय होगा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से एक देश एक कर कानून की कल्पना साकार हो चुकी है जिससे देश में रियल फेडरल टैक्स स्ट्रक्चर स्थापित हो चुका है। उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी के बाद कर अपवंचन में काफी कमी आई है, सरकार का कर संग्रह बड़ा है। कर संग्रह बड़ने से सरकार टैक्स रेट कम करने की पोजीशन में आ चुकी है।
उन्होंने कहा जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी अब जीएसटी का महत्व जान चुके हैं तथा व्यापारी जीएसटी की थ्रीशोल्ड लिमिट (न्यूनतम सीमा जिस तक रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता नहीं है); में नहीं आने के बाद भी जीएसटी में रजिस्टर्ड हो रहे हैं। सीए शर्मा ने कहा कि सरकार कर कानूनों के सरलीकरण तथा इसमें व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास कर रही है तथा व्यापारियों को भी आगे आकर इन सुधारों का पूरा पूरा फायदा उठाना चाहिए तथा ईमानदारी से टैक्स भरना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार बाजार में प्रतिवर्ष 3 लाख नए टैक्स प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ेगी अतः इस क्षेत्र में काफी प्रोफेशनल ऑपरच्युनीटिस उपलब्ध है। सिर्फ आवश्यकता है स्किल्ड एज्युकेशन की तथा स्टूडेंट्स को इस क्षेत्र में प्रॉपर ट्रेनिंग की I
उन्होंने कहा कि पूर्णता: कंप्यूटराइज्ड कर प्रशासन होने से सरकार को कर प्रशासन लागत भी काफी कम आ रही है जिसका फायदा सीधे-सीधे करो में कमी के रूप में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून आने के बाद से अभी तक करीब ४०० से अधिक अमेंडमेंटस हो चुके हैं जिससे की इस कानून में व्यवहारिकता आ चुकी है I कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंजना गोरानी ने किया