तंबाकू से बढ़ रहा मुंह का कैंसर: डॉ. अरूण अग्रवाल

इंदौर. मुँह का कैंसर भारत में आम हैं. यह पुरुषों में लगभग 46 प्रतिशत एवं महिलाओं में 15 प्रतिशत पाया गया है. 90- 97 प्रतिशत मुँह का कैंसर तम्बाकू के किसी भी रूप में उपयोग के कारण होता है जैसे सिगरेट, गुटका, शीशा, सुपारी, पान मसाला आदि. यह उन लोगों में भी पाया जाता है जो अल्कोहल अधिक लेते है.
यह बात कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अरूण अग्रवाल ने कही. वे मुँह के कैंसर की प्रारंभिक जांच के संबंध में आयोजित कांफ्रेंस में मीडिया से चर्चा कर रहे थे. उल्लेखनीय है कि रिसर्च फ़ार्मा कंपनी इंडोको रेमेडीज़ लिमिटेड ने वल्र्ड हेड एंड नैक कैंसर डे के अवसर पर 27 जुलाई को मुंबई में ‘मुँह के कैंसर की प्रारंभिक जांचÓ अभियान की घोषणा की है. इस अभियान को हेल्थ केयर विशेषज्ञों की सहायता से सम्पूर्ण भारत में आयोजित किया जा रहा है. इसी कड़ी में इंदौर में इसका आयोजन किया गया.
हरी सब्जियों का सेवन करें
डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि इसकी शुरुआत मुँह में छाले से होती है जो आसानी से ठीक नहीं होते. हालांकि किसी भी स्तर पर मुँह के कैंसर का इलाज किया जा सकता है लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसका पता अंतिम अवस्था में चलता है जिसकी वजह से बचाव मुश्किल हो जाता है। लेकिन प्रारंभिक अवस्था में ही इसका पता लगा लिया जाए तो उपचार एवं बचाव की संभावना बढ़ जाती है. उन्होने कहा कि इससे बचने का उपाय है तंबाकू और उससे बनी चीजों से दूर रहे. हरी सब्जियों, फलों का सेवन अधिक से अधिक करें और स्वस्थ रहें. अपने मुंह की जांच खुद भी करें और डॉक्टर से भी करवाते रहें. इस अवसर पर कंपनी सीनियर डेप्युटी जनरल मैनेजर, कॉर्पोरेट रिलेशन समीर दैनी ने भी मुँह के कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने और इसकी रोकथाम के महत्व को समझाते हुए उपस्थित लोगों को संबोधित किया.

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