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आज के युग में शिक्षक मिलना तो संभव, लेकिन सद्गुरू मिलना दुर्लभ
इंदौर। शिक्षक और गुरू मिलना संभव है लेकिन आज के युग में सद्गुरू मिलना दुर्लभ है। शिक्षक बच्चों के एक समूह को किताबी शिक्षा देता है जबकि गुरू वह होता है जिसे शिष्य चुनते हैं। सद्गुरू हमें मोक्ष का मार्ग दिखाते हैं। ये विचार हैं शिक्षाविद् डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव के, जो उन्होने अ.भा. कायस्थ महासभा की इंदौर इकाई के तत्वावधान में यशवंत निवास रोड़, चंद्रगुप्त सिनेमाघर के सामने स्थित होटल दिव्य पेलेस में शिक्षक दिवस…
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