“राम मंदिर की प्रतीक्षारत अलौकिक दिवाली”
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) अयोध्या नृप मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का वन गमन सदैव के लिए सबके हृदय में राम राज्य को स्थापित कर गया। राम तो हृदय में विराजमान उच्चारण है। राम तो अनंत भावों की अभिव्यक्ति है। राम तो धर्म के मर्म के प्रदाता है। सर्वगुण के आलय प्रभु श्रीराम का हम विनय पूर्वक वंदन करते है। राम का अयोध्या आगमन और राम मंदिर में श्रीराम का आगमन पुनः उसी भावना…
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