“राम मंदिर की प्रतीक्षारत अलौकिक दिवाली”

“राम मंदिर की प्रतीक्षारत अलौकिक दिवाली”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) अयोध्या नृप मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का वन गमन सदैव के लिए सबके हृदय में राम राज्य को स्थापित कर गया। राम तो हृदय में विराजमान उच्चारण है। राम तो अनंत भावों की अभिव्यक्ति है। राम तो धर्म के मर्म के प्रदाता है। सर्वगुण के आलय प्रभु श्रीराम का हम विनय पूर्वक वंदन करते है। राम का अयोध्या आगमन और राम मंदिर में श्रीराम का आगमन पुनः उसी भावना…

Read More

“गजेंद्र मोक्ष और गृहस्थ जीवन”

“गजेंद्र मोक्ष और गृहस्थ जीवन”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) कार्तिक मास भगवान नारायण को समर्पित है। कार्तिक मास में नारायण स्तुति एवं दीपदान का विशेष महत्व है। विष्णु सहस्त्रानम में उल्लेखित है कि जिसके स्मरण मात्र से मनुष्य संसार के जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है, यह वाक्य गजेंद्र मोक्ष कथा में सर्वतः सिद्ध होता है। श्रीमदभागवत कथा के आठवें स्कंद में गजेंद्र मोक्ष की कथा वर्णित है। जिसमें नारायण गज की हृदय विदारक स्थिति…

Read More

अब वो बात कहाँ…..

अब वो बात कहाँ…..

अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) एक रोज मेरा किसी काम से जाना हुआ, घर लौटते हुए शाम हो गई। मैं घर लौट ही रहा था कि दूर किसी चाय की दुकान पर एक पुराना गाना सुनाई दिया। गाने के बोल मेरे कानों में पड़े तो एक पल के लिए मैं जवानी के उस समयमें पहुँच गया जब मैं गाने सुनने का बड़ा शौकीन हुआ करता था। लेकिन कुछ ही देर में वापस आज की…

Read More

“श्राद्ध, श्रद्धेय और श्रृद्धा सुमन”

“श्राद्ध, श्रद्धेय और श्रृद्धा सुमन”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) श्राद्ध कर्म का वर्णन हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध का समापन होने जा रहा है। श्राद्ध में निहित श्रृद्धा ही हमें श्रृद्धा सुमन अर्पित करने की ओर प्रेरित करती है। श्राद्ध के द्वारा हमारे पितृ प्रसन्न होते है। आज जीवन में जो शायद प्रसन्नता के सुन्दर रंग हमें चहुँ ओर बिखरे दिखाई देते है, वह हमारे पूर्वजों की मेहनत एवं आशीष…

Read More

“गणेशोत्सव में गजानन आह्वान”

“गणेशोत्सव में गजानन आह्वान”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) गिरिजानंदन, लम्बोदर गणपति ज्ञान का अलौकिक प्रकाश स्वरुप है। शुभारम्भ के जनक है शिवनंदन, इसलिए हम अच्छे कार्य की शुरुआत को श्रीगणेश करना कहते है। शास्त्रों एवं पुराणों में विघ्न विनायक को ओंकार स्वरुप वर्णित किया गया है। प्रथम पूज्य गणेश का स्मरण हमारे सारे मनोरथों को पूर्ण करने वाला है, क्योंकि वे हमें ज्ञान के साथ विवेक भी प्रदान करते है। वर्तमान समय में सर्वत्र गणेशोत्सव की…

Read More

“माँ… सूक्ष्म शब्द… गहन विश्लेषण”

“माँ… सूक्ष्म शब्द… गहन विश्लेषण”

माँ कितना सूक्ष्म शब्द है, पर उसके भीतर छिपी गहराई, विशालता और प्रगाढ़ता कितनी अनंत और अथाह है। माँ के जीवन में संतान के लिए अनंत खुशियों का खजाना समाहित होता है। माँ के जीवन की धुरी तो संतान की ख़ुशी और भलाई के समीप ही चलायमान होती है। ईश्वर की सृजन की गई सृष्टि में माँ के दुलार, प्यार, स्नेह और करुणा की कोई सीमा नहीं है। माँ तो अनुरागिनी है। वात्सल्य दायिनी माँ…

Read More

“शिवरात्रि और शिवशक्ति का आशीर्वाद”

“शिवरात्रि और शिवशक्ति का आशीर्वाद”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) महाशिवरात्रि पर हम शिवशक्ति की आराधना करते है। गृहस्थ जनों के लिए शिव परिवार एक आदर्श रूप है। शिवशक्ति के विवाह में शिव ने पार्वती की अनेकों रूप में परीक्षा ली, परन्तु माँ ने अपनी अटूट श्रृद्धा और निष्ठा शिव के प्रति न्यून न होने दी। माँ ने शिव के सच्चे स्वरुप को पहचान लिया और उनके प्रति समर्पित हो गई। गृहस्थ जीवन की श्रेष्ठता तो शिव-पार्वती की…

Read More

सिद्धि की ओर चला जिन उपासना का सिद्ध साधक : दीपक जैन (टीनू)

सिद्धि की ओर चला जिन उपासना का सिद्ध साधक : दीपक जैन (टीनू)

“मूकमाटी” का रचियता आज मूक हो गया। इंदौर. संत कमल के पुष्प के समान लोकजीवन रूपी वारिधि में रहते हैं, संचरण करता हैं, डुबकियां लगाते हैं, किंतु डूबते नहीं हैं! यही भारत भूमि के प्रखर तपस्वी, वर्तमान युग के महावीर, युग दृष्टा, संपूर्ण जीवलोक के संवाहक, जन जन की आस्था के केंद्र, राष्ट्रसंत, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन का मंत्रघोष था। आचार्यश्री ने अपने अमृत वचनों से जनकल्याण में रत व संयम साधना…

Read More

“वैवाहिक वर्ष के सात साल (लघुकथा)”

कहते है वैवाहिक गठबंधन की शुरुआत आकर्षण एवं अंत आँखों में छुपी करुणा से होता है। रवि और रीना का परिणय बंधन भी कुछ इसी तरह समय की धुरी पर चलायमान हो रहा था। शादी एक परिपक़्व समय हुई थी, शायद इसलिए वैवाहिक जीवन की गूढ़ता को समझने में भी आसानी हुई। रवि स्वाभाव से बहुत ही शांत पर गंभीर था। पत्नी के सूक्ष्म मनोभावों को समझने का पता नहीं इतना ज्ञान उसमें कहाँ से…

Read More

“काइरोप्रैक्टिक” के साथ करें स्वागत “ऋतुराज वसंत” का

“काइरोप्रैक्टिक” के साथ करें स्वागत “ऋतुराज वसंत” का

“काइरोप्रैक्टिक” एक ऐसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो विशेष रूप से मेरुदण्ड के यांत्रिक विकारों के सटीक उपचार के जरिए शरीर के समग्र स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती है। तंत्रिका तंत्र के इन विकारों के चलते शरीर में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए सही समय पर यह ट्रीटमेंट लेना जरूरी है और ऋतुराज वसंत का आगमन, इसके लिए सबसे उपयुक्त मौसम माना जाता है। दरअसल जब आप अपनी रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य…

Read More
1 2 3 5