इसी माह के अंत में लंदन में अप्लास्टिक एनीमिया पर नियंत्रण में मददगार होगी इंदौरी डॉक्टर की रिसर्च

इंदौर। हर क्षेत्र में सफलता की नई गाथा लिख रहे देश के सबसे स्वच्छ शहर, इंदौर के रहवासी भी अब अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में सफलता के नये आयाम स्थापित कर शहर के गौरव में चार चाँद लगा रहे हैं। इसी क्रम में एक जाना-माना नाम होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी का है। वे विश्व के विभिन्न मंचों पर पहले भी कई बार इंदौर मध्य प्रदेश सहित देश का नाम रोशन कर चुके हैं।

हर्ष का विषय है कि वे इंग्लैंड के लंदन स्थित हेनीमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी द्वारा इसी माह के अंत में आयोजित इंटरनेशनल काँग्रेस में अप्लास्टिक एनीमिया पर अपना रिसर्च पेपर शेयर करेंगे। इस क्षेत्र में दो दशकों से भी अधिक समय से सराहनीय कार्य कर रहे डॉ. द्विवेदी अप्लास्टिक एनीमिया के अनेक मरीजों का समुचित इलाज कर चुके हैं। इसी विशेषज्ञता को देखते हुए उनकी रिसर्च की मदद से अब इंग्लैंड में भी इस खतरनाक बीमारी को नियंत्रित करने की कोशिश की जायेगी।

उक्त जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. शशि मोहन शर्मा ने बताया कि होम्योपैथी का आविष्कार बेशक जर्मनी में हुआ है लेकिन अब डॉ. द्विवेदी जैसे कर्मठ और लगनशील होम्योपैथिक चिकित्सक सिद्ध कर रहे हैं कि भविष्य में भारत इस चिकित्सा प्रणाली का बड़ा और संभवतः सर्वाधिक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। कोरोना काल के बाद तो भारत से लेकर इंग्लैंड तक होम्योपैथी पर विश्वास कई गुना बढ़ गया है और इस चिकित्सा पद्धति से जुड़ी कई भ्राँतियां भी दूर हो गई हैं।

इसलिए हमने इस वर्ष की इंटरनेशनल होम्योपैथिक कांग्रेस में अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। जिसमें केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद् आयुष मंत्रालय भारत सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर डॉ. द्विवेदी की रिसर्च बहुत अहम साबित हो सकेगी

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