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केरल नये रोमांचक उत्पादों के साथ घरेलू पर्यटकों को लुभाने के लिए तैयार
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केरल टूरिज्म ने इंदौर में पार्टनरशिप मीट का आयोजन किया
इंदौर. धीमी गति वाले डेस्टिनेशन के तौर पर लंबे समय से चली आ रही अपनी पहचान को तोड़ते हुये, केरल टूरिज्म ने राज्य को ‘भगवानों का देश‘ कहकर रिपैकेज किया है। यह नये एवं बेहतरीन अनुभव पाने का एक बेहतरीन स्थान है। ‘‘कम आउट एंड प्ले ‘ की टैगलाइन वाले कैंपेन का उद्देश्य घरेलू पर्यटकों पर है, जोकि शहरी जीवन के तनाव से मुक्ति पाने के लिए केरल आते हैं और अपनी दिनचर्या से अलग हटकर अनुभव करना चाहते हैं।
नया कैंपेन एक्टिविटी आधारित टूरिज्म पर जोर देता है और भारत को गैजेट की दुनिया से बाहर निकलने तथा एक-दूसरे व प्रकृति से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है। ऊंचे पहाड़ों, गहरी वादियों से लेकर सूरज की रोशनी से भरपूर बीचेज और खूबसूरत झरनों तक, केरल के 38,863 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विविध तरह के परिदृश्य मौजूद हैं जो हर तरह से बिल्कुल अलग हैं और इनका अंदाज भी बिल्कुल जुदा है। इनमें से प्रत्येक स्थान बाहरी दुनिया का मजा लेने का अवसर देता है। इस साल के घरेलू कैंपेन में कई इको-फ्रैंडली स्थायी पहलों को प्राथमिकता दी गई है। इंदौर में 17 अगस्त 2018 को संशोधित किरायों के साथ नये पर्यटन उत्पादों की श्रृंखला का प्रदर्शन किया गया।
केरल में घरेलु पर्यटकों की हुई वृद्धि: साइन
घरेलू पर्यटकों की संख्या के मामले में केरल टूरिज्म के लिए एक ऐतिहासिक साल रहा है. इस साल राज्य में 14673520 घरेलू पर्यटक आये और इसमें 11.39 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. इस वर्ष 12 प्रतिशत की वृद्धि अपेक्षित है. यह बात केरल के टूरिज्म विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के.एस. साइन ने कही. वे केरल टूरिज्म द्वारा आयोजित पार्टनरशिप मीट में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे.
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केरल के टूरिज्म के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कोन्डे नैस्ट ट्रैवेलर (बेस्ट लीशर डेस्टिनेशन) नैट जियो ट्रैवेलर जैसी पत्रिकाओं द्वारा बार-बार सराहना किये जाने के अलावा, पिछले साल 6 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीतने वाले केरल को हाल ही में लोन्ली प्लैनेट मैगजीन इंडिया द्वारा बेस्ट डेस्टिनेशन फॉर फैमिलीज (भारत) 2018 चुना गया है. घरेलू बाजार तक पहुंचने के लिए, जुलाई से अक्टूबर, 2018 तक भुबनेश्वर, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, लखनऊ, इंदौर, नागपुर, पुणे और मुंबई में अगले कुछ महीनों में पार्टनरशिप मीट का आयोजन किया जाना है. इसी के अंतर्गत इंदौर में यह मीटि आयोजित की गई है.
केरल की पारंपरिक कला स्वरूपों और इसके आकर्षक पर्यटन उत्पादों के संयोजन के साथ, यह पार्टनरशिप मीट्स पर्यटन व्यापार को उनके संबंधित शहरों में केरल की 40 पर्यटन उद्योग कंपनियों के साथ संवाद करने के अवसर प्रदान करती हैं. इस पार्टनरशिप मीट के दौरान 30 मिनट के छोटे सांस्कृतिक प्रोग्राम की प्रस्तुति भी प्रदर्शित की गई. इल दार्शनिक कहानी में केरल के विविध कला स्वरूपों का दिखाय गया. इसमें राज्य के गांवों की जिंदगी और केरल की लोक संस्कृति को दिखाया गया.
कोच्चि मुजिरिस बाएनियल का होगा आयोजन
उन्होंने बताया कि ‘कम आउट एंड प्ले ‘ की टैगलाइन वाले कैंपेन का उद्देश्य घरेलू पर्यटकों पर है, जोकि शहरी जीवन के तनाव से मुक्ति पाने के लिए केरल आते हैं. पर्यटक समृद्ध अनुभव की तलाश में केरल आते हैं और फेस्टिवल्स, म्यूजिम्स, एक्जिबिशन आदि के माध्यम से हम उन्हें केरल का संपूर्ण अनुभव देने में मदद कर सकते हैं. इस साल, हम साल की दूसरी छमाही में कोच्चि मुजिरिस बाएनियल का आयोजन करेंगे जोकि एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय कला की दुनिया के लिए एक आकर्षण केंद्र होगा. इसी तरह के प्लेटफॉर्म निर्मित करने के लिए इन नये-नये कदमों को उठाया गया है जिससे विदेशी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित होगा। हमारी वैश्विक साक्षरता फेस्टिवल और म्यूजिक फेस्टिवल का आयोजन करने की भी योजना है जिनका आयोजन सार्वजनिक संगठनों के सहयोग में किया जायेगा.
घरेलू पर्यटकों के लिए विशिष्ट रूप से निर्मित नये उत्पाद एवं अनुभव
नई पर्यटन नीति
नये रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन और लंदन वल्र्ड ट्रैवेल मार्ट में प्रतिष्ठित रिस्पांसिबल टूरिज्म अवार्ड पाने वाले कुमाराकाॅम के साथ, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नई पर्यटन नीति में स्थायी पर्यटन पहलों पर गहराई से फोकस किया गया है। पर्यावरण हितैषी रिस्पांसिबल टूरिज्म इस नीति के केंद्र में है। एक ग्रीन फार्म नीति को भी फार्म टूरिज्म विकसित करने के लिए लागू किया जायेगा। यह नीति पौधारोपण और कृषि खेतों पर फोकस करती है। कारीगरों, पारंपरिक शिल्पकारों पर विशेश ध्यान दिया गया है। साथ ही कृषि, पारंपरिक व्यावसायों, कला स्वरूपों आदि पर आधारित छोटे पैमाने के कई संग्रहालयों को भी लाने पर फोकस किया गया है।
12 वर्ष में एक बार होते हैं दीदार
जो लोग रोमांचक यात्रा करना चाहते हैंैं, उनके लिए इससे अधिक परफेक्ट समय नहीं हो सकता। वे मुन्नार की घुमावदार पहाड़ियों को एक्स्प्लोर कर सकते हैं। ट्रेक, साइकल, बाइक का मजा लेते हुये नीलाकुरिंजी फूलों के बैंगनी रंग को देखने का आनंद उठायें। यह एक दुर्लभ फूल है जोकि 12 सालों में सिर्फ एक बार खिलता है।
अपनी तरह की अनूठी बोट रेस लीग
चैंपियनस बोट लीग संभवतः साल का सबसे बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम है जिसकी शुरूआत 11 अगस्त से अलापुझा की पुन्नामडा लेक में होगी। हर वीकेंड पर लीग में 12 बोट रेस शामिल होंगी जिसका समापन 1 नवंबर 2018 को कोल्लम में पे्रसिडेंट’स स्नेक बोट रेस में होगा। इसका उद्देश्य स्नेक बोट रेसेस की प्रमुखता को बढ़ाना है, यह प्रयास निश्चित तौर पर एक रोमांचक विश्वस्तरीय पर्यटन उत्पाद में विकसित होने के लिए तैयार है।
दुनिया का सबसे बड़ा बर्ड स्कल्प्चर
स्थायी एवं पर्यावरण हितैषी पर्यटन का एक और उदाहरण जटायु अर्थ सेंटर है,, जिसका उद्घाटन पिछले महीने किया गया था और जो 65 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है। जटायु की विशाल प्रतिमा 200 फीट लंबी, 150 फीट चैड़ी और 70 फीट ऊंची है यह दुनिया में सबसे बड़ा फंक्शनल बर्ड स्कल्पचर है। यहां आसानी से पहुँचा जा सकता है क्योंकि यह दक्षिण केरल के पर्यटन स्थानों के मुख्य केंद्र में स्थित है।
भारत का पहला बायोडाइवर्सिटी म्यूजियम
पिछले कुछ महीनों में, राज्य ने कई पर्यावरणीय रूप से भागीदारीपूर्ण और पर्यावरण हितैषी वेंचर्स किये हैं जिन पर गर्व किया जा सकता है। भारत का पहला बायोडाइवर्सिटी म्यूजियम तिरुवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, यह म्यूजियम पहले एक बोटहाउस हुआ करता था लेकिन अब यह राज्य के पहले साइंस आॅन स्फियर (एसओएस) सिस्टम का घर है।
मालाबार के लिए प्रवेशद्वार
मालाबार समुद्रों से घिरा है और पश्चिमी घाट इसकी रक्षा करते हैं। यह मोप्ला व्यंजन का घर है। कन्नूर में आगामी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट आने से, केरल टूरिज्म के मालाबार को केरल का नया टूरिज्म गेटवे के तौर पर स्थापित करने की उम्मीद है जिसकी सीमायें कुर्ग, कोयंबटूर और मैसूर से जुड़ी हैं।
कला की दुनिया में गोता लगायें
कला प्रेमियों के लिए, इस साल के अंत में बेहद लोकप्रिय कोच्चि मुजिरिस बिएन्नाले का एक और संस्करण को लाया जा रहा है। राज्य फोर्ट कोच्चि की स्वप्निल गलियों का अनुमोदन करता है और इस बाएनियल का तीर्थस्थान भी है जिसने आज समसामयिक भारतीय कला के परिदृश्य को बदलकर रख दिया है और कोच्चि को भारत की कला राजधानी बनाने में मदद की है।
भारत की सबसे बड़ी टूरिज्म बायर-सेलर मीट
उद्यमियों के लिए, राज्य तीन दिवसीय बी2बी इवेंट के 10वें संस्करण का आयोजन करने के लिए तैयार है। इसका आयोजन सितंबर में होगा और यह भारत का पहला ट्रैवेल एवं टूरिज्म मार्ट है जिसने वर्षों से केरल को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने में मदद की है। केटीएम केरल के असाधारण पर्यटन उत्पादों एवं सेवाओं के पीछे छिपी व्यावसायिक बिरादरी को एक मंच पर लेकर आता है।
ऐतिहासिक स्थानों का दौरा करें
इतिहास के शौकीनों के लिए जो खुद को दूसरे युग में ले जाना चाहते हैं, मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट भी है। किसी समय में बेहद संपन्न रहे बंदरगाह का पहली सदी बीसी में अरबी, रोमन और इजिप्टियंस द्वारा सबसे ज्यादा भ्रमण किया गया था। आज इसके अवशेषों को वर्तमान में 25 संग्रहालयों में संरक्षित किया गया है। यह भारत में सबसे बड़ी धरोहर संरक्षण परियोजना है। ऐतिहासिक क्षेत्र में एक और पेशकश है स्पाइस रूट प्रोजेक्ट जोकि 2000 वर्ष पुराने प्राचीन समुद्री लिंक की याद दिलाती है और 30 देशों के साथ सांस्कृतिक धरोहरों को साझा करती है।