- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
- Mere Husband Ki Biwi Opens Up To Great Word Of Mouth Upon Release, Receives Rave Reviews From Audiences and Critics
- Jannat Zubair to Kriti Sanon: Actresses who are also entrepreneurs
कलारिया की ग्रामीण महिलाएँ कोरोना को रोकने बना रहीं है कपड़े के मास्क

इंदौर. इन्दौर ज़िले में कोरोना के प्रसार को रोकने में हर नागरिक अपनी भूमिका तय कर काम कर रहा है। एक ओर जहाँ इंदौर शहर में सभी नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ज़िले के ग्रामीण अंचल में स्वसहायता समूह की महिलाएँ भी अपनी क्षमता अनुसार मास्क बनाकर कोरोना को रोकने के अभियान में अपना योगदान दे रही है।
इंदौर जिला प्रशासन के सहयोग से मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा विकासखंड इंदौर के ग्राम कलारिया में गठित कलारिया आजीविका ग्राम संगठन वर्तमान में फैल रहे भयानक कोरोना वायरस को रोकने में प्रशासन की मदद कर रहा है। ग्राम संगठन द्वारा ग्राम स्तर पर मास्क निर्माण किये जा रहे हैं।
इस कार्य को करने हेतु ग्राम संगठन के दो समूह द्वारा मास्क निर्माण कार्य किया जा रहा है एवं 7 समूह सदस्य इस कार्य को कर रहे हैं। वैशाली स्वयं सहायता समूह से चार सदस्य व सांई स्वयं सहायता समूह से तीन सदस्य, दोनों ही समूहों को आजीविका मिशन से जुड़े एक वर्ष हो चुके हैं एवं समूह की मदद से सदस्यों द्वारा सिलाई का कार्य किया जा रहा है।
इंदौर जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिये जनता की जान बचाने व प्रशासन की मदद के लिये कलारिया ग्राम संगठन मास्क बनाकर कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित हो रहा है।
अब तक इन सहायता समूहों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को एक हजार, अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट बस सर्विस को एक हजार, बैंक ऑफ इंडिया को 5 सौ, जिला पंचायत को पाँच सौ, मेडिकल स्टोर्स को दो हजार 500, जनपद महू को एक हजार 500, ग्राम स्तर पर 600, विभिन्न ग्राम संगठन को 2 हजार 600 मॉस्क वितरित किये गये हैं। कुल मिलाकर अब तक 10 हजार 200 मॉस्क वितरित किये जा चुके हैं।
ग्राम स्तर पर मास्क निर्माण कार्य सतत रूप से जारी है। वर्तमान में दो हजार 600 मास्क तैयार हैं, जिनका वितरण किया जाना है। समूह सदस्या ममता दीदी का कहना है कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हम ग्राम में रहने वाली साधारण-सी महिलायें, जिनको घर से बाहर निकलने का अधिकार भी नहीं था, वे , आजीविका मिशन में समूहों से जुड़ने के बाद राष्ट्रव्यापी महामारी से लड़ने में जिले में मास्क बनाकर मदद करेंगी।
महिलाओं की इस लगन को देखते हुये ग्राम के और समूह भी मास्क बनाने के कार्य के लिये आगे आये हैं। उन समूहों का कहना है कि जिस प्रकार सांई समूह एवं वैशाली समूह कोरोना से लड़ने में मदद कर रहे हैं, उसी प्रकार हम सारे समूह भी यह कार्य करेंगे एवं कोरोना महामारी को जिले से खत्म करेंगे।
महिलाओं के द्वारा नॉन वूवन एवं कपड़े के तिहरी परत या दोहरी परत के मास्क तैयार किये जा रहे हैं। तैयार मास्क को मात्र 10 रूपये प्रति मास्क की दर से प्रदाय किया जा रहा है।