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मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के लिए मिलेंगी अस्थायी दुकानें
जल प्रदूषण की रोकथाम एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर कार्यशाला संपन्न
इंदौर 30 अगस्त. क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इन्दौर द्वारा प्रीतमलाल दुआ सभागृह में ‘मूर्तियों के विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण की रोकथाम एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जन जागृति कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला का उद्घाटन कलेक्टर निशांत बरवडे ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम के जलकार्य समिति के अध्यक्ष श्री बलराम वर्मा ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डायरेक्टर पर्यावरण पी.के. त्रिवेदी, नगर निगम अपर आयुक्त श्री रोहन सक्सेना तथा संयुक्त संचालक नगरीय विकास श्री अभय राजनगांवकर उपस्थित थे.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर निशांत बरवड़े ने कहा कि आने वाले त्यौंहार, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव एवं अन्य त्यौहार हमारी आस्था के पर्व है. इन त्यौहारो को हमें इको फ्रेंडली ढंग से मनाना चाहिये ताकि हमारे महत्वपूर्ण जल स्त्रोतो को प्रदूषण से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि पी.ओ.पी. की मूर्तियों को प्रतिबंधित किया गया है। सभी मूर्तिकार शासन की मंशा को समझें एवं मिट्टी की प्रतिमाऐं बनाकर विक्रय करें तथा इनमें प्राकृतिक रंगो का उपयोग किया जावें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता न पडे.
लेक्टर ने उपस्थित मूर्तिकारो, वैज्ञानिको, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को ईकोफ्रेंडली मूर्तियां बनाने हेतु नवाचार करने की भी सलाह दी गई. कलेक्टर श्री वरवड़े ने नगर निगम को कहा कि ऐसे मूर्तिकार जो ईकोफ्रेंडली मूर्तियां बनाकर विक्रय करना चाहते है उन्हे मूर्ति निर्माण एवं विक्रय हेतु दुकानें दी जाए. यदि आवश्यकता हुई तो मूर्तिकारो को शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण भी दिया जा सकता है.
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बनवाये गये कपड़े के थैले जिनमें ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन का संदेश लिखा है, का अनावरण भी किया गया. यह कपड़े की थैलियां आम-नागरिको को जन जागृति कार्यक्रमों के दौरान बांटी जायेगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर निगम इन्दौर के पार्षद एवं अध्यक्ष जल कार्य समिति, अध्यक्ष बलराम वर्मा ने बताया गया कि नगर निगम इन्दौर द्वारा ईकोफ्रेन्डली मटेरियल से बनी मूर्तियों के विक्रय हेतु 200 अस्थायी दुकाने बनाई जा रही है तथा यह अस्थायी दुकाने ऐसे मूर्तिकारो को नि:शुल्क दी जायेगी जो मिट्टी से बनी मूर्तियों का विक्रय करेंगे. मूर्ति विसर्जन हेतु 100 से अधिक स्थानों पर विसर्जन कुंड बनाये जायेंगे एवं इन विसर्जन कुंडो में 11 नदियों का जल मिश्रित किया जायेगा ताकि नागरिक पूरे विधि विधान से मूर्तियों का विसर्जन कर सके. प्राकृतिक जल स्त्रोतो जैसे-तालाब, नदियों में मूर्तियों का विसर्जन प्रतिबंधित रहेगा तथा कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जायेगा.
कार्यक्रम को बोर्ड के डायरेक्टर पर्यावरण श्री पी.के. त्रिवेदी, अपर आयुक्त नगर निगम श्री रोहन सक्सेना एवं संयुक्त संचालक नगरीय विकास विभाग श्री अभय राजनगांवकर द्वारा भी संबोधित किया गया. इस कार्यशाला में इन्दौर संभाग के समस्त स्थानीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मूर्तिकार, उत्सव मंडलो के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं छात्र-छात्राओं संख्या लगभग 140 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया.कार्यशाला का संचालन श्री सुनील व्यास द्वारा किया गया.