कथा वही जो जीवन की दशा व दिशा बदल दे

सांई भागवत की शोभायात्रा में हजारों भक्त हुए शामिल
इन्दौर. जीवन में टूटे संबंध फिर से जुड़ सकते हैं. गया धन वापस आ सकता है. लेकिन समय अगर एक बार चला गया तो दोबारा जीवन में कभी नहीं आएगा. कथा कोई भी हो उसकी सार्थकता तभी है जब आप कथा में आने से पहले कुछ थे और कथा से जाने के बाद कुछ और हो गए. हमारे जीवन की दशा और दिशा बदल दे सही मायने में वहीं कथा है। सांई भागवत आपके जीवन की दिशा और दशा बदलने की कथा है.
उक्त विचार सुप्रसिद्ध सांई कथावाचक शुभ्रम बहल ने दलालबाग में आयोजित सात दिवसीय सांई भागवत कथा के पहले दिन सभी सांई भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए.इससे पूर्व श्री केंद्रीय सांई सेवा समिति धार्मिक एवं मानव सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में शुक्रवार को दोपहर 1 बजे कालानी नगर चौराहे से श्री सांई भागवत कथा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई.
शोभायात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। वहीं यात्रा के दौरान सभी सांई भक्तों ने सर्वधर्म समभाव का संदेश भी दिया। सांई भागवत कथा की शोभायात्रा में सांई बाबा की वेशभूषा में शामिल सांई बाबा सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए चल रहे थे.
श्री केंद्रीय सांई सेवा समिति धार्मिक एवं मानव सेवा ट्रस्ट संस्थापक संगीता सुरेंद्र पाठक, चंद्रकांत कुंजीर एवं समीर जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि मां अहिल्या की नगर में पहली बार सांई भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. सांई भागवत कथा के पूर्व आज सभी सांई भक्तों ने कालानी नगर चौराहे से सांई बाबा की महाआरती साधु-संतों के सान्निध्य में कर भव्य शोभायात्रा निकाली. शोभायात्रा कालानी नगर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए दलालबाग पहुंची जहां इस यात्रा का समापन हुआ.

दलालबाग बना सांई ग्राम

सांई समाधि शताब्दी महोत्सव के तहत आयोजित सांई भागवत कथा एरोड्रम रोड़ स्थित दलालबाग पर आयोजित की जाएगी। दलालबाग पर सांई कथा वाचक शुभ्रम बहल दोपहर 4 से 8 बजे तक सभी भक्तों को सांई भागवत कथा का रसपान कराऐंगे। दलालबाग पर हो रही सांई भागवत कथा में पूरे परिसर को सांई ग्राम नाम भी दिया गया है. इस सांई ग्राम में बाबा का भव्य मंदिर शिर्डी की तर्ज पर बनाया गया है.

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